छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने विधानसभा में 2022-23 का बजट पेश करते हुए एक नया इतिहास रचा है। इस बार मुख्यमंत्री बघेल ने बजट पेश करने के लिए जिस ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया, वह किसी चमड़े या जूट से नहीं बल्कि गोबर के बाई प्रोडक्ट से बना था।
किस सोच के साथ हुई पहल की शुरुआत
दरअसल छत्तीसगढ़ में गोबर को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। हमेशा से ही यहां तीज त्यौहारों पर घरों को लीपने की परंपरा है। इसी मान्यता के आधार पर राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना को आगे बढ़ाते हुए इस पहल की शुरुआत की है। जिस पहल की प्रशंसा पूरे देशभर में की जा रही है।
कैसे और कितनें दिनों में हुआ तैयार
इसे गोकुल धाम गोठान में काम करने वाली ‘एक पहल’ महिला स्वसहायता समूह की दीदियों ने गोबर और अन्य उत्पादों के इस्तेमाल से बनाया है। वहीं इस ब्रीफकेस को बनाने में पूरे 10 दिनों का समय लगा। इसी के साथ विशेष तौर पर बनें इस ब्रीफकेस के हैंडल और कॉर्नर का निर्माण कोंडागांव शहर के समूह बस्तर आर्ट कारीगर से करवाया गया।
स्रोत: एबीपी लाइव
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