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किसान भाइयों इस समय प्याज की फसल में पत्तियों के नोक जलने की समस्या बहुत देखने को मिलती है।
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प्याज के किनारे जलने के विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे- फफूंदी जनित रोग, कीटों का प्रकोप एवं पोषक तत्व की कमी आदि।
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यदि मिट्टी या पत्ते पर किसी भी प्रकार के फफूंद का आक्रमण होता है तो भी प्याज के पत्ते के किनारे जलते है।
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यदि फसल की जड़ों या पत्तियों पर किसी प्रकार के कीट का प्रकोप हो तो भी यह समस्या होती है।
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प्याज की फसल में नत्रजन या किसी महत्वपूर्ण पोषक तत्व की यदि कमी हो जाती है तो भी पत्ते जलने की समस्या देखी जाती है इसके नियंत्रण के लिए निम्न उत्पादों का उपयोग लाभकारी होता है।
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फफूंदी जनित रोगों के नियंत्रण के लिए कीटाजिन 48% ईसी @ 200 मिली या कासुगामाइसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।
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कीटों की रोकथाम के लिए फिप्रोनिल 5% एससी @ 400 मिली या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5% ईसी @ 250 मिली या फिप्रोनिल 40% +इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी @ 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर उपयोग करें।
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पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए सीवीड एक्स्ट्रैक्ट @ 400 मिली या ह्युमिक एसिड 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।
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