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किसान भाइयों इस समय प्याज एवं लहसुन की फसल में पीलेपन की समस्या बहुत अधिक दिखाई दे रही है जिसके कारण फसल की वृद्धि एवं विकास पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ रहा है।
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फसल में पीलेपन के एक से अधिक कारण हो सकते हैं। जैसे फसल में रस चूसक कीटों का प्रकोप, फफूंदी जनित रोगों का संक्रमण, पानी की अधिकता, नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों या पोषक तत्वों की कमी कोई भी कारण हो सकता है। जिसके चलते फसल में पीलापन और पत्तियां सूखने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसके लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं।
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यदि मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक पहले नहीं दिए गए हैं तो फसल में सिंचाई के बाद यूरिया जरूर दें।
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यदि जल भराव की स्थिति दिखाई दे तो अतिरिक्त जल को बाहर निकालें।
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यदि फफूंदी जनित रोगों के कारणों से है तो कासुगामाइसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम या थायोफिनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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रस चूसक कीटों के प्रकोप होने पर प्रोफेनोफॉस 40 % + सायपरमेथ्रिन 4% ईसी @ 400 मिली या फिप्रोनिल 40% +इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी @ 80 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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पोषक तत्वों की कमी के कारण होने पर सीवीड एक्सट्रैक्ट @ 400 मिली या ह्यूमिक एसिड @ 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।
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