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किसान भाइयों दलहनी फसलों में चना एक महत्वपूर्ण फसल है। भारत में उगाई जाने वाली दलहनी फसलों की कुल पैदावार का लगभग आधा हिस्सा चने से प्राप्त होता है।
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चने की फसल में 55 -60 दिनों की अवस्था में फली लगने लगती है इस समय कीटों एवं फफूंदी जनित रोगों का प्रकोप अधिक होने की संभावना रहती है। इसके प्रबंधन के लिए प्रोपिकोनाज़ोल 25% ईसी @ 200 मिली + इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी @ 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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जैविक उपचार के रूप में रोग प्रबंधन के लिए स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम एवं कीट प्रबंधन के लिए बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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चने की फसल में फलों की संख्या में वृद्धि के लिए समय पर पोषण प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। पोषण प्रबंधन के लिए 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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