छिड़काव के लिए घोल तैयार करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले पानी का उपयोग करें। इसकी तैयारी किसी साफ़ ड्रम या प्लास्टिक की बाल्टियों में करें।
किसी कीटनाशी एवं कवकनशी को आपस में नहीं मिलाना चाहिए।
इसके साथ ही दोपहर में दवाओं का छिड़काव न करें और जब हवा चल रही तब भी दवाइयों का छिड़काव न करें। छिड़काव सुबह शाम को ही करें क्योंकि दोपहर में मधुमक्खियों का मूवमेंट होता है, ये बाते ध्यान में रखकर आप न केवल खुद को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
कीटनाशक का प्रयोग करते समय यह देख लेना चाहिए कि उपकरण में लीकेज तो नहीं है। कभी भी कीटनाशक छिड़कने वाले उपकरण पर मुंह लगाकर घोल खींचने का प्रयास नहीं करना चाहिए। तरल कीटनाशकों को सावधानी पूर्वक उपकरण में डालना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि यह शरीर के किसी अंग में न जाए। अगर ऐसा होता है तो तुरंत साफ पानी से कई बार धोना चाहिए।
बचे हुए कीटनाशक को सुरक्षित भण्डारित कर देना चाहिए। इसके रसायनों को बच्चों, बूढ़ों और पशुओं की पहुंच से दूर रखें। कीटनाशकों के खाली डिब्बों को किसी अन्य काम में नहीं लेना चाहिए। उन्हें तोड़कर मिट्टी में दबा देना चाहिए। कीटनाशक छिड़कने के बाद छिड़के गए खेत में किसी मनुष्य या जानवरों को नहीं जाने देना चाहिए।
खेत में छिड़काव की दिशा सुनिश्चित करके एवं सामान मात्रा में छिड़काव करें।
कीटनाशकों की आवश्यकता से अधिक मात्रा उपयोग ना करें।