सबसे पहले बीजों को 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP से उपचारित करें उसके बाद 5 मिली इमिडाक्लोप्रिड 48% FS से उपचारित कर अगला उपचार 2 ग्राम पीएसबी बैक्टीरिया और 5-10 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी से प्रति किलो बीज की दर से करें।
इन उपचारों से कवकजनित रोगों एवं रसचूसक कीटों से बचाव के साथ साथ उपलब्ध अवस्था में फास्फोरस पौधे को मिलता है जिससे जड़ विकास बेहतर होता है।
याद रखें की सबसे पहले फफूंदनाशी, उसके बाद कीटनाशी और अंत में जैविक कल्चर का उपयोग करना चाहिए।