- भारी मृदा में ऊँची क्यारियों का निर्माण करना जरूरी होता हैं ताकि पानी भराव की समस्या को दूर कर सके|
- रेतीली भूमि में बीजों की बुवाई समतल सतह तैयार करके की जाती है।
- प्रातः ऊँची क्यारियों का आकार 3 x1 मी. और ऊँचाई 10 से 15 से.मी. के लगभग होता है।
- दो क्यारियों के बीच की दूरी प्रायः 70 से.मी. के लगभग होना चाहिये ताकि अंतरसस्य क्रियाएँ जैसे सिंचाई एवं निदाई आसानी से की जा सके।
- पौधशाला क्यारियों की ऊपरी सतह साफ़ एवं समतल होना चाहिये ।
- पूणतः पकी गोबर की खाद या पात्तियों की सड़ी हुई खाद को क्यारियों का निर्माण करते समय मिलाना चाहिये।
- पौधशाला में आर्द्रगलन से पौधों को मरने से रोकने के लिये मैनकोज़ेब 75% WP @ 400-600 ग्राम / एकड़ की दर से घोल बनाकर अच्छी तरह से क्यारियों में ड्रेंचिंग करे|
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