यह कीट हरे पीले रंग के होते हैं। इसके शिशु व प्रौढ़ पत्तियों की निचली सतह पर रहकर रस चूसते हैं। इसका प्रकोप मार्च से सितंबर माह तक होता है। रस चूसने की वजह से पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, और किनारों के ऊपर की ओर मुड़ कर कप का आकार बना लेती हैं। अधिक संक्रमण पर पत्तियां जल जाती हैं एवं मुरझा कर सूख जाती हैं।
ऐसे करें नियंत्रण:
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बीज की बुआई के पूर्व, थियानोवा सुपर (थियामेथॉक्सम 30% एफएस) @ 5 मिली, प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें।
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खड़ी फसल में समस्या दिखाई देने पर, थियानोवा -25 ( थियामेथोक्सम 25% डब्ल्यूजी) @ 80 ग्राम, 150-200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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