- शिशु एवं वयस्क अण्डाकार हरे-सफेद रंग के होते हैं।
- वयस्क लगभग 1मि.ली. लम्बे एवं शरीर पर सफेद मोम जैसे आवरण होते हैं।
- शिशु एवं वयस्क पत्तियों के निचले सतह से रस चूसते हैं एवं मधु-श्राव का उत्सर्जन करते हैं जिसकी वजह से प्रकाश संश्लेषण में बाधा उत्पन्न होती हैं।
- पत्तियाँ रोगग्रस्त दिखती है और काली फफूंद से ढक जाती है।
- यह कीट पत्ती मोड़क विषाणु रोग का वाहक होकर इसे फैलाता है।
- पीले पात्र वाले चिपचिपे प्रपंच खेत में कई जगह लगाये।
- बुवाई के समय कार्बोफ्यूरान 3% जीआर 8 किग्रा/एकड़ की दर से मिट्टी में मिलाये।
- डायमिथोएट 30%ईसी का 250 ग्राम/एकड़ की दर से 15 दिन के अन्तराल से छिड़काव करें।
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