धान की फसल में ज़िंक क्यों आवश्यक

किसान भाइयों, जिंक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक है, जो पौधों को सामान्य वृद्धि और प्रजनन के लिए आवश्यक है। पौधे की चयाअपचय क्रियाओं में कार्यों और संरचना के निर्माण के लिए ज़िंक की आवश्यकता होती है। पौधों को कई प्रमुख क्रियाओं के लिए ज़िंक की आवश्यकता होती है। 

जिनमें प्रकाश संश्लेषण, प्रोटीन संश्लेषण, फाइटोहोर्मोन संश्लेषण (जैसे ऑक्सिन), बीज की अंकुरण शक्ति, शर्करा का निर्माण, रोग और अजैविक तनाव (जैसे, सूखा) से फसलों की सुरक्षा करता है।

धान की फसल में इसकी कमी से होने वाले रोग:- 

  • धान की फसल में ज़िंक की कमी से खैरा रोग होता है। 

  • पौधे की गांठ (जॉइंट ) की कम वृद्धि के साथ कम लम्बाई, पौधे की पत्तियां छोटी रह जाती हैं। 

  • इसकी कमी से पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और पत्तियों की बीच की शिराओं का रंग हरा दिखाई देता है। 

समाधान – 

धान रोपाई के पूर्व ज़िंकफेर (ज़िंक सल्फेट) @ 5-7 किलो (मृदा परीक्षण के अनुसार) प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन के माध्यम से दें। नर्सरी में ज़िंक की कमी के लक्षण दिखाई देने पर नोवोजिन (चिलेटेड ज़िंक) 250-300  ग्राम / एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।

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