राजस्थान सरकार ने प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए ‘देवनारायण पशुपालक योजना’ की शुरूआत कर दी है। इस अनूठी योजना के तहत 501 आवासों का आंवटन किया गया है। इस योजना के लिए करीब 300 करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं, जिसमें 15 हजार मवेशियों के रहने की व्यवस्था की गई है।
पशुपालकों के लिए क्या है खास ?
इस योजना की खास बात यह है कि यहां रहने वाले पशुपालक दूध के अलावा अब गोबर भी बेच सकेंगे। इसके लिए पशुपालकों को एक रूपए प्रति किलो गोबर के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही डेयरी व्यवसाय के लिए भी यहां विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसमें मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, बायोगैस प्लांट, पशु चिकित्सा और पशु मेला मैदान की व्यवस्था की गई है, ताकि पशुपालकों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
इसके साथ ही पशुपालकों और उनके परिवार के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास के लिए यहां पर सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। इसके अंतर्गत अंग्रेजी माध्यम स्कूल, चिकित्सालय, दुग्ध मंडी, हाट बाजार, आवागमन के लिए बस, सोसाइटी कार्यालय और पुलिस चौकी का निर्माण किया गया है।
स्रोत: टीवी9भारतवर्ष
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