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किसान भाइयों प्याज में बोल्टिंग की समस्या एक रोग नहीं बल्कि भौतिक परिवर्तन एवं व्याधि है जिसे आम भाषा में किसान प्याज में फूल आना या पाइप बनना आदि नामों से जानते है। यह समस्या प्याज में प्राय: 4-5 पत्ती अवस्था में देखने को मिलती है।
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इस व्याधि में प्याज की पत्तियां पीली होकर ऊपर से सूखने लगती है एवं पत्तियों पर फूल बनने लगते हैं जिसके कारण प्याज के कंदो के आकार के साथ उपज भी प्रभावित होती है।
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इसके संभावित कारणों में फसल में नाइट्रोजन की कमी एवं अधिकता, अधिक सिंचाई, मौसम के अनुसार किस्म का चयन न करना, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी, पौध रोपाई में देरी, वातावरण में नमी आदि प्रमुख हैं।
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इससे बचाव के लिए उचित समय पर सही मात्रा में नाइट्रोजन एवं पोषक तत्वों का उपयोग करें। ध्यान रखें की कंद बनते समय यूरिया का उपयोग न करें।
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बुवाई के लिए मौसम के अनुसार अच्छी गुणवत्ता वाली किस्म का ही चयन करें एवं अधिक सिंचाई से बचें।
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प्याज की रोप 30-45 दिनों में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है, रोपाई में देरी से भी इस व्याधि की संभावना बढ़ जाती है।
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फसल में फूल दिखते ही उसे तोड़ दें, ऐसा करना आवश्यक है अन्यथा कंदो को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है और कंद छोटे रह जाते है।
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