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मिट्टी परीक्षण, उर्वरकों के सार्थक उपयोग और बेहतर फसल उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है।
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मिट्टी परीक्षण से मिट्टी पीएच, विद्युत चालकता, जैविक कार्बन के साथ-साथ मुख्य पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्वों का पता लगाया जा सकता है, जो उपज बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है।
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इससे मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों के स्तर की जांच करके फसल एवं किस्म के अनुसार तत्वों की संतुलित मात्रा का निर्धारण किया जा सकता है। इसी के साथ ही खेत में खाद एवं उर्वरक मात्रा की सिफारिश भी इससे की जा सकती है।
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मिट्टी की अम्लीयता, लवणीयता एवं क्षारीयता की पहचान भी इससे होती है। जिसके सही अनुपात के लिए सुधारकों की मात्रा व प्रकार की सिफारिश कर इस तरह की भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण सलाह एवं सुझाव अपनाए जा सकते हैं।
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इसकी मदद से बागवानी के लिये भूमि की उपयुक्तता का पता लगा सकते हैं।
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मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार करने और मानचित्र में विभिन्न फसल उत्पादन योजना निर्धारण के लिये भी यह महत्वपूर्ण होता है, जो क्षेत्र विशेष में उर्वरक उपयोग संबंधी जानकारी देता है l
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