Management of Yellow Rust disease in Wheat

  • यह रोग फफूंद से होता है|
  • यह फफूंद नारंगी-पीले रंग के बीजाणु के द्वारा रोगी खेत से स्वस्थ खेत में फैलता है|
  • यह पत्तों की नसों की लंबाई के साथ पट्टियों में विकसित होकर छोटे-छोटे, बारीक़ धब्बे विकसित कर देता है|
  • धीरे-धीरे यह पत्तियों की दोनों सतह पर फ़ैल जाता है|
  • इस पर बने हुए पॉवडरी धब्बे 10-14 दिनों में फूट जाते है
  • यह रोग अधिक ठण्ड और नम जलवायु लगभग 10-15°से.ग्रे. तापमान पर फैलता है|

नियंत्रण-

  • कंडुआ रोग के नियंत्रण के लिए फसल चक्र अपनाना चाहिए|
  • रोग प्रति-रोधी किस्मों की बुवाई करें |
  • बीज या उर्वरक उपचार बुवाई के चार सप्ताह तक कण्डुआ को नियंत्रित कर सकता है और उसके बाद इसे दबा सकते है।
  • एक ही सक्रिय घटक वाले कवकनाशी का बार-बार उपयोग नहीं करें।
  • कासुगामीसिन 5%+कॉपर ऑक्सीक्लोरिड 45% डब्लू.पी. 320 ग्राम/एकड़ या प्रोपिकोनाज़ोल 25% ई.सी.240 मिली /एकड़ का छिड़काव करें|

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