फूलगोभी की फसल में बोरोन तत्व की कमी की पहचान एवं निवारण के उपाय

Identification and prevention of Boron element deficiency in Cauliflower

सब्जी वाली फसलों में बोरोन तत्व की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। फूलगोभी में बोरोन की कमी से फूल की ऊपरी सतह पर भूरापन आ जाता है। सामान्य तौर पर फूल बनने के बाद बोरोन की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं। शुरुआत में तने और फूल पर पानी से लथपथ भाग दिखाई देते हैं। ब्राउनिंग रोग बोरोन की कमी के कारण हीं उत्पन्न होता है। इसमें तना खोखला हो जाता है तथा फूल भूरे रंग का हो जाता है। 

इससे बचाव के लिए कैलबोर 5 किग्रा प्रति एकड़ के हिसाब से मिट्टी में मिलाएं एवं बोरोन 15 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

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कई राज्यों में जल्द होगी बारिश और भीषण गर्मी से मिलेगी राहत, देखे मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात तथा महाराष्ट्र के कई जिलों के तापमान अब बढ़ने लगे हैं। 10 और 11 मई को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के कुछ जिलों और पूर्वी राजस्थान में बादलों की गरज के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। इससे इन राज्यों को गर्मी से कुछ राहत मिलेगी। अगले कुछ दिनों के दौरान पूर्वी उत्तर व पूर्वी भारत सहित दक्षिण भारत में अच्छी बारिश जारी रहने के आसार हैं जिससे इन क्षेत्रों में पड़ रही गर्मी से राहत मिलेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
सीहोर आष्टा सरसों (काला) 4601 4840
सीहोर आष्टा सरसों 4551 4551
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सरसों 4600 4600
होशंगाबाद बानापुरा सरसों 5700 5700
छतरपुर छतरपुर सरसों 4700 4750
मन्दसौर दलौदा सरसों 5031 5051
दमोह दमोह सरसों 4670 5110
देवास देवास सरसों 4701 4890
विदिशा गंज बासौदा सरसों 4815 4815
देवास हाटपिपलिया सरसों 4731 4731
होशंगाबाद इटारसी सरसों 4601 4709
जबलपुर जबलपुर सरसों 4800 4800
रतलाम जावरा सरसों 3560 5180
टीकमगढ़ जतारा सरसों (काला) 4700 4700
टीकमगढ़ जतारा सरसों 4800 4900
कटनी कटनी सरसों (काला) 4700 4925
कटनी कटनी सरसों 4600 5200
ग्वालियर लश्कर सरसों (काला) 5000 5000
ग्वालियर लश्कर सरसों 5000 5000
नीमच मनसा सरसों 4800 4879
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 4801 4921
मंडला नैनपुर सरसों (काला) 4000 4300
नरसिंहपुर नरसिंहपुर सरसों (काला) 4875 5112
छतरपुर नौगांव सरसों 5650 5670
नीमच नीमच सरसों 4771 7330
जबलपुर पाटन सरसों 4680 4680
होशंगाबाद पिपरिया सरसों 4050 5300
छतरपुर राजनगर सरसों (काला) 4590 4720
रीवा रीवा सरसों (काला) 4650 4774
शाजापुर साजापुर सरसों 4640 4850
सतना सतना सरसों 4055 5100
मन्दसौर शामगढ़ सरसों 4840 4876
देवास सोनकच सरसों 4770 4770
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सरसों 4765 4765

स्रोत: एगमार्कनेट

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बैंगन की फसल में फल छेदक व तना छेदक का ऐसे करें नियंत्रण

Measures to control fruit borer and stem borer in Brinjal crop

इस कीट का प्रकोप बैंगन में सबसे अधिक होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी इल्ली कोमल तने में छेद करती है जिससे पौधे का तना एवं शीर्ष भाग सूख जाता है। इसके आक्रमण से फूल लगने के पहले हीं गिर जाते हैं। इसके बाद ये कीट फल में छेद बनाकर अंदर घुस जाते हैं और गूदे को खाते हैं। इससे ग्रसित फल सड़ जाते हैं और फल खाने योग्य भी नहीं रहते हैं। 

नियंत्रण के उपाय: इसके नियंत्रण के लिए स्पिनटोर (स्पिनोसैड 45%एससी) 75 मिली/एकड़ या फ़ेम (फ्लुबेंडियामाइड 39.35% एससी) 50 मिली/एकड़ या कवर (क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5%एससी) 60मिली/एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिला का छिड़काव करें।

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11 मई से कई राज्यों में शुरू होगी बारिश, देखें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

पूर्वी, उत्तर पूर्वी और दक्षिण भारत में बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई है, जिससे तापमान गिरे हैं और लू का कहर लगभग समाप्त हो गया है। फिलहाल पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के पश्चिमी जिलों का मौसम गर्म और शुष्क रहेगा। तापमान और अधिक बढ़ सकते हैं। इन राज्यों में 10 या 11 मई से बारिश की गतिविधियां शुरू होगी तथा गर्मी से राहत मिलेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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तालाब बनाने के लिए मिलेंगे 1 लाख रुपए, जानें क्या है सरकार की योजना

Farm Pond Scheme

सरकारी योजनाओं की मदद से किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं और इसी उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकारें कई प्रकार की योजनाएं चला रहे हैं। इन्हीं में से एक है खेत तालाब योजना जो उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राज्य सरकार चला रही है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को सरकार की तरफ से 50% तक की सब्सिडी मिल जाती है। बता दें की यह योजना काफी पहले से चलाई जा रही है पर इसकी ज्यादा जानकारी न होने के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

वर्ष 2024 के लिए “खेत तालाब योजना” के तहत किसानों से आवेदन मांगे जा रहे है। इस योजना के अंतर्गत लाभ लेने वाले किसान को अपने खेत को तालाब में बदलना होगा। ऐसा करने से सिर्फ उस किसान की नहीं, बल्कि दूसरे किसानों के खेतों की भी सिचाई हो सकेगी। सिंचाई के साथ साथ तालाब में मच्छी पालन भी किया जा सकता है और इससे किसान को अतिरिक्त कमाई भी मिल जाएगी। इस योजना के अंतर्गत छोटे तालाब (22×20×3 मी०) लागत/तालाब – रु. 105000 और मध्यम तालाब (35×30×3 मी०) लागत/तालाब – रु. 228400 का लाभ मिलेगा।

स्रोत: न्यूज़ नेशन

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लहसुन के भाव में तेजी जारी, उच्च भाव पहुंचे 50000 रुपये के पार

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट लहसुन 4400 12600
शाजापुर अकोदिया औसत 1500 14201
सीहोर आष्टा लहसुन 2480 14900
उज्जैन बड़नगर औसत 2500 14244
उज्जैन बड़नगर लहसुन 2300 4500
धार बदनावर औसत 5000 16050
धार बदनावर लहसुन 1000 24000
मन्दसौर दलौदा लहसुन 3600 21300
सागर देवरी लहसुन 5900 6300
सागर गढ़ाकोटा औसत 5500 6000
मन्दसौर गरोठ लहसुन 20500 21000
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 905 18000
इंदौर इंदौर औसत 4200 4200
इंदौर इंदौर लहसुन 600 17500
इंदौर इंदौर लहसुन-जैविक 11800 11800
रतलाम जावरा औसत 14212 14212
रतलाम जावरा लहसुन 2000 28252
नीमच जावद लहसुन 3000 51011
शाजापुर कालापीपल लहसुन 3000 14801
नीमच मनसा लहसुन 2100 21500
नीमच मनसा नया मध्यम 1300 5102
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 1500 27900
राजगढ़ नरसिंहगढ़ लहसुन 2400 13000
नीमच नीमच औसत 3200 14000
नीमच नीमच लहसुन 2000 26000
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 1000 20401
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 2000 20702
धार राजगढ़ लहसुन 2600 14500
रतलाम रतलाम देसी 3504 15300
रतलाम रतलाम लहसुन 3000 15900
रतलाम सैलाना औसत 9701 13900
रतलाम सैलाना लहसुन 3212 14802
शाजापुर साजापुर लहसुन 2957 14160
राजगढ़ सारंगपुर औसत 4000 4000
सीहोर सीहोर लहसुन 2900 16000
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 4801 16350
शाजापुर शुजालपुर देसी 1450 17000
मन्दसौर सीतामऊ देसी 6350 12110
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 6000 13500
उज्जैन उज्जैन लहसुन 2000 14500

स्रोत: एगमार्कनेट

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मिर्च की नर्सरी में आद्र गलन रोग की पहचान और नियंत्रण के उपाय

Damping Off Disease in Chilli Nursery

आद्र गलन रोग फफूंद के माध्यम से फैलता है और मिर्च की नर्सरी में इस रोग का प्रकोप बहुत ज्यादा देखने को मिलता है। वहीं इस रोग का प्रभाव 10 से 15 दिन के पौधों में ज्यादा देखने को मिलता है। इस रोग के लगने से पौधे की जड़ व तने में गलने की समस्या शुरू हो जाती है। इससे पौधों के तने पतले होने लगते हैं और पत्ते मुरझाने लगते हैं। इस रोग की समस्या बढ़ने पर, पत्तियां पीली होकर सूखने लगती हैं और पौधे जमीन पर गिर जाते हैं। रोपाई के समय जब पौधे ज्यादा मात्रा में निकाले जाते हैं तो यह बीमारी अधिक तीव्रता से फैलती है।

नियंत्रण के उपाय:

  • इस रोग से बचाव के लिए फसल चक्र अपनाएं, आद्र गलन रोग से प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें। बुवाई से पूर्व बीजोपचार करना अति आवश्यक है। 

  • जैविक नियंत्रण के लिए कोमबेट (ट्राइकोडर्मा विर्डी) को 8 ग्राम/किलो बीज को उपचारित करें। या 

  • विटावेक्स (कार्बोक्सिन37.5%+ थिरम37.5%डब्ल्यू एस) 3 ग्राम/किलो या धनुस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी) को 3 ग्राम/किलो बीज को उपचारित करें।

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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में होगी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

मध्य प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश शुरू हो गई तेज हवाओं के साथ आंधी भी चल सकती है। गुजरात के दक्षिणी जिलों में भी हल्की बौछार में पढ़ सकते हैं। अब धीरे-धीरे बारिश की गतिविधियां बिहार झारखंड तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित तेलंगाना आंध्र प्रदेश कर्नाटक तमिलनाडु और केरल तक भी पहुंचेगी। पश्चिम और उत्तर भारत का मौसम गर्म और शुष्क बना रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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तीतर पालन से किसान कमा सकते हैं कम लागत में अच्छा मुनाफा

Farmers can earn good profits at low cost by rearing pheasants

हमारे देश में खेती के साथ साथ कई किसान पोल्ट्री फार्मिंग भी करते हैं और आमदनी के नए रास्ते अपने लिए खोलते हैं। कई किसान पोल्ट्री फार्मिंग में खासकर के तीतर पालते हैं। बता दें की बाजार में तीतर की काफी अच्छी डिमांड है। इसकी फार्मिंग घर बैठे बेहद कम लागत में की जा सकती है और इससे अच्छी कमाई भी हो जाती है। बाजार में अंडे और मांस की डिमांड में वृद्धि देखने को मिली है। ऐसे में किसानों द्वारा मुर्गी, तीतर, बतख आदि के पालन पर अच्छी कमाई हो रही है।

वैसे पोल्ट्री फार्मिंग में तीतर पालन का काम सबसे अच्छा हो सकता है। इसकी प्रजातियां विभिन्न भारतीय जलवायु के अनुकूल होती हैं। इसे अंडे और मांस के उत्पादन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। तीतर के मांस में विटामिन प्रचुर मात्रा में मिलता है वहीं कोलेस्ट्रॉल बेहद कम होता है इसी वजह से यह खाने में बेहद स्वादिष्ट लगता है। तीतर की मादा मार्च से सितंबर माह तक तक़रीबन 90 से 110 अंडे देती है। मुर्गी पालन कर के किसान एक साल में जितनी कमाई कर पाटा है, तीतर पालन कर के वो इस कमाई का 3 से 4 गुना तक कमाई कर सकता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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