पॉलीहाउस में खेती करने से मिलेंगे कई फायदे, हैं ज्यादा लाभ

Farming in polyhouse will get many benefits
  • पॉली हाउस में पौधों को कम पानी, सीमित सूरज की किरणें, कम कीटकनाशक के साथ नियंत्रित वातावरण में उगाया जा सकता है।

  • अगर किसी क्षेत्र में जलवायु खेती के अनुरूप नहीं है और खेती लगभग असंभव है वहां भी पॉलीहाउस के माध्यम से खेती की जा सकती है और पौधे उगाए जा सकते हैं।

  • जैसे के लिए भारत के मैदानी इलाकों में स्ट्रॉबेरी उगाना मुश्किल है पर पॉलीहाउस में यह संभव है।

  • बाहरी जलवायु पॉलीहाउस में फसलों की वृद्धि को प्रभावित नहीं करती है।

  • पॉलीहाउस में खेती करने से उपज की गुणवत्ता में सुधार होता है। 

  • यह सब्जियों, फलों और फूलों में 90% पानी का संरक्षण करता है, जिससे उपज की शेल्फ लाइफ बढ़ता है।

  • पॉलीहाउस उत्पादन को अधिकतम स्तर तक बढ़ाने के लिए Co2 की उच्च सांद्रता भी प्रदान करता है, जिसके कारण पॉलीहाउस की पैदावार खुले खेत की खेती से कहीं अधिक होती है।

  • पॉली हाउस में टपक सिंचाई का इस्तेमाल होता है जिसके कारण पानी की बचत होती है। 

  • किसी भी मौसम में पौधों के लिए सही वातावरण निर्माण कर सकते हैं।

  • पॉलीहाउस से फसलों को हवा, बारिश, वर्षा और अन्य जलवायु के कारकों से बचाया जा सकता है।

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मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित पूर्वी भारत में गरज के साथ बारिश के आसार

know the weather forecast,

अगले तीन या चार दिनों के दौरान पहाड़ों पर बारिश तथा बर्फबारी होने की संभावना है। पंजाब और हरियाणा में भी हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। सप्ताह के अंत में विदर्भ, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश सहित बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में बारिश के साथ कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। इससे बढ़ती हुई गर्मी पर थोड़ा सा ब्रेक लगेगा तथा कुछ राहत मिल सकती है। दक्षिणी राजस्थान, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र सहित पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत में भीषण गर्मी दिखाई देगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सरकार का बड़ा फैसला, अब किसान NAFED और NCCF से सीधे खरीद सकेंगे गेहूँ

Now farmers will be able to buy wheat directly from NAFED and NCCF

देश में महंगाई काबू में रहे और साथ ही साथ किसानों की आय भी बढ़े इस उद्देश्य की पूर्ती हेतु सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने अब नेशनल एग्रीकल्चरल कॉपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) और नेशनल कॉपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) को सीधे किसानों से गेहूँ खरीदने के निर्देश दे दिए हैं। सरकार के इस फैसले के बाद किसानों की आय बढ़ने के साथ साथ महंगाई को कंट्रोल रखने में भी मदद होगी।

गौरतलब है की NAFED एवं NCCF दो एजेंसी है जो भारत आटा की बिक्री प्रक्रिया को मैनेज करती है। ये दोनों एजेंसी भारत चना दाल एवं भारत चावल भी बेचती है। बता दें की पिछले महीनों में जब महंगाई बड़ी तो सरकार की तरफ से खुले बाजार में भारत आटा, भारत चना और भारत चावल लांच किया गया जिसका दाम बेहद कम रखा गया।

प्रसिद्ध मीडिया संस्थान ‘Economic Times’ की एक खबर के अनुसार ये दोनों एजेंसी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूँ खरीदेगी। इन एजेंसियों के लिए खरीदारी की कोई लिमिट नहीं रखी गई है। इसका मतलब हुआ की एजेंसी जितनी चाहे उतनी खरीदारी कर सकती है।

स्रोत: किसान तक

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट स्थानीय 2401 2407
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2230 2300
उज्जैन बड़नगर स्थानीय 2380 2401
खरगोन बड़वाह स्थानीय 2325 2500
रायसेन बेगमगंज स्थानीय 2200 2210
शाहडोल ब्यौहारी मिल गुणवत्ता 2100 2150
बेतुल बेतुल लोकवन 2275 2325
बेतुल बेतुल मिल गुणवत्ता 2400 2400
बेतुल बेतुल अन्य 2400 2400
खरगोन भीकनगांव मिल गुणवत्ता 2350 2450
ग्वालियर भितरवार मिल गुणवत्ता 2330 2330
भोपाल भोपाल स्थानीय 2260 2350
राजगढ़ ब्यावरा स्थानीय 2395 2510
मंडला बिछिया स्थानीय 2000 2000
छतरपुर बिजावर मिल गुणवत्ता 2180 2220
सागर बीना शरबती 2300 2450
सागर बीना स्थानीय 2410 2410
अशोकनगर चंदेरी स्थानीय 2290 2360
छिंदवाड़ा चौरई मिल गुणवत्ता 2248 2248
छिंदवाड़ा चौरई स्थानीय 2210 2341
छतरपुर छतरपुर स्थानीय 2200 2250
छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा स्थानीय 2310 2330
ग्वालियर डबरा स्थानीय 2375 2540
ग्वालियर डबरा अन्य 2280 2280
दमोह दमोह मिल गुणवत्ता 89 2200
दमोह दमोह स्थानीय 2150 2230
दतिया दतिया स्थानीय 2200 2320
देवास देवास स्थानीय 2200 2450
धार धार लोकवन 2200 2450
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा मिल गुणवत्ता 2140 2170
धार गंधवानी मिल गुणवत्ता 2450 2475
विदिशा गंज बासौदा स्थानीय 2520 2520
विदिशा गंज बासौदा अन्य 2510 2510
सागर गढ़ाकोटा स्थानीय 2200 2225
नरसिंहपुर गोटेगांव मिल गुणवत्ता 2175 2230
नरसिंहपुर गोटेगांव स्थानीय 2335 2350
गुना गुना स्थानीय 2100 2500
रीवा हनुमना मिल गुणवत्ता 2200 2200
छतरपुर हरपालपुर स्थानीय 2300 2411
खंडवा हरसूद मिल गुणवत्ता 2150 2150
खंडवा हरसूद स्थानीय 2200 2200
दमोह हटा स्थानीय 2130 2280
होशंगाबाद होशंगाबाद मिल गुणवत्ता 2280 2290
होशंगाबाद होशंगाबाद स्थानीय 2290 2290
इंदौर इंदौर मिल गुणवत्ता 1800 3085
इंदौर इंदौर स्थानीय 2160 2365
होशंगाबाद इटारसी मिल गुणवत्ता 2382 2416
जबलपुर जबलपुर मिल गुणवत्ता 2230 2240
सागर जैसीनगर मिल गुणवत्ता 2150 2230
रतलाम जावरा मिल गुणवत्ता 2427 2433
रतलाम जावरा स्थानीय 2280 2315
टीकमगढ़ जतारा मिल गुणवत्ता 2275 2275
टीकमगढ़ जतारा स्थानीय 2200 2276
नीमच जावद स्थानीय 2300 2350
सीहोर जावर मिल गुणवत्ता 2150 2150
सीहोर जावर स्थानीय 2100 2235
राजगढ़ जीरापुर स्थानीय 2310 2310
झाबुआ झाबुआ स्थानीय 2256 2351
आलीराजपुर जोबट स्थानीय 2200 2400
खरगोन करही मिल गुणवत्ता 2280 2280
खरगोन करही स्थानीय 2235 2300
खरगोन कसरावद मिल गुणवत्ता 2270 2535
खरगोन कसरावद स्थानीय 2500 2500
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2130 2260
कटनी कटनी स्थानीय 2280 2280
शिवपुरी खनियाधाना मिल गुणवत्ता 2240 2300
शिवपुरी खनियाधाना स्थानीय 2201 2261
टीकमगढ़ खरगापुर मिल गुणवत्ता 2275 2308
खरगोन खरगोन स्थानीय 2250 2600
देवास खातेगांव लोकवन 2212 2285
हरदा खिरकिया मिल गुणवत्ता 2240 2291
शिवपुरी कोलारस स्थानीय 2250 2350
सागर मालथोन मिल गुणवत्ता 2275 2305
बालाघाट मोहगांव स्थानीय 2250 2250
मंडला नैनपुर स्थानीय 2200 2200
छतरपुर नौगांव स्थानीय 2250 2300
टीकमगढ़ निवाड़ी मिल गुणवत्ता 2250 2270
रायसेन ओबेदुल्लागंज स्थानीय 2340 2370
टीकमगढ़ पलेरा मिल गुणवत्ता 2275 2280
झाबुआ पेटलावद लोकवन 2185 2645
झाबुआ पेटलावद स्थानीय 2120 2630
झाबुआ पेटलावद अन्य 2450 2465
शिवपुरी पिछौर मिल गुणवत्ता 2255 2290
शिवपुरी पिछौर स्थानीय 2165 2275
टीकमगढ़ पृथ्वीपुर मिल गुणवत्ता 2405 2420
सागर राहतगढ़ मिल गुणवत्ता 2190 2215
रतलाम रतलाम लोकवन 2476 2476
रतलाम रतलाम अन्य 2504 2504
सागर रेहली स्थानीय 2200 2273
रीवा रीवा स्थानीय 2185 2190
सागर सागर स्थानीय 90 2300
रतलाम सैलाना लोकवन 2610 2900
रतलाम सैलाना स्थानीय 2600 2640
सतना सतना स्थानीय 2120 2150
जबलपुर सीहोरा मिल गुणवत्ता 2220 2225
सीहोर सीहोर मिल गुणवत्ता 2416 2433
बड़वानी सेंधवा मिल गुणवत्ता 2655 2655
बड़वानी सेंधवा स्थानीय 2360 2700
सिवनी सिवनी लोकवन 2275 2275
सिवनी सिवनी मिल गुणवत्ता 2260 2310
सागर शाहगढ़ मिल गुणवत्ता 2075 2280
जबलपुर शाहपुरा (जबलपुर) स्थानीय 2200 2215
श्योपुर श्योपुरकलां स्थानीय 2230 2275
रायसेन सिलवानी मिल गुणवत्ता 2100 2100
रायसेन सिलवानी स्थानीय 2180 2225
पन्ना सिमरिया स्थानीय 2200 2210
मन्दसौर सीतामऊ लोकवन 2300 2300
शाजापुर सोयतकलां स्थानीय 2150 2150
रतलाम ताल मिल गुणवत्ता 2270 2300
नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा लोकवन 2000 2000
नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा स्थानीय 2175 2180
झाबुआ थांदला मिल गुणवत्ता 2300 2300
टीकमगढ़ टीकमगढ़ स्थानीय 2276 2390
हरदा टिमरनी स्थानीय 2300 2300
उज्जैन उज्जैन मिल गुणवत्ता 2550 2550
उज्जैन उज्जैन स्थानीय 2280 2280
विदिशा विदिशा स्थानीय 2409 2482
श्योपुर विजयपुर स्थानीय 2180 2180

स्रोत: एगमार्कनेट

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खीरे की फसल में डाउनी मिल्डू रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

Symptoms and control of downy mildew in cucumber crop

यह खीरे का सबसे महत्वपूर्ण रोग है, और यह रोग कवक के कारण होता है। आमतौर पर  इसके लक्षण पत्तियों की ऊपरी सतह पर दिखाई देते हैं। शुरूआती अवस्था में पत्तियों पर छोटे पीले अथवा नारंगी रंग के धब्बे होते हैं, और जैसे ही धब्बे बड़े होते हैं, वे अनियमित मार्जिन के साथ भूरे रंग के हो जाते हैं। संक्रमित पौधों की निचली पत्तियों की सतह पर सफेद या हलके बैंगनी रंग का पाउडर दिखाई देता हैं। इस रोग में फल प्रभावित नहीं होता है, लेकिन स्वाद में यह कम मीठा होता है। 

नियंत्रण: इसके नियंत्रण के लिए प्रतिरोधी/सहिष्णु किस्में उगाएं साथ ही अधिक ऊपरी सिंचाई से बचें और पत्तियों को तेजी से सुखाने के लिए सुबह देर से सिंचाई करें। प्रकोप दिखाई देने पर मिरडोर (एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 23% एस सी) @ 200 मिली प्रति एकड़ या क्लच ( मेटीराम 55% + पायराक्लोस्ट्रोबिन 5 % डब्लूजी)@ 600 -700 ग्राम प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें। 

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कई राज्यों का फिर बदलेगा मौसम, हीट वेव का अलर्ट जारी

know the weather forecast,

मौसम विभाग ने अप्रैल और जून के महीने में आधे से ज्यादा हिंदुस्तान में भीषण गर्मी पड़ने का अलर्ट जारी किया है। उत्तर पश्चिम, पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत को छोड़कर देश के सभी राज्य हीट वेव देखेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सरकारी सब्सिडी पर करें बांस की खेती, कई साल तक कमाते रहें मुनाफा

Cultivate bamboo on government subsidy

आज के जमाने में किसान पारंपरिक फसलों के बजाय अपारंपरिक फसलों की खेती कर के अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बांस की खेती भी ऐसी ही एक अपारंपरिक खेती है जो किसानों को अच्छा मुनाफा प्रदान करती है। बांस को ग्रीन गोल्ड अर्थात हरा सोना भी कहते हैं। बाजार में हमेशा इसकी डिमांड बनी रहती है। इसे लगाने पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है।

बता दें की बांस को लगाना बेहद आसान है। इसे लगाने के लिए सबसे पहले इसके पौधे को नर्सरी से लाएं और फिर इसकी रोपाई कर दें। यहाँ इस बात का ध्यान रखें कि रोपाई के लिए जो गड्ढा खोदें वो 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा हो। बांस लगाने के लिए मिट्टी की तैयारी की कोई ख़ास जरूरत नहीं पड़ती है। हाँ यह जरूर निश्चित कर लें की मिट्टी बहुत अधिक रेतीली न हो। बहरहाल रोपाई करने के बाद इसमें गोबर से बने खाद का उपयोग करें और रोपाई के बाद एक महीने तक रोज़ाना पानी जरूर दें।

बता दें बांस का पौधा बंजर जमीन में भी लगा सकते हैं। इसकी खेती में ज्यादा खर्च करने की जरूरत भी नहीं है। इसके पौधों को लगाने के तीन महीने बाद पौधे में ग्रोथ होने लगती है। वही यह 4 साल में पूरी तरह से तैयार होती है। सरकार की तरफ से बांस की खेती को खूब बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2006 में केंद्र सरकार ने बांस मिशन की शुरुआत कि थी। वर्तमान में भी सरकार की तरफ से बांस लगाने वाले किसानों को 50% तक की सब्सिडी दी जाती है।
सरकार की इस सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए आप राष्‍ट्रीय बांस मिशन की वेबसाइट nbm.nic.in पर जा सकते हैं और ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: आज तक

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर अकोदिया सरसों (काला) 4560 4575
भिंड आलमपुर सरसों 4870 4970
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सरसों 4450 4450
होशंगाबाद बानापुरा सरसों 5650 5650
शिवपुरी बराड़ सरसों 4925 4925
ग्वालियर डबरा सरसों 5100 5100
दतिया दतिया सरसों 4498 4498
गुना गुना सरसों 4700 4700
अशोकनगर ईसागढ़ सरसों 4600 4700
मुरैना जोरा सरसों 4800 4850
शिवपुरी करेरा सरसों 4400 4500
भिंड लहार सरसों (काला) 4600 5007
भिंड लहार पीला (काला) 4875 5001
ग्वालियर लश्कर सरसों 5000 5000
ग्वालियर लश्कर सरसों (काला) 5000 5000
ग्वालियर लश्कर सरसों-जैविक 4870 4870
सतना मेहर सरसों 4600 4600
भिंड मऊ सरसों (काला) 4590 4950
भिंड मऊ पीला (काला) 4400 4940
अशोकनगर मुंगावली सरसों 4500 4700
शाजापुर नलकेहड़ा सरसों 4715 4750
छतरपुर नौगांव सरसों 4750 4800
सतना सतना सरसों 4993 5000
दतिया सेवड़ा सरसों 5000 5000
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 4890 4910
श्योपुर विजयपुर सरसों 4800 4950
श्योपुर विजयपुर सरसों (काला) 4940 4950

स्रोत: एगमार्कनेट

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पशुओं में लंगड़ा बुखार रोग के लक्षणों को पहचाने और करें बचाव

Harm and symptoms of lame fever disease in animals

पशुओं में होने वाले कुछ प्रमुख रोगों में से एक है लंगड़ा बुखार। लंगड़ा बुखार का सही समय पर इलाज नहीं करने पर पशुओं की मृत्यु तक हो सकती है। लंगड़ा बुखार को ब्लैक क्वार्टर रोग, कृष्णजंघा रोग, लंगड़िया रोग, जहरबाद रोग, एकटंगा रोग आदि कई नामों से जाना जाता है। इस रोग से छोटी आयु की गाय ज्यादा प्रभावित होती है। लंगड़ा बुखार के लक्षण नजर आने के 24 घंटों के अंदर पशुओं की मृत्यु हो सकती है। इस रोग का प्रकोप अप्रैल से जून महीने में अधिक होता है।

पशुओं में लंगड़ा बुखार के लक्षण

  • पशुओं का शारीरिक तापमान बढ़ जाता है।

  • पशुओं के पैर एवं पीठ के मांस में सूजन आ जाती है।

  • पैर में दर्द होने के कारण पशु लंगड़ा कर चलने लगते हैं।

  • पशु अधिक समय बैठे या लेटे रहते हैं।

  • कुछ समय बाद सूजन ठंडा हो जाता है और सूजन वाला भाग सड़ने लगता है।

  • सड़न वाले स्थान को दबाने पर चर-चर की आवाज आती है।

लंगड़ा बुखार से बचाव के उपाय

  • 4 महीने से ले कर 3 वर्ष तक के सभी पशुओं को प्रति वर्ष लंगड़ा बुखार का टीका लगवाएं।

  • पशुओं को लंगड़ा बुखार से बचाने के लिए पशु निवास की नियमित साफ-सफाई करें।

  • रोग से प्रभावित पशुओं को स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखें।

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कैसा रहेगा साल 2024 में भारत का मानसून, देखें पूरी जानकारी

know the weather forecast,

El Nino अभी पूरी तरह से प्रभावित है परंतु अप्रैल से जून के बीच में न्यूट्रल कंडीशन आ जाएगी और मानसून के दौरान La Nino का प्रभाव दिखाई देने लग जाएगा। इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) भी पॉजिटिव होने की संभावना दिखाई दे रही है। इन सब मौसम प्रणालियों के प्रभाव से दक्षिण पश्चिम मानसून 2024 में सामान्य या सामान्य से कुछ अधिक रह सकता है। भारत के सभी भाई बहनों और किसान भाइयों के लिए यह बहुत अच्छी खबर है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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