आज के जमाने में किसान पारंपरिक फसलों के बजाय अपारंपरिक फसलों की खेती कर के अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बांस की खेती भी ऐसी ही एक अपारंपरिक खेती है जो किसानों को अच्छा मुनाफा प्रदान करती है। बांस को ग्रीन गोल्ड अर्थात हरा सोना भी कहते हैं। बाजार में हमेशा इसकी डिमांड बनी रहती है। इसे लगाने पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है।
बता दें की बांस को लगाना बेहद आसान है। इसे लगाने के लिए सबसे पहले इसके पौधे को नर्सरी से लाएं और फिर इसकी रोपाई कर दें। यहाँ इस बात का ध्यान रखें कि रोपाई के लिए जो गड्ढा खोदें वो 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा हो। बांस लगाने के लिए मिट्टी की तैयारी की कोई ख़ास जरूरत नहीं पड़ती है। हाँ यह जरूर निश्चित कर लें की मिट्टी बहुत अधिक रेतीली न हो। बहरहाल रोपाई करने के बाद इसमें गोबर से बने खाद का उपयोग करें और रोपाई के बाद एक महीने तक रोज़ाना पानी जरूर दें।
बता दें बांस का पौधा बंजर जमीन में भी लगा सकते हैं। इसकी खेती में ज्यादा खर्च करने की जरूरत भी नहीं है। इसके पौधों को लगाने के तीन महीने बाद पौधे में ग्रोथ होने लगती है। वही यह 4 साल में पूरी तरह से तैयार होती है। सरकार की तरफ से बांस की खेती को खूब बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2006 में केंद्र सरकार ने बांस मिशन की शुरुआत कि थी। वर्तमान में भी सरकार की तरफ से बांस लगाने वाले किसानों को 50% तक की सब्सिडी दी जाती है।
सरकार की इस सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए आप राष्ट्रीय बांस मिशन की वेबसाइट nbm.nic.in पर जा सकते हैं और ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
स्रोत: आज तक
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