मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव

Indore garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़वाह, भोपाल, देवास, इछावर, कालापीपल और  रतलाम आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

खरगोन

बड़वाह

1870

3350

भोपाल

भोपाल

500

2000

देवास

देवास

100

500

देवास

देवास

100

500

इंदौर

गौतमपुरा

200

600

होशंगाबाद

होशंगाबाद

1520

1980

सीहोर

इछावर

670

670

सीहोर

इछावर

505

900

जबलपुर

जबलपुर

1000

1400

नीमच

जावद

800

1450

नीमच

जावद

800

1450

शाजापुर

कालापीपल

255

2120

शाजापुर

कालापीपल

250

2001

धार

कुक्षी

500

1200

नीमच

नीमच

461

6500

रतलाम

रतलाम

485

4401

रतलाम

रतलाम

455

3800

रतलाम

सैलान

250

4700

सीहोर

सीहोर

250

3700

शाजापुर

शुजालपुर

300

3705

मंदसौर

सीतमऊ

410

4000

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  लहसुन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

अनुदान पर करें पपीते की खेती, कमाएं लाखों रूपए

बागवानी की फसलों से किसानों को बढ़िया मुनाफा हो रहा है। ऐसे में केंद्र ओर राज्य सरकारें बागवानी की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार अपने राज्य के किसानों को पपीते की खेती के लिए अनुदान प्रदान कर रही है। सरकार पपीते की फसल लगाने पर 60 हजार रूपए की ईकाई लागत के आधार पर 75% की सब्सिडी प्रदान कर रही है। ऐसे में पपीते की खेती करने पर राज्य के किसानों को 45 हजार रूपए की अनुदान राशि प्राप्त होगी।

इच्छुक किसान रही एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि पपीते की खेती 12 महीने की जाती है। पपीते का एक स्वस्थ पेड़ एक सीजन में 40 किलो तक फल देता है। ऐसे में एक हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 2250 पपीते के पेड़ तैयार करके बढ़िया कमाई की जा सकती है।

स्रोत : आज तक

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

बायोफ्लॉक मछली पालन के लिए पाएं 60% का अनुदान

किसान खेती के अलावा मछली पालन व्यवसाय से भी बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा किसान मछली पालन व्यवसाय को अपनाएं, इसके लिए नई-नई तकनीकों के जरिए मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन्हीं में से एक बायोफ्लॉक तकनीक है, जिसकी स्थापना के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है।

क्या है बायोफ्लॉक तकनीक?

इस तकनीक के अंतर्गत 10 से 15 हजार लीटर के बड़े आकार के टैंकों में मछलियों को डाला जाता है। जिनमें गंदे पानी को निकालने के साथ ही मछलियों के लिए ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था की जाती है। बता दें कि मछलियां जितना खाती हैं, उसका 75% मल के रूप में निकाल देती हैं। इसके लिए बायोफ्लॉक नामक एक विशेष बैक्टीरिया टैंकों में डाला जाता है, जो इस मल को प्रोटीन में बदल देता है। इसी प्रोटीन को मछलियां अपने आहार के रूप में खाती हैं। इस तकनीक से एक तिहाई आहार की बचत तो होती ही है, साथ ही पानी भी साफ बना रहता है। 

बायोफ्लॉक सिस्टम लगाने में 70 हजार से 80 हजार रूपए तक का खर्च आता है। जिसमें टैंक, शेड, बिजली, पानी के साथ ही मजदूरी का खर्च भी शामिल है। इसकी लागत का 60% मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिया जा रहा है। योजना के अनुसार महिलाओं को 60% की सब्सिडी और पुरुषों को 40% की सब्सिडी देने का प्रावधान है। योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर  जल्द आवेदन करें।

स्रोत: एबीपी

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

ऐप से जोड़ें किसान, हर हफ्ते जीतें इनाम और करें कैश की कमाई

ऐप चलाओ कैश कमाओ

ग्रामोफ़ोन ऐप पर कल यानी 15 सितम्बर से “ऐप चलाओ कैश कमाओ” प्रतियोगिता की धमाकेदार शुरुआत हो रही है। यह प्रतियोगिता अगले तीन हफ्ते तक चलेगी। इस प्रतियोगिता में ऐप से पहले जुड़े हुए किसानों को अपने गांव कस्बे के वैसे किसान मित्रों को रेफरल कोड के माध्यम से ग्रामोफ़ोन ऐप से जोड़ना है जो अभी तक ऐप से नहीं जुड़े हैं। साथ ही इन नए किसानों से ऐप के माध्यम से कृषि उत्पादों की खरीदारी भी करवानी है।

कैसे होगा विजेताओं का चुनाव?
हर हफ्ते सबसे ज्यादा किसान मित्र ग्रामोफ़ोन ऐप से जोड़ने वाले टॉप 5 किसान बनेंगे विजेता और जीतेंगे शानदार इनाम। वहीं ऐप से जुड़े नए किसान से खरीदी करवाने वाले टॉप 3 किसान हर हफ्ते जीतेंगे जबरदस्त बोनस इनाम। गौरतलब है की किसान इस प्रतियोगिता में एम्ब्रेन कंपनी का है हाईटेक पावर बैंक, बढियाँ क़्वालिटी का ग्रामोफ़ोन टीशर्ट, मजबूत ग्रामोफ़ोन बैगपैक और ट्रेवेल बैग जैसे कई शानदार इनाम जीत सकते हैं ।

ऐप वॉलेट में कैश भी जीतेंगे किसान
इनामों के अलावा इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी किसान कैश भी जीतेंगे। यह कैश हर नए किसान मित्र के ऐप से सफलता से जुड़ जाने पर आपके ऐप वॉलेट में आएगा। जब आपने मित्र रेफरल कोड का इस्तेमाल करते हुए ग्रामोफ़ोन ऐप पर लॉगिन करेंगे तब आपके ऐप वॉलेट में आएंगे 150 रूपये और आपके मित्र के ऐप वॉलेट में आएंगे 100 रूपये। इन रुपयों का इस्तेमाल करते हुए आप ऐप पर उपलब्ध कृषि उत्पाद खरीद सकेंगे। तो देर न करें, तुरंत रेफर सेक्शन पर जाएँ और ऐप से जोड़ें ज्यादा से ज्यादा किसान और हर हफ्ते जीतें इनाम।

Share

मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव?

Onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे ब्यावरा, देवास, हाटपिपलिया, हरदा, कालापीपल, खंडवा और मंदसौर में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

राजगढ़

ब्यावरा

300

1200

देवास

देवास

100

800

देवास

हाटपिपलिया

600

800

हरदा

हरदा

400

600

शाजापुर

कालापीपल

110

1120

खंडवा

खंडवा

300

1000

खरगोन

खरगोन

500

1200

खरगोन

खरगोन

500

1000

मंदसौर

मंदसौर

200

1050

सागर

सागर

1000

1200

इंदौर

सांवेर

600

900

शाजापुर

सुजालपुर

300

1151

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

खरीफ प्याज की फसल में रोपाई के 40-45 दिन की अवस्था में पोषक तत्व प्रबंधन

प्याज की फसल में पौधे के विकास के साथ साथ कंद विकास के लिए मुख्य पोषक तत्वों के अलावा सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। जो बीमारी, कीट एवं प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। मिट्टी में इन पोषक तत्वों की कमी होने से फसलों पर इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

 पोषक तत्व प्रबंधन – प्याज की फसल में पौधों के अच्छे वृद्धि विकास के साथ – साथ कंद का आकार बढ़ाने के  लिए, यूरिया @ 30 किग्रा + एग्रोमिन (जिंक 5% + आयरन 2% + मैंगनीज 1% + बोरॉन 1% + कॉपर 0.5%) @ 5 किग्रा + कोरोमंडल जिंक सल्फेट @ 5 किग्रा, प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

देश की विभिन्न मंडियों में 14 सितंबर को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

शाजापुर

प्याज़

3

5

शाजापुर

प्याज़

7

9

शाजापुर

प्याज़

9

11

शाजापुर

लहसुन

2

5

शाजापुर

लहसुन

5

7

शाजापुर

लहसुन

8

11

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

22

गुवाहाटी

प्याज़

23

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

25

32

गुवाहाटी

लहसुन

35

38

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

20

25

गुवाहाटी

लहसुन

25

32

गुवाहाटी

लहसुन

35

40

बंगलोर

लहसुन

26

बंगलोर

लहसुन

38

बंगलोर

आलू

17

19

आगरा

प्याज़

6

7

आगरा

प्याज़

8

9

आगरा

प्याज़

10

11

आगरा

प्याज़

13

आगरा

हरी मिर्च

26

लखनऊ

प्याज़

5

7

लखनऊ

प्याज़

6

9

लखनऊ

प्याज़

8

10

लखनऊ

प्याज़

10

12

लखनऊ

प्याज़

7

लखनऊ

प्याज़

10

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

11

14

लखनऊ

लहसुन

5

10

लखनऊ

लहसुन

12

15

लखनऊ

लहसुन

18

25

लखनऊ

लहसुन

25

30

लखनऊ

हरी मिर्च

25

26

लखनऊ

गाजर

27

28

सिलीगुड़ी

प्याज़

9

10

सिलीगुड़ी

प्याज़

13

14

सिलीगुड़ी

प्याज़

15

16

सिलीगुड़ी

प्याज़

17

18

Share

एमपी राजस्थान समेत कई राज्यों में होगी भारी बारिश

know the weather forecast,

निम्न दबाव का क्षेत्र अब मध्य प्रदेश से राजस्थान की तरफ आएगा तथा राजस्थान के पूर्वी जिलों सहित उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में भारी बारिश होगी। मुंबई में भी 15 और 16 सितंबर को भारी बारिश की संभावना है। पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश होने के आसार हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

Share

जारी हुआ पीएम किसान योजना का हेल्पलाइन, जल्द आएंगे पैसे

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त किसानों के खाते में जल्द ही जारी की जाएगी। मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर महीने में किसानों के खाते में 2 हजार रूपए की राशि पहुंचा दी जाएगी। इस खुशखबरी के बीच केंद्र सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। जिसकी मदद से आप पीएम किसान योजना से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

टॉल फ्री नंबर की सुविधाएं

सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए एक टोल फ्री नंबर 155261 जारी किया है। इस टोल फ्री नंबर पर कॉल करके किसान लाभार्थी सूची में अपना नाम, ई-केवाईसी की पूरी प्रकिया के साथ ही बैंक खाते में जमा राशि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। 

बता दें कि योजना के तहत लाभार्थी किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रूपए भेजे जाते हैं। यह सहायता राशि तीन किस्तों में 2-2 हजार रूपए करके दी जाती है। अब तक किसानों के खातों में 11 किस्तें जमा की जा चुकी हैं। वहीं किसानों को अब अगली किस्त का इंतजार है। 

स्रोत: आज तक

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

लाखों मवेशियों को अपनी चपेट में लेने वाले वायरस के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन हुई तैयार

मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में लम्पी वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। इस वायरस की वजह से हजारों गायों की मौत हो चुकी है। वहीं अब तक लाखों मवेशी इसकी चपेट में आ चुके हैं। इन सबके बीच पशुपालकों और किसानों के लिए एक राहत की खबर सामने आई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वैज्ञानिकों ने लंपी वायरस को कंट्रोल करने के लिए देसी वैक्सीन तैयार कर ली है। 

बता दें कि देश के कई राज्यों में लंपी वायरस स्किन रोग ने पशुधन को बहुत हानि पहुंचाई है। यह एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो मच्छर, मक्खी, ततैया आदि के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इसके साथ ही दूषित भोजन और पानी की वजह से भी मवेशी इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। अब तक इस रोग पर काबू पाने के लिए सटीक इलाज का पता नहीं चल पाया था। हालांकि अब देसी वैक्सीन तैयार होने के बाद लम्पी रोग को खत्म करने की उम्मीद की जा रही है।

स्रोत: आज तक

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share