इस पूरे राज्य में होती है सिर्फ जैविक खेती

भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र संभालता है। लगभग सभी राज्यों में अलग अलग पद्धति से खेती की जाती है। कहीं धान तो कहीं मसाले एवं फलों की खेती मुख्य रूप से होती है। हालांकि बढ़ती मांग और आपूर्ति के बीच जैविक खेती का प्रयोग बहुत कम हो गया है। उपज बढ़ाने के लिए खेतों में अंधाधुंध रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है। जिसका दुष्प्रभाव पर्यावरण और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, साथ ही साथ उत्पादों की गुणवत्ता में कमी देखने को मिल रही है।

पहला जैविक राज्य बना सिक्किम

देश को ऐसी स्थिति से उबारने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। सरकार की ओर से जैविक खेती के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। हालांकि खेती को पूर्णरूप से रसायनमुक्त बनाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि इस पद्धति से लाभ प्राप्त करने के लिए लगभग चार से पांच वर्ष का समय लगता है। वहीं इन मुश्किलों के बीच पहाड़ों में बसे राज्य सिक्किम ने दुनिया में एक मिसाल कायम की है। 

ऐसे की जैविक खेती की शुरूआत

आज के समय सिक्किम राज्य में खेती करने के लिए किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है। यहां के सीढ़ीदार खेतों में पारम्परिक पद्धति से जैविक खेती की जाती है। दूसरे किसानों की तरह सिक्किम के किसानों के लिए भी जैविक खेती का यह सफर आसान नहीं रहा। वर्ष 2003 से शुरू हुए इस कदम में राज्य सरकार ने जैविक खेती करने के लिए पहले गांवों को गोद लेकर उन्हें ‘बायो-विलेज’ में तब्दील करने का संकल्प लिया। इसके बाद वहां के सभी किसानों को जैविक खाद उपलब्ध कराई गई और खेती के लिए जैविक प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

इस दौरान जैविक खेती के लिएकई जागरूकता अभियान चलाए गए। इसके लिए ऑर्गेनिक फार्म्स, ऑर्गेनिक स्कूल और घर-घर जाकर ऑर्गेनिक खादों के बारें में लोगों को जानकारी दी गई। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा खेती के लिए पोषण प्रबंधन, पद्धति, कीट प्रबंधन और प्रयोगशालाएं भी शुरू की गईं। इसके अलावा भूमि की उपज क्षमता बढ़ाने के लिए अम्लीय भूमि उपचार, जैविक पैकिंग समेत अनेकों जागरूकता अभियान चलाए गए। हालांकि इस दौरान सिक्किम राज्य को आय और उत्पादन दोनों में कमी देखने को मिली। फिर भी यहां के लोगों ने अपनी मेहनत और सब्र को बरकरार रखा।

मिला जैविक खेती का ऑस्कर पुरस्कार

फिर एक समय ऐसा आया जब किसानों की मेहनत और सब्र ने रंग दिखाया और वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा जैविक खेती से उपज प्राप्त की गई। राज्य सरकार के इन नीतियों से जैविक खेती का दायरा प्रदेश में बढ़ता चला गया। इन्हीं प्रयासों के बीच वर्ष 2016 में सिक्किम को पहला ऑर्गेनिक राज्य घोषित किया गया। प्रदेश सरकार के इस कदम से 66 हजार किसानों को लाभ प्राप्त हुआ, साथ ही 50% पर्यटन में भी वृद्धि हुई। वर्ष 2018 में संयुक्त राज्य के खाद एवं कृषि संगठन यानी FAO ने सिक्किम को इस सर्वश्रेष्ठ नीतियों के लिए ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया। आज सिक्किम देश के दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणा बन चुका है। दूसरे राज्य के किसान भी सिक्किम की नीतियों को अपनाकर जैविक खेती के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की ओर बढ़ रहे हैं।

स्रोत: इंडिया टाइम्स

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एक बार फिर होगी भारी बर्षा, देखें संपूर्ण देश का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

अगले दो-तीन दिनों के दौरान राजस्थान का मौसम शुष्क रहेगा। पंजाब हरियाणा तथा दिल्ली में भी बारिश बहुत कम होगी। बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बना निम्न दबाव अब एक बार फिर झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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कपास की फसल में डेंडु बनते समय पोषक तत्व प्रबंधन एवं जरुरी छिड़काव

किसान भाइयों, कपास की अधिक पैदावार लेने के लिये पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण उपाय है। कपास की फसल में डेंडु बनना बुवाई के 60-65 दिनों में शुरू हो जाता है। इस अवस्था में पोषण एवं कीट प्रबंधन उचित तरीके से इस प्रकार करें –  

पोषण प्रबंधन

  • कपास की अधिक पैदावार लेने के लिये, यूरिया 30 किलो + एमओपी 30 किग्रा + मैग्नीशियम सल्फेट 10 किग्रा, प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करना बहोत आवश्यक है। 

डेंडू निर्माण के लिए आवश्यक छिड़काव 

  • कपास की फसल में 5 से 10 % पूड़ी बनना शुरू हो जाये, तब इस अवस्था में, न्यूट्रीफुल मैक्स (फुल्विक एसिड का अर्क 20% + कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम ट्रेस मात्रा में – 5 % + अमीनो एसिड) @ 250 मिली या डबल (होमोब्रासिनोलाइड 0.04% डब्ल्यू/डब्ल्यू) 100 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

उपयोग के फायदे 

  • न्यूट्रीफुल मैक्स – न्यूट्रीफुल फूल मैक्स पौध वृद्धि प्रवर्तक है। इसमें फुलविक एसिड का अर्क– 20% + कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम ट्रेस मात्रा में  5% + अमीनो एसिड आदि तत्व पाए जाते हैं। यह फूलो के रंग, डेंडु के गुणवत्ता को बढ़ाता है, एवं पोषक तत्वों की उपलब्धता में भी वृद्धि करता है। सूखे, पाले आदि के खिलाफ रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देता है। 

  • एवं परागण की क्रिया पूरी हो जाती है, जिससे फूल व पूड़ी नहीं गिरते हैं। साथ ही ये पौधों को तनाव मुक्त रखता है। यह फसलों की उत्पादन के साथ साथ गुणवत्ता में भी वृद्धि करता है।

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देश की विभिन्न मंडियों में 18 अगस्त को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

अदरक

30

32

रतलाम

आलू

18

20

रतलाम

टमाटर

28

35

रतलाम

हरी मिर्च

50

60

रतलाम

भिन्डी

14

18

रतलाम

नींबू

22

25

रतलाम

फूलगोभी

25

30

रतलाम

पत्ता गोभी

35

40

रतलाम

बैंगन

13

14

रतलाम

करेला

35

36

रतलाम

कटहल

18

20

रतलाम

खीरा

13

14

रतलाम

शिमला मिर्च

36

40

रतलाम

केला

35

36

रतलाम

अनार

45

55

रतलाम

सेब

85

रतलाम

पपीता

30

34

लखनऊ

आलू

20

21

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

11

12

लखनऊ

प्याज़

13

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

9

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

14

15

लखनऊ

अनन्नास

25

28

लखनऊ

हरा नारियल

40

42

लखनऊ

लहसुन

20

25

लखनऊ

लहसुन

30

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

लहसुन

15

20

लखनऊ

लहसुन

25

32

लखनऊ

लहसुन

35

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

फूलगोभी

25

30

लखनऊ

शिमला मिर्च

45

55

लखनऊ

हरी मिर्च

55

60

लखनऊ

भिन्डी

20

लखनऊ

नींबू

48

लखनऊ

खीरा

24

26

लखनऊ

अदरक

36

40

लखनऊ

गाजर

28

30

लखनऊ

मोसंबी

28

जयपुर

प्याज़

12

13

जयपुर

प्याज़

14

15

जयपुर

प्याज़

15

16

जयपुर

प्याज़

6

जयपुर

प्याज़

8

जयपुर

प्याज़

9

जयपुर

प्याज़

10

जयपुर

लहसुन

8

10

जयपुर

लहसुन

15

18

जयपुर

लहसुन

22

25

जयपुर

लहसुन

28

30

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

8

रतलाम

प्याज़

8

13

रतलाम

प्याज़

13

15

रतलाम

लहसुन

7

9

रतलाम

लहसुन

10

16

रतलाम

लहसुन

17

24

रतलाम

लहसुन

26

45

शाजापुर

प्याज़

3

6

शाजापुर

प्याज़

9

11

शाजापुर

प्याज़

12

14

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे लहसुन के भाव?

Indore garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बदनावर, देवास, होशंगाबाद, इंदौर, कालापीपल, कुक्षी, नीमच और थांदला आदि में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

धार

बदनावर

500

1000

देवास

देवास

400

800

होशंगाबाद

होशंगाबाद

1300

2080

इंदौर

इंदौर

200

2500

शाजापुर

कालापीपल

450

2250

धार

कुक्षी

400

800

धार

कुक्षी

700

1200

नीमच

नीमच

2010

7540

शाजापुर

शुजालपुर

600

2000

झाबुआ

थांदला

800

1200

स्रोत: एगमार्कनेट

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  लहसुन जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। लेख पसंद आया हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी?

wheat mandi rates

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़ा मलहरा, अमरपाटन, अशोकनगर, बदनावर, बैतूल, भीकनगांव, छिंदवाड़ा, कालापीपल, खंडवा और मंदसौर आदि में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में गेहूं के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

पन्ना

अजयगढ़

2200

2280

सतना

अमरपाटन

2100

2300

अशोकनगर

अशोकनगर

2015

2015

छतरपुर

बड़ा मलहरा

2200

2301

धार

बदनावर

1950

2405

देवास

बागली

2020

2020

रेवा

बैकुंठपुर

2190

2270

छतरपुर

बक्स्वाहा

1950

2100

सीहोर

बकतारा

2080

2117

होशंगाबाद

बाणपुरा

2230

2278

रायसेन

बेगमगंज

2250

2300

बैतूल

बैतूल

2141

2367

मंदसौर

भानपुरा

2015

2015

खरगोन

भीकनगांव

1880

2200

भिंड

भिंड

2202

2295

ग्वालियर

भितरवार

2280

2300

सागर

बीना

2112

2200

बुरहानपुर

बुरहानपुर

2310

2382

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा

2238

2469

धार

धार

1952

2512

धार

गंधवानी

2266

2320

मंदसौर

गरोठ

2000

2080

रेवा

हनुमाना

2000

2200

इंदौर

इंदौर

2000

2561

अशोकनगर

ईसागढ़

2100

2250

होशंगाबाद

इटारसी

2251

2271

जबलपुर

जबलपुर

2250

2331

सागर

जैसीनगर

2150

2210

अनुपपूर

जैथरी

1800

1800

दमोह

जबेरा

2180

2250

शाजापुर

कालापीपल

1850

2050

शाजापुर

कालापीपल

1800

2015

शाजापुर

कालापीपल

1950

2455

नरसिंहपुर

करेली

2240

2275

खरगोन

करही

2100

2300

खरगोन

कसरावद

2275

2415

सिवनी

केवलारी

2220

2220

सागर

केसली

2170

2200

उज्जैन

खाचरोद

2040

2160

शिवपुरी

खानिअधना

2015

2015

खरगोन

खरगोन

2190

2400

देवास

खातेगांव

1900

2355

देवास

खातेगांव

1978

2250

धार

कुक्षी

2100

2311

देवास

लोहरदा

2150

2251

मंडला

मंडला

2200

2200

मंदसौर

मंदसौर

2100

2552

सतना

मैहर

2185

2266

मुरैना

मुरैना

2290

2306

उज्जैन

नागदा

2195

2205

स्रोत: एगमार्कनेट

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कपास की फसल में अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग के लक्षण एवं रोकथाम के उपाय

अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग:- यह बीज जनित रोग है, जो अल्टरनेरिया मेक्रोस्पोरा नामक फफूंद से होता है। इस रोग से पत्तियों की ऊपरी सतह पर भूरे रंग के छोटे-छोटे धब्बे बनते हैं, जो बाद में काले भूरे एवं गोलाकार हो जाते है। इन धब्बों में बनने वाली गोलाकार वलय इसकी पहचान का मुख्य लक्षण हैं। अंंत में अधिक रोग ग्रसित पत्तियां पौधों से झड़ जाती हैं। 

रोग प्रबंधन के उपाय:-

  • कॉम्बैट (ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम या मोनास-कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस 1 % डब्ल्यूपी) @ 500 ग्राम प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें 

  • टिल्ट (प्रोपिकोनाजोल 25% ईसी) @ 200 मिली या एंट्राकोल (प्रोपीनेब 70% डब्ल्यूपी) @ 600 ग्राम + सिलिकोमैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

    महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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अगले चौबीस घंटों के दौरान होगी भारी बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र अब डिप्रेशन के रूप में मध्य प्रदेश पर पहुंच चुका है। यह कमजोर होकर राजस्थान पहुंचेगा तथा अगले चौबीस घंटों के दौरान राजस्थान और गुजरात के कई जिलों में भारी बारिश देगा। पाकिस्तान के भी सिंध प्रांत में भारी से अति भारी बारिश संभव है। अगले दो-तीन दिनों के दौरान पंजाब हरियाणा दिल्ली पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी राजस्थान का मौसम लगभग शुष्क रहेगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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देश की विभिन्न मंडियों में 17 अगस्त को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

22

28

गुवाहाटी

लहसुन

30

37

गुवाहाटी

लहसुन

38

42

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

37

गुवाहाटी

लहसुन

38

42

लखनऊ

आलू

20

21

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

16

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

11

13

लखनऊ

प्याज़

14

15

लखनऊ

अनन्नास

25

28

लखनऊ

हरा नारियल

38

42

लखनऊ

लहसुन

20

25

लखनऊ

लहसुन

30

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

मोसंबी

28

रतलाम

अदरक

30

32

रतलाम

आलू

18

20

रतलाम

टमाटर

26

34

रतलाम

हरी मिर्च

50

56

रतलाम

भिन्डी

14

18

रतलाम

नींबू

22

25

रतलाम

फूलगोभी

25

30

रतलाम

पत्ता गोभी

35

40

रतलाम

बैंगन

13

14

रतलाम

करेला

35

36

रतलाम

कटहल

18

20

रतलाम

खीरा

13

14

रतलाम

शिमला मिर्च

36

40

रतलाम

केला

35

36

रतलाम

अनार

45

55

रतलाम

सेब

85

रतलाम

पपीता

30

34

लखनऊ

प्याज़

9

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

15

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

11

12

लखनऊ

प्याज़

13

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

लहसुन

15

20

लखनऊ

लहसुन

25

32

लखनऊ

लहसुन

35

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

8

रतलाम

प्याज़

8

12

रतलाम

प्याज़

12

14

रतलाम

लहसुन

7

9

रतलाम

लहसुन

10

16

रतलाम

लहसुन

17

24

रतलाम

लहसुन

25

35

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मध्यप्रदेश मंडियों में क्या चल रहे टमाटर के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे बड़वाह, बड़वानी, भोपाल, देवास, धार, गुना, इंदौर और मंदसौर आदि में क्या चल रहे हैं टमाटर के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में टमाटर के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

खरगोन

बड़वाह

775

1500

बड़वानी

बड़वानी

1400

1400

भोपाल

भोपाल

1000

2000

देवास

देवास

400

1000

देवास

देवास

400

1000

धार

धार

1800

1900

गुना

गुना

490

650

इंदौर

इंदौर

400

1400

इंदौर

इंदौर

600

2000

होशंगाबाद

इटारसी

1600

1800

जबलपुर

जबलपुर

1200

1600

खंडवा

खंडवा

600

1500

खरगोन

खरगोन

500

800

खरगोन

खरगोन

500

2000

धार

कुक्षी

700

1100

मंदसौर

मंदसौर

1200

3000

मंदसौर

मंदसौर

1200

2000

सागर

सागर

800

1200

राजगढ़

सारंगपुर

700

2000

राजगढ़

सारंगपुर

800

1900

बड़वानी

सेंधवा

1500

2000

हरदा

सिराली

4000

4000

श्योपुर

स्योपुरकलां

2000

3000

झाबुआ

थांदला

800

1200

हरदा

टिमरनी

1500

2500

स्रोत: एगमार्कनेट प्रोजेक्ट

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