इंदौर मंडी में 6 मई को क्या रहे प्याज के भाव?

Onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 6 मई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: मंदसौर मंडी भाव

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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इस राज्य के आठवीं तक के सभी छात्रों को सरकार देगी मुफ्त मूंग की दाल

The government will give free moong dal to all the students of this state up

बच्चों को देश का भविष्य माना जाता है। देश का भविष्य तभी उज्जवल होगा जब बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। इसके लिए बच्चों को संतुलित पोषक आहार मिलना बेहद जरूरी है। इस बात को ध्यान में रखते मध्यप्रदेश सरकार ने बच्चों के लिए खास योजना लागू की है।

इस योजाना के माध्यम से सरकारी स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को मुफ्त मूंग की दाल दी जा रही है। पहली से पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों को 10 किलो मूंग की दाल मिल रही है। इसके अलावा छठवीं से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 15 किलो मूंग की दाल दी जा रही है।

बता दें कि राज्य में इस योजना की शुरूआत 15 अप्रैल 2022 से कर दी गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य हर वर्ग के बच्चों को संतुलित पोषक आहार उपलब्ध कराना है। जैसा कि हम जानते हैं कि मूंग की दाल में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाएं जाते हैं, इसलिए सरकार ने मूंग की दाल वितरित करने का फैसला लिया है।

वहीं इस योजना को लेकर सरकार की ओर से कड़े निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके तहत अगर राशन वितरण करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी पायी जाती है तो, गड़बड़ी करने वाले पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं ज्यादा धांधली पाए जाने पर उनकी संपत्ति पर बुल्डोजर तक चलाया जा सकता है।

स्रोत: एबीपी लाइव

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देरी से तैयार होने वाली कपास की उन्नत किस्में !

👉🏻किसान भाइयों, मध्य प्रदेश में कपास की फसल मई जून माह में सिंचित एवं असिंचित अवस्थाओं में लगाई जाती है। कपास की किस्मों की सामान्यतः फसल अवधि 140 -180 दिन के मध्य होती है। 

👉🏻आज हम इस लेख के माध्यम से आपको मध्य प्रदेश में लगाई जाने वाली कुछ अधिक अवधि (155 -180 दिन) वाली कपास की उन्नत किस्मों व उनकी महत्वपूर्ण विशेषताओं के बारे में जानेंगे। 

👉🏻नुजीवीडू गोल्डकोट:-  इसके डेंडु का आकार मध्यम और कुल वज़न 5 ग्राम होता है। इसकी फसल अवधि 155 से 160 दिन की होती है, जो भारी मिट्टी के लिए उत्तम है। 

👉🏻अंकुर स्वदेशी 5:- इसके डेंडु का आकार बड़ा, कुल वज़न 3.50-4 ग्राम और फसल अवधि 160 से 180 दिन की होती है। जो भारी मिट्टी के लिए उत्तम व प्रतिकूल स्थिति में अधिक उपज के साथ आसानी से पकने वाली किस्म है।

👉🏻कावेरी जादू:- इसके डेंडु का आकार मध्यम व कुल वज़न 6-6.5 ग्राम होता है। फसल अवधि 155 से 170 दिन की होती है। जो हल्की मध्यम मिट्टी और नज़दीकी बुवाई के लिए उत्तम है। इसमें बोलवर्म का प्रकोप कम से कम होता है ।

👉🏻मेटाहेलिक्स आतिश:- इसके डेंडु का आकार बड़ा, कुल वज़न 5.5-6.5 ग्राम  और पौधे मध्यम से लंबा व झाड़ीदार होता है। इस फसल की अवधि 160 से 170 दिन की होती है। फसल के लिए हल्की मध्यम मिट्टी के लिए उत्तम है।

किसान भाइयों यह किस्में लगाएं बंपर उत्पादन पाएं।

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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तेज बारिश और आंधी की है सम्भवना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast

राजस्थान के पश्चिमी जिलों जैसे कि जैसलमेर और उसके आसपास आंधी आ सकती है। ओडिशा पश्चिम बंगाल झारखंड बिहार पूर्वोत्तर राज्यों सहित कर्नाटक तमिलनाडु और केरल में तेज बारिश संभव है। दिल्ली पंजाब और हरियाणा का मौसम शुष्क रहेगा। छुटपुट बादल छा सकते हैं परंतु अब धीरे-धीरे तापमान बढ़ने लगेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

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देश के विभिन्न मंडियों में 5 मई को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

मंडी

कमोडिटी

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

जयपुर

अनन्नास

34

36

जयपुर

कटहल

20

22

जयपुर

आम

140

जयपुर

आम

60

65

जयपुर

आम

50

जयपुर

नींबू

100

110

जयपुर

नारियल

35

37

जयपुर

अनार

75

80

जयपुर

अदरक

25

26

जयपुर

तरबूज

10

12

जयपुर

आलू

10

13

कोलकाता

आलू

13

कोलकाता

प्याज

15

कोलकाता

अदरक

31

कोलकाता

लहसुन

29

कोलकाता

लहसुन

31

कोलकाता

लहसुन

33

कोलकाता

तरबूज

18

कोलकाता

अनन्नास

45

55

कोलकाता

सेब

115

128

लखनऊ

आम

60

65

लखनऊ

सेब

90

105

लखनऊ

प्याज

12

13

लखनऊ

अदरक

25

26

लखनऊ

आलू

13

14

रतलाम

आलू

12

14

रतलाम

टमाटर

18

22

रतलाम

कद्दू

14

रतलाम

पपीता

14

रतलाम

हरी मिर्च

45

60

रतलाम

नींबू

150

रतलाम

खरबूज

22

26

रतलाम

तरबूज

6

8

रतलाम

कटहल

18

रतलाम

भिंड़ी

7

10

रतलाम

प्याज

2

3

रतलाम

प्याज

3

5

रतलाम

प्याज

5

8

रतलाम

लहसुन

6

11

रतलाम

लहसुन

11

19

रतलाम

लहसुन

18

32

रतलाम

लहसुन

28

56

सोलापुर

आलू

19

सोलापुर

आलू

18

23

सोलापुर

प्याज

5

7

सोलापुर

प्याज

6

9

सोलापुर

प्याज

9

13

सोलापुर

प्याज

11

16

सोलापुर

अनार

70

90

सोलापुर

अनार

75

150

सोलापुर

अनार

100

180

सोलापुर

अंगूर

30

65

सोलापुर

लहसुन

12

17

सोलापुर

लहसुन

15

20

सोलापुर

लहसुन

25

38

सोलापुर

लहसुन

40

55

गुवाहाटी

प्याज

11

गुवाहाटी

प्याज

14

गुवाहाटी

प्याज

17

गुवाहाटी

प्याज

11

गुवाहाटी

प्याज

15

गुवाहाटी

प्याज

17

गुवाहाटी

लहसुन

30

गुवाहाटी

लहसुन

38

गुवाहाटी

लहसुन

45

गुवाहाटी

लहसुन

50

गुवाहाटी

लहसुन

30

गुवाहाटी

लहसुन

40

गुवाहाटी

लहसुन

50

गुवाहाटी

लहसुन

55

60

लखनऊ

प्याज

9

10

लखनऊ

प्याज

11

13

लखनऊ

प्याज

11

12

लखनऊ

प्याज

13

लखनऊ

प्याज

14

लखनऊ

लहसुन

10

15

लखनऊ

लहसुन

20

25

लखनऊ

लहसुन

30

35

लखनऊ

लहसुन

40

45

भोपाल

प्याज

8

भोपाल

प्याज

9

भोपाल

प्याज

10

भोपाल

लहसुन

9

भोपाल

लहसुन

15

भोपाल

लहसुन

16

भोपाल

लहसुन

10

भोपाल

लहसुन

21

जयपुर

प्याज

11

12

जयपुर

प्याज

13

जयपुर

प्याज

14

जयपुर

प्याज

5

6

जयपुर

प्याज

7

8

जयपुर

प्याज

9

10

जयपुर

प्याज

11

जयपुर

लहसुन

10

13

जयपुर

लहसुन

17

20

जयपुर

लहसुन

23

26

जयपुर

लहसुन

33

36

जयपुर

लहसुन

13

15

जयपुर

लहसुन

18

25

जयपुर

लहसुन

30

35

जयपुर

लहसुन

40

42

कोलकाता

प्याज

10

कोलकाता

प्याज

12

कोलकाता

प्याज

14

15

कोलकाता

प्याज

16

कोलकाता

लहसुन

29

कोलकाता

लहसुन

31

कोलकाता

लहसुन

33

पश्चिम बंगाल

प्याज

13

पश्चिम बंगाल

प्याज

15

16

पश्चिम बंगाल

प्याज

10

पश्चिम बंगाल

प्याज

14

15

पश्चिम बंगाल

प्याज

16

पश्चिम बंगाल

लहसुन

28

30

पश्चिम बंगाल

लहसुन

35

36

शाजापुर

प्याज

4

6

शाजापुर

प्याज

7

9.5

शाजापुर

प्याज

9.5

10.5

शाजापुर

लहसुन

12

शाजापुर

लहसुन

18

23

शाजापुर

लहसुन

23

26

तिरुवनंतपुरम

प्याज

25

35

तिरुवनंतपुरम

प्याज

12

तिरुवनंतपुरम

प्याज

16

तिरुवनंतपुरम

प्याज

19

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

50

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

55

तिरुवनंतपुरम

लहसुन

65

कोलकाता

प्याज

11

कोलकाता

प्याज

13

कोलकाता

प्याज

14

15

कोलकाता

प्याज

16

कोलकाता

लहसुन

30

कोलकाता

लहसुन

32

कोलकाता

लहसुन

33

मंदसौर

लहसुन

13

18

मंदसौर

लहसुन

19

25

मंदसौर

लहसुन

26

32

मंदसौर

लहसुन

32

45

आगरा

प्याज

7

7.5

आगरा

प्याज

7.5

8

आगरा

प्याज

8

9

आगरा

प्याज

10

11

आगरा

प्याज

8

9

आगरा

प्याज

9

10

आगरा

प्याज

10.5

11

आगरा

प्याज

12

13

आगरा

प्याज

5

6

आगरा

प्याज

6.5

7

आगरा

प्याज

7.5

8

आगरा

प्याज

8

8.5

आगरा

लहसुन

15

20

आगरा

लहसुन

22

24

आगरा

लहसुन

25

27

आगरा

लहसुन

28

30

आगरा

लहसुन

आगरा

नींबू

90

आगरा

कटहल

18

16

आगरा

अदरक

20

आगरा

अनन्नास

30

आगरा

तरबूज

7

10

आगरा

आम

50

65

वाराणसी

प्याज

7

9

वाराणसी

प्याज

10

11

वाराणसी

प्याज

14

वाराणसी

प्याज

11

12

वाराणसी

प्याज

13

वाराणसी

लहसुन

14

वाराणसी

लहसुन

8

12

वाराणसी

लहसुन

15

25

वाराणसी

लहसुन

25

35

वाराणसी

लहसुन

35

40

गुवाहाटी

प्याज

12

गुवाहाटी

प्याज

16

गुवाहाटी

प्याज

18

गुवाहाटी

प्याज

18

गुवाहाटी

लहसुन

32

गुवाहाटी

लहसुन

39

गुवाहाटी

लहसुन

47

गुवाहाटी

अदरक

46

51

गुवाहाटी

अदरक

33

40

गुवाहाटी

आलू

12

गुवाहाटी

आलू

11

गुवाहाटी

निंबू

48

गुवाहाटी

तरबूज

13

15

नासिक

प्याज

4

5

नासिक

प्याज

5

6

नासिक

प्याज

7

9

नासिक

प्याज

12

पटना

टमाटर

15

18

पटना

आलू

10

12

पटना

लहसुन

10

पटना

लहसुन

26

पटना

लहसुन

32

पटना

तरबूज

18

पटना

कटहल

25

पटना

अंगूर

60

पटना

खरबूज

26

पटना

सेब

65

पटना

अनार

95

पटना

हरी मिर्च

20

पटना

करेला

25

पटना

ककड़ी

12

पटना

कद्दू

8

कोचीन

अनन्नास

30

कोचीन

अनन्नास

29

कोचीन

अनन्नास

36

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अब नलकूप खनन पर किसानों को मिलेगा 75% का अनुदान

Now farmers will get 75% grant on tubewell mining

किसानों को मदद पहुंचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से नलकूप खनन योजना चलाई जा रही है और इस योजना के अंतर्गत किसानों को नलकूप के खनन हेतु 75% तक का अनुदान दिया जा रहा है।

नलकूप खनन योजना का लाभ प्रदेश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के किसान उठा सकते हैं। इसके अलावा सामान्य वर्ग के किसानों को अलग योजना के तहत लाभ दिया जाता है। वर्तमान में यह योजना इंदौर और शाजापुर जिले को छोड़कर पूरे राज्य में लागू है।

इस योजना में सफल या असफल नलकूप खनन पर 75% राशि राज्य सरकार द्वारा मिल जाती है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा अधिकतम 25000 रूपये की राशि दी जाती है। इसके अलावा सफल नलकूप पर पंप लगाने हेतु भी 75 प्रतिशत की राशि किसान की दो जाती है। इसके अंतर्गत अधिकतम 15000 हजार रूपये की राशि राज्य सरकार देती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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खस की खेती से किसान बना लखपति, सालाना 20 लाख की कमाई

Farmer became a millionaire by cultivation of poppy seeds

किसानों के लिए खेती करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। अक्सर बदलते मौसम की वजह से किसान भाईयों को नुकसान उठाना पड़ता है। कई बार तो बाढ़ या सूखे की वजह से भी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसी मुश्किलों से जूझ रहे किसानों के लिए मेघराज प्रसाद प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं।

बिहार राज्य के कररिया गांव के निवासी मेघराज प्रसाद ने खस की खेती कर एक मिसाल पेश की है। मेघराज ने बताया कि वे हमेशा से ही कृषि क्षेत्र में कुछ अलग करना चाहते थे। अपने सपने को साकार करने के लिए उन्होंने हिमाचल के एक मित्र से औषधीय पौधों के बारे में जानकारी हासिल की। जहां मित्र से उन्हें खस के बारे में पता चला।

खस की खेती करने के उद्देश्य से उन्होंने लखनऊ के सीमैप रिसर्च सेंटर जाकर ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के बाद सेंटर से ही 20 हजार रूपए के 10 हजार खस के बीज खरीदे। मेघराज ने बताया कि शुरूआत में उन्होंने सिर्फ एक बीघे में ही खेती की। जहां उन्हें उम्मीद से ज्यादा यानि एक लाख रूपए की आमदनी हुई। इसके बाद उन्होंने 20 बीघे में खेती करके बंपर मुनाफा कमाया। अब आलम यह है कि मेघराज 20 एकड़ जमीन पर खस की खेती कर सलाना 20 लाख की कमाई कर रहे हैं।

मेघराज बताते हैं कि खस को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा बारिश की अधिकता से भी यह फसल प्रभावित नहीं होती है। कहने का मतलब ये है कि खस की फसल हर विषम परिस्थिति में फलती-फूलती है। इसके साथ ही इस फसल को जानवरों से भी कोई नुकसान नहीं है। ऐसे में खस की खेती के लिए किसान भाईयों को बाढ़, सूखा और जानवरों से कोई डर नहीं है।

बता दें कि खस का उपयोग खासकर इत्र बनाने में किया जाता है। जिस कारण इसकी बाजार में मांग काफी ज्यादा है। वहीं इसके पौधे की जड़ से सुंगधित तेल निकाला जाता है। इसके अलावा खस का प्रयोग साबुन, सुंगधित प्रसाधन सामग्री बनाने में किया जाता है। ऐसे में आप भी खस की खेती के जरिए कम लागत के साथ लाखों रूपए का कमा सकते हैं।

स्रोत: गांव कनेक्शन

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रतलाम मंडी में 5 मई को क्या रहे नए गेहूँ के भाव?

wheat rates increasing

नए गेहूँ भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है गेहूँ का भाव !

स्रोत: जागो किसान यूट्यूब चैनल

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इंदौर मंडी में 5 मई को क्या रहे प्याज के भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 5 मई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: मंदसौर मंडी भाव

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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कपास की बुवाई के पूर्व डीकम्पोजर अपनाएं और उत्पादन बढ़ाएं

decomposer before sowing cotton

👉🏻किसान भाइयों, डीकम्पोजर एक प्रकार का जैव उर्वरक है जो मृदा की उर्वरा शक्ति सुधारने का कार्य करता है। 

👉🏻जब खेत में से फसल की कटाई हो चुकी हो तब इसका उपयोग करना चाहिए। 

👉🏻किसान भाई पाउडर के रूप में डीकम्पोजर 4 किलो प्रति एकड़ की दर से खेत की मिट्टी या गोबर में मिलाकर भुरकाव कर सकते हैं।  

👉🏻भुरकाव के बाद खेत में थोड़ी नमी की मात्रा बनाएं रखें। छिड़काव के 10 से 15 दिनों के बाद कपास की फसल की बुवाई कर सकते हैं।

👉🏻चूंकि ये सूक्ष्म जीव पुरानी फसलों के अवशेषों को खाद में बदलने का काम करते हैं, इसलिए इनकी पाचन प्रक्रिया एनएरोबिक से एरोबिक में बदल जाती है, जो रोगकारक एवं हानिकारक जीवों को नष्ट कर देती है। 

👉🏻जैव संवर्धन और एंजाइमी कटैलिसीस की सहक्रियात्मक क्रिया के द्वारा पुराने अवशेषों को स्वस्थ, समृद्ध, पोषक-संतुलित खाद में बदल देती है।

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