इस राज्य में सरकार दे रही है राशन के साथ गैस सिलेंडर फ्री

the government is giving free gas cylinders with ration

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के बीपीएल कार्ड धारकों के लिए एक खास ऐलान किया है। इसके तहत अब से कार्ड धारकों को राशन के साथ 5 किलो के छोटे गैस सिलेंडर भी दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ उन सभी लोगों को मिलेगा जो आर्थिक तंगी के चलते 14 किलो वाला गैस सिलेंडर नहीं खरीद पाते हैं।

देखा गया है कि आर्थिक परेशानी के चलते कई लोग निजी दुकानों पर बार-बार छोटे सिलेंडर में गैस भरवाते हैं। जो उन्हें काफी महंगी पड़ती है। ऐसे में लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने बेहतरीन तरीका खोज निकाला है। इसके तहत बीपीएल कार्ड धारकों को राशन की दुकानों पर राशन के साथ ही 5 किलो का एक छोटा सिलेंडर भी दिया जाएगा।

इस योजना के लिए रायपुर जिला प्रशासन ने गुढ़ियारी थाना और टिकरापारा थाना को चुना है। जिसके तहत यहां की राशन दुकानों पर एचपीसीएल कंपनी द्वारा गैस की सप्लाई की जाएगी। इसके अलावा गैस सिलेंडर की किमत और राशन व्यापारियों का कमीशन भी कंपनी ही तय करेगी, ताकि कोई भी राशन और गैस की कालाबाजारी न कर सके।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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इस राज्य में एमएसपी से महंगा बिक रहा है गेहूँ और सरसों

Wheat and mustard rates

वीडियो के माध्यम से देखें गेहूँ और सरसों भाव में कितनी तेजी देखने को मिल रही है!

स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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इंदौर मंडी में 9 अप्रैल को क्या रहे प्याज के भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 9 अप्रैल के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: मंदसौर मंडी भाव यूट्यूब चैनल

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अप्रैल माह में किए जाने आवश्यक कृषि कार्य

Agriculture work required to be done in April
  • किसान भाइयों, अप्रैल माह कृषि कार्य करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माह होता है। इस समय गहरी जुताई करने के बाद खेत को खुला छोड़ दें, ताकि मिट्टी में उपस्थित कृमिकोष, कीट, उनके अंडे एवं खरपतवार, फफूंद  जनित रोग फैलाने वाले रोगकारक नष्ट हो जाएँ। 

  • इस महीने फसल कटने के बाद खेत के मिट्टी की जांच जरूर कराएं। मिट्टी परीक्षण से मिट्टी का पीएच, विद्युत चालकता, जैविक कार्बन के साथ साथ मुख्य और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का पता लगाया जाता है जिसे समयानुसार सुधारा जा सकता है। 

  • गेहूँ की कटाई के बाद मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए हरी खाद जैसे ढैंचा, लोबिया, मूंग आदि की बुवाई कर सकते हैं। 

  • मूंग की फसल में अगर मिट्टी में नमी की कमी हो तो एक हल्की सिंचाई अवश्य करें। सिंचाई के पहले निराई-गुड़ाई करें ताकि मिट्टी में नमी ज्यादा दिनों तक रह सके। थ्रिप्स, माहू और हरा तेला की समस्या हो तो, थायोमेथोक्साम 25% डब्ल्यूजी [थियानोवा 25] @ 100 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें। 

  • कद्दू वर्गीय फसलों में अधिक फूलों की संख्या एवं विकास के लिए होमोब्रेसिनोलीड्स 0.04% [डबल] @ 100 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें।

  • कपास की खेती करने के लिए गहरी जुताई कर 3-4 बार हैरो चला दें ताकि मिट्टी भुरभुरी होने के साथ इसकी जलधारण क्षमता भी बढ़ जाए। ऐसा करने से मिट्टी में उपस्थित हानिकारक कीट, उनके अंडे, प्युपा तथा कवकों के बीजाणु भी नष्ट हो जायेंगे।

  • पशुओं में खुरपका – मुंहपका रोग से बचाव के लिए टीका अवश्य लगवाएं एवं बदलते हुए मौसम के अनुसार सुपाच्य तथा पौष्टिक चारे की व्यवस्था करें।

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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कुछ राज्यों में बारिश की संभावना तो कुछ राज्यों में गर्मी का कहर

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में समुद्री तूफान बनने की संभावना अब समाप्त हो गई है। हालाँकि एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। दिल्ली हरियाणा से शुरू होकर राजस्थान गुजरात मध्य प्रदेश महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ बिहार झारखंड तक गर्मी का कहर जारी रहेगा। सिक्किम, पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों सहित असम मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, केरल कर्नाटक आदि राज्यों में बारिश संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सरकारी सब्सिडी पर शुरू करें अपना कोल्ड स्टोरेज, होगी जोरदार कमाई

Start your own cold storage on government subsidy

उचित भंडारण न होने की वजह से ज्यादातर किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। कई किसान इस नुकसान से बचने के लिए मजबूरन अपनी उपज कम दामों पर बेच देते हैं। वहींं कोल्ड स्टोरेज की मदद से किसान ज्यादा समय तक अपनी उपज को सुरक्षित रख पाते हैं।

हालांकि कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए हर किसान आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं है। किसानों की इस मुश्किल का हल निकालते हुए सरकार ने ‘एकीकृत विकास मिशन’ की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने के लिए अनुदान प्राप्त होता है।

इस योजना के तहत किसानों को कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिए लोन नहीं दिया जाता है बल्कि इसके बदले सरकार उन्हें क्रेडिट लिंक्ड बैक एंडेड सब्सिडी देती है। इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ पहाड़ी क्षेत्र के किसानों को मिलता है। उन्हें परियोजना लागत के 50% की दर से सब्सिडी दी जाती है। वहीं दूसरी ओर सामान्य एवं मैदानी क्षेत्रों में परियोजना लागत के 35% की दर से लाभ प्राप्त होता है। इसके अलावा एक हजार मीट्रिक टन से ज्यादा क्षमता वाली इकाइयों को भी इसका फायदा मिलता है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को संबंधित जिला कार्यालयों में प्रस्ताव जमा करना होता है। जहां आवेदनों को ‘पहले आओ पहले पाओ’ के तहत स्वीकार किया जाता है।

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

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लाखों परिवारों को मिल रही सलाना आर्थिक मदद, जानें योजनाओं के बारे में

Millions of families are getting financial help annually

छत्तीसगढ़ सरकार लोगों को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इनमें राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना एवं राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना शामिल हैं। 

इन योजनाओं के तहत प्रदेश के किसानों, पशुपालकों, भूमिहीन किसान मजदूरों, तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों, पशुपालक ग्रामीणों, महिला समूहों की मदद की जा रही है। इसके तहत सरकार द्वारा जरूरतंद लोगों के बैंक खातों में 1124 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि जारी की गई है।

प्रदेश के ग्रामीण भूमिहीन परिवारों की आर्थिक मदद के उद्देश्य से राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना चलाई जा रही है। इसके तहत भूमिहीन परिवारों को 7 हजार रूपए की वार्षिक मदद उपलब्ध कराई जाती है। वहीं अब तक लगभग 3 लाख 55 हजार भूमिहीन परिवारों के बैंक खातों में सहायता राशि पहुंचाई जा चुकी है। वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए अब तक किसानों के खातों में बीते दो वर्षों में 11 हजार 180 करोड़ 97 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

इसके अलावा गोधन न्याय योजना की मदद से गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके तहत राज्य सरकार द्वारा 13 करोड़ 62 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। आप भी इन योजनाओं से जुड़कर सरकार द्वारा दी जा रही मदद का लाभ उठा सकते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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रतलाम मंडी में 8 अप्रैल को क्या रहे नए गेहूँ के भाव?

Ratlam Mandi wheat Rate

नए गेहूँ भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है गेहूँ का भाव !

स्रोत: जागो किसान यूट्यूब चैनल

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इंदौर मंडी में 8 अप्रैल को क्या रहे प्याज के भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 8 अप्रैल के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: मंदसौर मंडी भाव यूट्यूब चैनल

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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ये उन्नत कपास बीज दिलाएंगे जोरदार उपज व बढियाँ मुनाफा

These advanced cotton seeds will give good yield and better profits

कपास की खेती का सीजन अब शुरू होने ही वाला है। ज्यादातर किसान इस असमंजस में रहते हैं की वे अच्छी उपज और बढियाँ मुनाफा प्राप्त करने के लिए कपास के कौन से किस्म के बीज खरीदें। इस लेख के माध्यम से हम आपकी इन्हीं असमंजस को दूर करने वाले हैं। अगर बात मध्य प्रदेश की करें तो यहाँ कपास की फसल मई जून माह में सिंचित एवं असिंचित दोनों क्षेत्रों में लगाई जाती है। मध्य प्रदेश में लगाई जाने वाली कुछ उन्नत किस्में एवं उनकी महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्न हैं। 

  • नुजीवीडू गोल्डकोट: इस संकर किस्म के डोडे का आकर मध्यम और कुल वज़न 5 ग्राम होता है। इसकी फसल अवधि 155 से 160 दिनों की होती है। यह किस्म भारी मिट्टी में उगने के लिए उत्तम होती है। इस किस्म की बीज़ दर 600-800 ग्राम/एकड़ लगती है। इस किस्म की बुआई का उचित समय मई-जून रहता है।

  • प्रभात सुपर कोट: इस किस्म के डोडे बड़े व 5.5 ग्राम से लेकर 6.5 ग्राम वजनी होते हैं। इसकी फसल अवधि 140 से 150 दिनों की होती है। यह भारी काली मिट्टी में उगने के  लिए उत्तम होती है। इस किस्म में लाइन से लाइन की दूरी 4 फिट एवं पौधे से पौधे की दूरी 1.5 फिट होती है। यह किस्म रस चूसक कीट के प्रति सहिष्णुता, अच्छी गुणवत्ता, व्यापक अनुकूलन वाली होती है। इसकी बीज़ दर 600-800 ग्राम/एकड़ होती है। यह किस्म मई-जून में लगाने के लिए उपयुक्त होता है।

  • आदित्य मोक्षा: इस संकर किस्म के डोडे मध्यम और 6 ग्राम से लेकर 7 ग्राम वजनी होते हैं। इसकी फसल अवधि 140 से 150 दिनों की होती है। यह किस्म हल्की मध्यम मिट्टी में उगने के लिए उत्तम होती है। इस किस्म में लाइन से लाइन की दूरी 4 फिट एवं पौधे से पौधे की दूरी 2.5 फिट होती है। यह किस्म सिंचित एवं असिंचित दोनों क्षेत्र में बुआई के लिए उपयुक्त होती है। इस किस्म की बीज़ दर 600-800 ग्राम/एकड़ है। यह किस्म मई- जून में बुआई हेतु उपयुक्त है।

  • अंकुर 3028: इस संकर किस्म के पौधे सीधे होते हैं। इनके डोडे बड़े एवं आसानी से तोड़ने लायक होते हैं। इनका पौधा बहुत हराभरा होता है। ये कम दूरी की बुआई के लिए उपयुक्त होते हैं साथ ही रस चूसक कीटों एवं बैक्टीरियल ब्लाइट के प्रति प्रतिरोधी होते हैं। इससे बने धागे की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है।

  • अंकुर 3224: यह संकर किस्म मानसून पूर्व बुआई के लिए उपयुक्त है और मध्यम व भारी मिट्टी में लगाई जा सकती है। यह सिंचित और वर्षा आधारित खेती के लिए उपयुक्त किस्म है। इसका पौधा लम्बा एवं मज़बूत होता है तथा इसके नोड एवं इंटर नोड के बीच की दूरी कम होती है। इसके डोडे का आकार बड़ा एवं 5 से 5.5 ग्राम वजनी होता है। यह रस चुसक कीटों के प्रति प्रतिरोधी किस्म होती है।

  • अंकुर जय: यह संकर किस्म मानसून पूर्व बुआई के लिए उपयुक्त होती है, भारी मिट्टी में  लगायी जा सकती है, इसके पौधे लम्बे होते हैं, यह  रस चूसक कीटों के प्रति प्रतिरोधी होती है, इसके डोडे का आकार बड़ा एवं वज़न 5.5 ग्राम होता है, इससे बने धागे की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है।

  • तुलसी सीड्स लम्बुजी: इस संकर किस्म से पौधा लंबा एवं मज़बूत होता है और कटाई के समय तक हराभरा रहता है। इसके डोडे की तुड़ाई बड़ी आसानी से की जा सकती है एवं यह रस चूसक कीटों के प्रति एक प्रतिरोधी किस्म होती है।

इन बताई गई बीज किस्मों के अलावा मगना, मनी मेकर, जादु, अजित 155, भक्ति, आतिश आदि अन्य किस्मे भी किसान भाई लगा सकते हैं। बताई गई बीजों की खरीदी के लिए ग्राम बाजार पर जाएँ। 

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