जानें सरसों की कटाई का उचित समय व अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

Know the proper time for harvesting mustard and other important facts

सरसों की फसल फरवरी से मार्च माह में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। किसान भाई सरसों की कटाई के समय निम्न बातों को ध्यान में रख कर अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं- 

  • सरसों की फसल में 75 प्रतिशत फलियां जब पीली हो जाए तब फसलों की कटाई कर लेनी चाहिए।  

  • सही समय पर कटाई करना बेहद जरूरी है। कटाई में देर होने पर फलियां फटने लगती हैं।

  • कई बार कटाई में देरी होने पर दानों का वजन और दानों में तेल की मात्रा कम हो जाती है।

  • सरसों की कटाई का कार्य सुबह के समय करना अधिक फायदेमंद रहता है। रात में गिरने वाली ओस के कारण फलियां नम हो जाती हैं। 

  • कटाई के बाद फसल को कुछ दिनों तक धूप में रख कर सूखाएं।

  • जब बीज में 15 से 20 प्रतिशत तक नमी रहे तब सरसों की गहाई करें।

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कई क्षेत्रों में बारिश के आसार, देखें सम्पूर्ण देश का मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

तेज गति से चलने वाली उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं दिन के तापमान को गिरा रहे हैं। उत्तर पश्चिम, उत्तर और मध्य भारत में दिन के तापमान गिरे हैं। पूर्वी भारत में भी तापमान की गिरावट जारी है। इंडिया पश्चिम बंगाल उड़ीसा तथा पूर्वोत्तर में कई स्थानों पर बारिश हो सकती है। पहाड़ों पर एक बार फिर भारी हिमपात संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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महज 1 रुपए में मिल रहा ब्रश कटर, इस कंपनी ने दिया ख़ास ऑफर

Brush cutter in just 1 rupee

कृषि मशीनरी बनाने वाली कंपनी वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स लिमिटेड की तरफ से किसानों के लिए ख़ास ऑफर पेश किया गया है। इसके अंतर्गत किसान सिर्फ एक रूपये देकर ब्रश कटर अपने घर ले जा सकते हैं। दरअसल कम्पनी ब्रश कटर के अपने विशाल रेंज के लिए 100% तक के वित्तीय मदद की घोषणा की है।

ग्राहक केवल 1 रुपये के डाउन पेमेंट पर ब्रश कटर तुरंत ले जा सकते हैं और इसकी शेष राशि किसान अगले 2 से 12 माह में मासिक किस्तों के तौर पर चुका सकते हैं।

बता दें की यह ब्रश कटर भारतीय खेतों के लिए अनुकूल सभी नवीनतम तकनीकों से लैस है। यह अत्यधिक टिकाऊ, परेशानी मुक्त व संचालित करने में बेहद आसान है।

स्रोत: कृषि जागरण

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पेड़ को मिलेंगे 2500 रूपये, अगर आपके भी पेड़ हैं तो आपको भी मिलेंगे पैसे

Pran Vayu Devta Scheme

किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। अब इसी कड़ी में हरियाणा सरकार भी एक नई योजना लेकर आई है। इस योजना से ना सिर्फ किसानों को लाभ होगा बल्कि पर्यावरण भी बेहतर होगा।

हरियाणा सरकार ने दरअसल प्राण वायु देवता नाम से एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। यह एक पेंशन स्कीम है जिसके अंतर्गत सरकार 75 साल से ज्यादा पुराने पेड़ों को पेंशन देगी। इन पेड़ों की देखभाल करने वाले किसानों को इस योजना के माध्यम से हर साल 2500 रुपये का पेंशन दिया जाएगा।

इस योजना से किसानों व भूमिहीन मजदूरों को काफी लाभ होगा और पेड़ों की कटाई पर भी रोक लग जायेगी। वहीं इस योजना से पर्यावरण की सुरक्षा होगा और हवा भी स्वच्छ रहेगी।

स्रोत: आज तक

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आगे कैसा रहेगा प्याज भाव, देखें इंदौर मंडी की साप्ताहिक समीक्षा

Indore onion Mandi Bhaw,

पिछले हफ्ते इंदौर मंडी में प्याज के भाव की साप्ताहिक समीक्षा वीडियो के माध्यम से देखें और जानें आने वाले दिनों में प्याज भाव कैसा रह सकता है?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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जानिए, मिट्टी का pH मान क्यों आवश्यक होता है?

Know why is the pH value of the soil important?
  • किसान भाइयों मिट्टी के पीएच मान द्वारा मिट्टी की अम्लीय, क्षारीय और उदासीन प्रकृति का पता चलता है। 

  • इसके घटने या बढ़ने से फसलों की वृद्धि पर सीधा असर पड़ता है।

  • जहां pH मान की समस्या होती है ऐसे क्षेत्रों में फसल की उन उपयुक्त किस्मों की बुवाई की जाती है जो कि अम्लीयता और क्षारीयता को सहन करने की क्षमता रखती हो।

  • मिट्टी का सर्वोत्तम पीएच मान 6.5 से 7.5 के मध्य माना जाता है क्योंकि इस पीएच मान वाली मिट्टी पौधों द्वारा पोषक तत्वों को अधिक मात्रा में ग्रहण करती है।

  • पीएच मान 6.5 से कम होने पर भूमि अम्लीय, 7.5 से अधिक होने पर भूमि क्षारीय और 7 होने पर उदासीन प्रकृति की होती है।

  • मिट्टी का पीएच मान pH मीटर या लिटमस पेपर द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।

  • अम्लीय भूमि के लिए चूने एवं क्षारीय भूमि के लिए जिप्सम डालने की सिफारिश की जाती है।

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गेहूँ की कटाई के बाद खेत में ऐसे करें डीकम्पोजर का उपयोग

How to use decomposer after harvesting wheat
  • किसान भाइयों गेहूँ कटाई के बाद उसके फसल अवशेष बहुत अधिक मात्रा में खेत में रह जाते हैं।

  • इन अवशेषों के कारण लगायी जाने वाली अगली फसल में फफूंदी एवं जीवाणु जनित रोगों का प्रकोप होने की सम्भावना रहती है। 

  • फफूंदी एवं जीवाणु जनित रोगों का प्रकोप नयी फसल में ना हो इसके लिए गेहूँ की कटाई के बाद खाली खेत में या फिर नई फसल की बुवाई के बाद दोनों ही स्थिति में डीकम्पोजर का उपयोग करना बहुत आवश्यक होता है। इसके उपयोग से पूर्व गेहूँ के अवशेषों को रोटावेटर की मदद से मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाएं।

  • इसके लिए यदि किसान तरल द्रव्य का उपयोग करना चाहते है तो 1 लीटर/एकड़ की दर से डीकंपोजर का उपयोग छिड़काव के रूप में कर सकते हैं। 

  • इसके अलावा ग्रामोफोन ऐप के बाजार सेक्शन पर उपलब्ध डीकम्पोजर ‘स्पीड कपोस्ट’ की 4 किलो मात्रा 10 किलो यूरिया एवं 50-100 किलोग्राम मिट्टी में मिलाकर खेत में प्रति एकड़ की दर से भुरकाव कर सकते हैं।

  • ध्यान रखें जब डीकम्पोजर का उपयोग किया जा रहा हो तो खेत में पर्याप्त नमी होना अनिवार्य है।

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सिंचाई यंत्रों, ड्रिप-स्प्रिंकलर पर 55% तक की सब्सिडी

Now apply drip-sprinkler for irrigation and get up to 55% subsidy

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप-स्प्रिंकलर, मिनी स्प्रिंकलर आदि लगाने पर उद्यानिकी विभाग की तरफ से भारी सब्सिडी का प्रावधान है। इसके अंतर्गत किसानों को 55 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिल सकती है।

बता दें कि इस योजना के अंतर्गत लघु सीमांत किसानों को सब्सिडी मिलेगा। इनमें सामान्य, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति शामिल हैं जिन्हें 55 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी वहीं बड़े किसानों जिनमें सामान्य, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति शामिल हैं को 45 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।

स्रोत: कृषक जगत

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सरकार देगी प्रति हेक्टेयर 29000 की सब्सिडी, ताड़ की खेती पर मिलेगा लाभ

The government will give a subsidy of 29 thousand rupees per hectare for palm cultivation

देश में खाद्य तेल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार कई सारे प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में खरीफ सीजन में दलहन व तिलहन फसलों की उपज बढ़ाने के लिए साल 2021–22 में 13.51 लाख तक के उच्च उपज वाले बीज किट वितरित किये गए। तिलहन उत्पादन वृद्धि हेतु सरकार दूसरे क्षेत्रों में भी प्रयासरत है। इसमें ताड़ के तेल यानी पाम आयल पर सरकार ज्यादा ध्यान दे रही है।

इसके लिए “राष्ट्रीय खाद्य तेल–पाम ऑयल मिशन” की शुरुआत की गई है और इसके तहत 11040 करोड़ रूपये खर्च करने का फैसला किया गया है। मिशन पाम ऑयल के लिए किसान भाइयों द्वारा ताड़ के पेड़ लगाने पर सहायता राशि को बढ़ा कर देने का फैसला किया है। इसके अंदर जहाँ पहले प्रति हेक्टेयर 12 हजार रूपये दिये जाते थे वहीं अब इसे बढाकर 29 हजार रुपये कर दिया गया है।

स्रोत: किसान समाधान

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सोयाबीन भाव में दिखी तेजी, देखें 19 फरवरी को रतलाम मंडी के भाव

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

सोयाबीन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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