इन राज्यों में बढ़ेगी बारिश की गतिविधि, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जम्मू कश्मीर लद्दाख हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी हिमपात जारी रहेगी। पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक तेज बारिश के आसार, कई स्थानों पर ओले भी गिर सकते हैं। उत्तर पश्चिम तथा मध्य भारत में सुबह और रात के तापमान गिरने से सर्दी फिर अपना प्रकोप दिखाएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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सोयाबीन की कीमतों में जोरदार तेजी, आने वाले दिनों में कैसा रहेगा भाव?

Will soybean prices rise

सोयाबीन भाव में एक बार फिर तेजी आने के आसार नजर आ रहे हैं। वीडियो के माध्यम से देखें की आखिर किन कारणों से सोयाबीन भाव में आगे बन सकती है तेजी।

वीडियो स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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लहसुन भाव में कितनी तेजी, देखें नीमच मंडी में 3 फरवरी को क्या रहे भाव?

Mandsaur garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के नीमच मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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सब्सिडी पर लगाएं सोलर पैनल और बिजली बेच कर कमाएं मुनाफा

Earn profit by selling solar panels and electricity on subsidy

पीएम कुसुम योजना के माध्यम से किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से किसान अपने अनुपजाऊ जमीन वाले खेत पर सोलर पैनल लगा कर 25 साल तक या उससे ज्यादा वक़्त तक कमाई कर सकते हैं। इसके माध्यम से किसान को सोलर पैनल से एकमुश्त नियमित राशि मिलती रहेगी।

पीएम कुसुम के अंतर्गत आपको सौर पैनल की स्थापना हेतु सब्सिडी उपलब्ध हो जाती है जिससे आप आसानी से यह पैनल लगा पाएंगे। इसके बाद जब इस पैनल से बिजली पैदा होने लगेगी तब आप इस बिजली का स्वयं इस्तेमाल करने के साथ साथ बिक्री भी कर सकते हैं और जबरदस्त कमाई कर सकते हैं। कुसुम योजना के तहत स्थापित सोलर पैनलों से उत्पादित बिजली के लिए 3 रुपये 7 पैसे की सीलिंग दर निर्धारित की गई है।

स्रोत: टीवी 9 भारत वर्ष

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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गेहूँ में 85-90 दिनों पर यह छिड़काव अपनाएं, बम्पर पैदावर पाएं

Spraying management in 85-90 days crop in wheat
  • किसान भाइयों गेहूँ की फसल रबी की प्रमुख फसलों में से एक है।

  • गेहूँ की फसल 80-90 दिनों की अवस्था में परिपक्वता की अवस्था में रहती है, इस अवस्था में फसल को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक पोषक तत्वों को देना बहुत आवश्यक होता है साथ ही फफूंदी जनित रोग जैसे अनावृत कंडवा, रस्ट आदि रोगों से सुरक्षा प्रदान करना भी आवश्यक होता है।

  • फफूंदी जनित रोगों से बचाव के लिए जेरॉक्स (प्रोपिकोनाज़ोल 25% ईसी) @ 200 मिली प्रति एकड़ छिड़काव करें।  

  • जैविक उपचार के रूप में मोनास कर्ब (स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस) @ 250 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें।

  • अगर फसल में इल्ली का प्रकोप दिखाई दे तो इमानोवा (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी) @ 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • पोषक तत्व प्रबंधन एवं दाने की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पानी में घुलनशील उर्वरक 00:00:50 @ 1 किलोग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें। 

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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प्याज की फसल में 75-80 दिनों पर जरुरी छिड़काव

If your onion is 75-80 days old then do this spraying
  • किसान भाइयों प्याज की फसल से उच्च गुणवत्ता युक्त उपज प्राप्त करने के लिए 75- 80 दिनों की अवस्था में कंदो का आकार बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है साथ ही फसल को कीट एवं रोगों के नुकसान से भी बचाना होता है।

  • यदि प्याज के कंद का आकार एक सामान, बड़े एवं स्वस्थ होते है तो बाजार मूल्य भी अच्छा मिलता है और स्वस्थ कंदो को अधिक समय तक भंडारित भी किया जा सकता है। 

  • इस समय किसान भाई नीचे दिये सुझावों को अपनाकर उच्च उपज प्राप्त कर सकते हैं।

  • अच्छी उपज के लिए जल घुलनशील उर्वरकों का पर्णीय छिड़काव आवश्यक होता है। इसके लिए 00:00:50 @ 1 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं। यह प्याज का आकार बढ़ाने में सहायक होता है।

  • फसल में कीट एवं रोग प्रबंधन के लिए बेनेविया (सायंट्रानिलिप्रोल 10.26% ओडी) @ 250 मिली + फोलिक्योर (टेबुकोनाज़ोल 25.9% ईसी) @ 200 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। इन सभी दवाओं के साथ सिलिकोमैक्स (सिलिकॉन आधारित स्टिकर चिपको) @ 5 मिली प्रति 15 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें।

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कई राज्यों बारिश व ओलावृष्टि की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

आज से बारिश की गतिविधियों में भारी वृद्धि होगी तथा कई स्थानों पर ओले गिरने की भी संभावना है। बिहार झारखंड तथा पश्चिम बंगाल में फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। 5 फरवरी से उत्तर पश्चिम उत्तर तथा मध्य भारत में तापमान गिरने लगेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इंदौर मंडी में 2 फरवरी को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 2 फरवरी के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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तरबूज बुवाई के 10-20 दिनों बाद किये जाने वाले आवश्यक कार्य

Essential activities to be done 10-20 days after sowing in watermelon

  • किसान भाइयों तरबूज की फसल में अंकुरण के बाद अच्छी जड़ एवं स्वस्थ पौधों के विकास के लिए पोषक तत्व प्रबंधन जितना आवश्यक होता है उतना ही पौध संरक्षण भी जरूरी होता है। बुवाई के 10 -20 दिनों के मध्य निम्न उत्पादों का उपयोग कर फसल की रक्षा कर सकते है।

  • उर्वरक प्रबंधन:- बुवाई के 10-15 दिनों बाद पौधों की वानस्पतिक वृद्धि एवं विकास के लिए यूरिया 75 किलो + सूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण (एग्रोमिन) 5 किलो + सल्फर (कोसावेट फर्टिस) – 5 किलो प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में मिलाएं l 

  • छिड़काव प्रबंधन – बुवाई के 15-20 दिनों बाद रस चूसक कीट व फफूंदी जनित रोगों की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड 40% + फिप्रोनिल 40% डब्ल्यूजी @ 40 ग्राम + क्लोरोथैलोनिल 75% डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • उपयुक्त मिश्रण के साथ ह्यूमिक एसिड (मैक्सरूट) 100 ग्राम मिला सकते है, यह पौधों की जड़ वृद्धि में मदद करता है। 

  • बुवाई के 10-25 दिनों में खरपतवार अधिक दिखाई देने पर इन्हें निराई गुड़ाई के माध्यम से निकाल दें। 

  • अगर बुवाई के समय ग्रामोफोन की समृद्धि किट का उपयोग नहीं किया गया है तो इस समय भी उपयोग कर अच्छा लाभ उठा सकते हैं। 

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कृषि ड्रोन को मिली मंजूरी, सरकार इसके इस्तेमाल को देगी बढ़ावा

Agricultural drones got approval

वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट मंगलवार को संसद भवन में जारी कर दिया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कई घोषणाएं की और इन्हीं घोषणाओं में से एक थी कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का निर्णय लेना।

सरकार का मानना है कि ड्रोन के उपयोग से किसानों के समय की बचत होने के साथ साथ कृषि लागत में भी कमी आएगी। इसके अलावा भी ड्रोन के कई अन्य फायदे बताए जा रहे हैं। गौरतलब है की खेती में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कुछ दिन पहले स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी जारी किया था।

स्रोत: दैनिक भास्कर

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