फसलों का सुपर टॉनिक है नोवामैक्स, देखें कैसे पहुँचाता है फसलों को लाभ?

Novamaxx

  • नोवामैक्स एक उच्च गुणवत्ता वाला फसल पोषण उत्पाद है जो आपकी सभी फसलों के लिए अनुशंसित है। इसका उपयोग छिड़काव के रूप में करना चाहिए।

  • नोवामैक्स फसल की प्रतिरक्षा में सुधार करके सूखे व ठंढ की स्थिति के साथ कीड़ों के हमले जैसी तनाव की स्थितियों का सामना करने में मदद करता है।

  • यह जड़ों के विकास के माध्यम से पोषक तत्वों और पानी की पूर्ति करके पौधे की चयापचय प्रक्रियाओं में सुधार करता है।

  • यह मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और पौधे में नाइट्रोजन, जिंक व प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि करता है।

  • यह कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण को बढ़ाता है जो पौधे के विकास के लिए उपयोगी होते हैं।

  • यह प्रकाश संश्लेषण की दर को बढ़ाता है जो फसल वृद्धि के लिए उपयोगी होता है।

  • यह फूलों, फलों व दानों के बनने में मदद करता है और परिपक्वता की दर में वृद्धि करता है जिसके परिणामस्वरूप अच्छी उपज प्राप्त होती है।

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मशरूम की खेती कर लाखों कमाएं

Earn millions by cultivating mushrooms
  • किसान भाइयों, पिछले कुछ वर्षों से भारतीय बाजार में मशरूम की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। जिस हिसाब से बाजार में मांग है उस हिसाब से इसका उत्पादन नहीं है, ऐसे में किसान मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। 

  • मशरूम की खेती के लिए एक कमरा ही पर्याप्त रहता है। जिस किसान के पास जगह की कमी है वो इस खेती को अपनाकर अच्छा लाभ कमा सकते है।

  • विश्व में मशरूम की लगभग 10000 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 70 प्रजातियां ही खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।

  • भारतीय वातावरण में मुख्य रूप से पांच प्रकार के खाद्य मशरूमों की व्यवसायिक खेती की जाती है। जिसमे मुख्य रूप से, सफेद बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम, दूधिया (मिल्की) मशरूम, पैडी स्ट्रॉ मशरूम, शिटाके मशरूम है।

  • ढिंगरी मशरूम जो आयस्टर मशरूम के नाम से लोकप्रिय है। अधिकतर लोग, आयस्टर मशरूम को खाना पसंद करते है l ढिंगरी मशरूम की खेती के लिए उचित समय सितम्बर महीने से 15 नवंबर तक रहता है। 

  • अपने उच्च पोषण एवं औषधीय गुणों के कारण मशरूम की उपयोगिता भोजन और औषधि दोनों में ही अधिक है।

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भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना, देखें मौंसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

वर्षा की गतिविधियां अब राजस्थान से शुरू होकर उत्तर पूर्वी राज्यों तक पहुंचेंगी। पहाड़ों पर मध्यम से भारी हिमपात होगा। पंजाब हरियाणा सहित उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में ओले भी गिर सकते हैं। मुंबई नासिक तथा बोलने में भी बारिश की संभावना है। दिन और रात के तापमान में हल्की वृद्धि संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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प्याज भाव में कैसी तेजी, देखें 20 जनवरी को इंदौर मंडी का हाल

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 20 जनवरी के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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लहसुन भाव 14000 पार, देखें मंदसौर मंडी में क्वालिटी अनुसार भाव

Mandsaur garlic Mandi bhaw,

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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ये हैं दुनिया की सबसे महंगी सब्जियां, जानें इनकी खूबियां

These are the world's most expensive vegetables

सब्जियाँ हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, और इसकी मुख्य वजह इसमें मौजूद पोषक तत्व होते हैं। ज्यादातर सब्जियों के बारे में तो आप जानते ही हैं पर आज के लेख में हम ऐसी सब्जियों के बारे में जानेंगे जो दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में शुमार होती हैं।

ला बोनेट के आलू: यह दुनिया का सबसे महंगा आलू है। इसकी खेती रेतीली मिट्टी में होती है। इसका स्वाद थोड़ा नमकीन होता है वहीं इसका इस्तेमाल प्यूरी, सलाद, सूप व क्रीम आदि बनाने में होता है।

हॉप शूट: यह दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में से एक है और इसकी कीमत 1000 यूरो प्रति किलो यानी 80,000 रूपए प्रति किलो तक रहती है। इस सब्जी से बियर बनाया जाता है।

यामाशिता पालक: यह पालक की तरह ही दिखता है और इसकी खेती मुख्यतः फ्रांस में होती है। एक यामाशिता पालक 13 अमेरिकी डॉलर का होता है।

मैंग चपटा मटर: यह सब्जी मटर के जैसी होती है। यह पश्चिमी देशों की सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से एक मानी जाती है। यह 2 यूरो प्रति 100 ग्राम के भाव में मिलता है।

ताईवानी मशरूम: यह मशरूम भी सबसे महंगी सब्जियों में से एक है। यह 80,000 प्रति पीस की कीमत में मिलती है। यह सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है।

गुलाबी पत्तागोभी: पत्तागोभी की तरह नजर आने वाली इस सब्जी में कई लाभकारी पोषक तत्व मिलते हैं। इटली और दक्षिणी फ्रांस के वेरोना क्षेत्र में इसकी खेती होती है। इसकी कीमत लगभग 10 अमेरिकी प्रति पाउंड होता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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सोयाबीन भाव में तेजी जारी, देखें मंदसौर मंडी में 20 जनवरी को क्या रहे भाव?

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

सोयाबीन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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इस योजना से मिलेंगे 10000 रूपये, इन लोगों को मिलेगा इसका लाभ

Pradhan Mantri Svanidhi Yojana

बहुत सारे लोग स्ट्रीट वेंडिंग का कार्य कर के अपनी आजीविका चलाते हैं। ये लोग गलियों में घूम कर फल सब्जी व अन्य कई चीजें बेचते हैं। इनमें नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री सेवाएं देने वाले लोग भी शामिल हैं। ऐसे सभी लोगों के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना के तहत इन्हें बिना किसी गारंटी के 10000 रुपये का ऋण मिल जाता है। देने की शुरुआत की गई थी।

10000 रूपये के इस ऋण को लेने के लिए कोई गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होती है। अगर आप इस ऋण को समय पर लौटा देते हैं, तो आपको सब्सिडी का भी लाभ मिल सकता है। इस योजना का काफी लोगों ने फायदा उठाया है, आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

इस योजना का मोबाइल एप भी है जिसके माध्यम से बड़ी आसानी से यह ऋण प्राप्त किया जा सकता है। इस एप का नाम है पीएम स्वनिधि मोबाइल एप। इस एप से बिना किसी कागजी लिखा पढ़ी के आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है। बता दें की इस ऋण को एक साल में वापिस करना होता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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फसलों में कहीं मावठ से फायदा, तो कहीं ओलावृष्टि से नुकसान

Somewhere the weather is beneficial and somewhere it is getting fatal
  • प्रिय किसान भाइयों राज्य में इन दिनों मौसम से कहीं किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है तो कहीं नुकसान का। मावठ ज्यादातर फसलों के लिए अमृत की तरह है। लेकिन मावठ के साथ ही हो रही ओलावृष्टि से किसान फसल खराब होने से परेशान हैं।

  • जानकारों का कहना है कि रबी सीजन में हल्की बारिश फसलों के लिए अमृत की तरह है, जबकि ओलावृष्टि फसलों के लिए नुकसानदायक। 

  • मावठ में बारिश सभी इलाकों में समान होती हैं। जिससे किसानों को सिंचाई खर्च बचाने में भी मदद मिलती है। वहीं इससे तापमान में परिवर्तन देखा जाता है। ऐसा होने से पाला पड़ने की संभावना कम हो जाती है। इससे फसलों को नुकसान नहीं पहुंचता है।

  • बरसात से फसलों के उत्पादन में फायदा होता है। क्योंकि बरसात के पानी के साथ नाइट्रोजन भी आता है। इससे किसानों को यूरिया खाद की आवश्यकता कम पड़ती है। वहीं सिंचाई से मुक्ति मिलती है। हालांकि जरूरत से ज्यादा बारिश होने पर यह नुकसानदायक होती है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मावठा है गेहूँ की फसल के लिए बेहद फायदेमंद

Winter rain is beneficial for the wheat crop
  • किसान भाइयों शीतकाल की बारिश जिसे आम भाषा में मावठा नाम से जाना जाता है, मावठा गेहूं के किसानों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है, हाँ पर तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि होती है तो गेहूं में कम एवं अन्य फसलों में काफी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।

  • पिछले दिनों हुई बारिश से गेहूं की फसल में किसानों को अच्छा फायदा हुआ। जिससे कुल लागत में फसल की एक सिंचाई पर होने वाले पानी, बिजली खर्च के साथ मजदूरों का खर्च भी प्रति एकड़ की दर से बचा है।

  • खेत में खड़ी गेहूं की फसल में जिन किसानों ने पहला पानी दिया था, उसमें दूसरी बार पानी लग गया और जिन किसानों ने देरी से गेहूं बोए थे, उसमें पहले पानी की आवश्यकता थी, तो उसमें पहला पानी लग गया। 

  • जिन किसान भाइयो ने असिंचित गेहूं की बुवाई बिना उर्वरक के उपयोग की थी वो इस समय 20 किलो प्रति एकड़ के अनुसार यूरिया का उपयोग करें, भूमि में नमी होने से यूरिया धीमी गति से घुलकर पौधों को उपलब्ध होगी और निश्चित ही उपज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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