लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ अब इन राज्यों का बदलेंगे मौसम

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एक के बाद एक लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ हिमालई क्षेत्रों को प्रभावित करते रहेंगे। अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश और हिमपात संभव है। 17 दिसंबर से पंजाब से लेकर गुजरात और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश तक तापमान गिरेंगे। कुछ स्थानों पर शीतलहर संभव है।

स्रोत: स्कायमेट वेदर

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प्याज भाव में आज रही तेजी, देखें इंदौर मंडी में क्या रहा हाल?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 14 दिसंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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कपास भाव फिर हुआ 9 हजार के पार, देखें विस्तृत रिपोर्ट

cotton price

कपास के भाव पर वीडियो के माध्यम से देखें विस्तृत रिपोर्ट

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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सोयाबीन में तेजी या मंदी, देखें मंदसौर मंडी में 14 दिसंबर को क्या रहे भाव?

Mandsaur Mandi Soybean Rate,

सोयाबीन भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में कैसा चल रहा है सोयाबीन का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

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आपकी लहसुन फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 120 से 130 दिन बाद- वनस्पति विकास को कम करने और कंद के विकास को बढ़ाने के लिए छिड़काव

वनस्पति विकास को कम करने के लिए और कंद विकास को बढ़ाने के लिए पैक्लोबुट्राज़ोल 23 SC (जीका) 50 मिली या पैक्लोबुट्राज़ोल 40% SC (ताबोली) 30 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे. यह वनस्पति विकास को कम करने और बेहतर कंद विकास के लिए भूमि के आधार पर सभी पोषक तत्वों को जमा करने में मदद करेगा।

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आपकी लहसुन फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 76 से 80 दिन बाद- कंद के विकास को बढ़ाने के लिए छिड़काव

कंद के आकार को बढ़ाने के लिए 00:00:50 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे। यदि पत्तियों पर किसी भी प्रकार की फफूंद वृद्धि देखी जाती है तो इस छिड़काव में टेबुकोनाज़ोल 25.9% ईसी (फोलिक्योर) 250 मिली और रस चूसक किट नियंत्रण के लिए बायफेनथ्रिन 10% EC (क्लिंटॉप) 300 मिली प्रति एकड़ की दर से डालें।

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आपकी लहसुन फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 66 से 70 दिन बाद- प्रति कंद कलियो की संख्या बढ़ाने के लिए छिड़काव

प्रति कंद कलियो की संख्या बढ़ाने और ब्लाइट जैसी बीमारी को रोकने के लिए और कीट प्रकोप को रोकने के लिए जिब्रेलिक एसिड 0.001% (नोवामैक्स) 300 मिली + किटाज़िन (किटाज़िन) 200 मिली + फ़िप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी (पुलिस) 40 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करे।

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आपकी लहसुन फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 56 से 60 दिन बाद- जीवाणुजनित रोगों के प्रबंधन के लिए छिड़काव

जीवाणु रोगों और कीड़ों के प्रबंधन के लिए सूक्ष्म पोषक मिश्रण (एरीज टोटल) 300 ग्राम + एसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% एसपी (लांसर गोल्ड) 400 ग्राम + कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी (कोनिका) 300 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें।

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आपकी लहसुन फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 51 से 55 दिन बाद- कंद का आकार बढ़ाने के लिए मिट्टी का उपचार

पोटाश कंद के आकार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तो इस अवस्था में एमओपी 20 किग्रा + कैल्शियम नाइट्रेट 10 किग्रा प्रति एकड़ मिटटी में प्रसारित करें।

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आपकी लहसुन फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 45 से 50 दिन बाद- कवक रोगों की पहचान और रोकथाम

 यदि पत्तियों पर किसी भी प्रकार की भूरे रंग की फफूंद वृद्धि दिखाई दे तो टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG (स्वाधीन) 500 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें। कीटों से बचाव के लिए इस छिड़काव में थायमेथॉक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC (नोवलाक्सम) 80 मिली प्रति एकड़ भी डालें।

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