इस साल किसानों को मिलेगा कितना ऋण, राज्य सरकार ने किया निर्धारण

How much loan will the farmers get this year the state government has decided

किसान अपने कृषि कार्यों के लिए ऋण लेते हैं। सरकार कम ब्याज दरों किसानों को ये ऋण उपलब्ध करवाते हैं। किसानों को कितना ऋण मिलेगा इसका निर्धारण राज्य सरकारें तय करती है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को दिए जाने वाली ऋण तय कर दिए हैं।

इस वर्ष राज्य सरकार ने किसानों को कुल 5300 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा है। किसानों को ये ऋण आसानी से बैंकों के माध्यम से मिल पाए इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से उचित दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

राज्य के किसान यह ऋण एक निश्चित समय अवधि के दौरान ले सकते हैं। पंजीयक सहकारी संस्थाएं, राज्य सहकारी बैंक, ग्रामीण विकास बैंक, कृषि विभाग, सहकारी पंजीयक समितियों एवं सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसान यह ऋण ले सकते हैं।

खरीफ सीजन के अन्तर्गत इस साल सिंचित धान फसलों के लिए 19 हजार 800 रूपए/एकड़ का ऋण किसानों को मिल सकेगा। असिंचित धान के लिए 14 हजार 400 रूपए/एकड़, अरहर एवं तुअर के लिए 11 हजार रूपए/एकड़, मूंगफली के लिए 13200 रूपए/एकड़, सोयाबीन के लिए 13200 रूपए/एकड़ ऋण निर्धारित की गई है।

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मिर्च के पौध की रोपाई के पूर्व मिर्च समृद्धि किट से जरूर करें मिट्टी उपचार

How to do soil treatment with Chilli Samridhi Kit before transplanting Chilli
  • मिर्च की फसल यद्यपि अनेक प्रकार की मिट्टियों में उगाई जा सकती है, फिर भी अच्छी जल निकास व्यवस्था वाली कार्बनिक तत्वों से युक्त दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वोत्तम होती है।

  • खेत में सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से एक गहरी जुताई करनी चाहिए। ऐसा करने से मिट्टी में उपस्थित हानिकारक कीट, उनके अंडे, कीट की प्यूपा अवस्था तथा कवकों के बीजाणु भी नष्ट हो जाते हैं।

  • इसके बाद हैरो या हल से 3-4 बार जुताई करके, खेत को समतल कर लेना चाहिये। अंतिम जुताई के पहले ग्रामोफोन की खास पेशकश ‘मिर्च समृद्धि किट’ जिसकी मात्रा 3.2 किलो है, को 50 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से मिलाकर खेत में मिला देना चाहिए। इसके बाद हल्की सिंचाई कर दें।

  • यह ‘मिर्च समृद्धि किट’ आपकी मिर्च की फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट में मिर्च के पोषण से संबंधित सभी उत्पाद है जो मिर्च की फसल को एक अच्छी शुरुआत प्रदान करेंगे।

  • मिर्च समृद्धि किट मिर्च की फसल में जड़ गलन, तना गलन एवं उकठा रोग से बचाव करती है। साथ ही फसल में सफ़ेद जड़ों के विकास को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मध्य प्रदेश के इन जिलों में अगले 2-3 दिनों तक भारी बारिश की है संभावना

weather forecast

मानसून समय से पहले महाराष्ट्र तथा पश्चिम बंगाल में पहुंच गया है। जल्द ही मुंबई सहित विदर्भ, तेलंगाना, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल तथा बिहार के कुछ भागों को कवर कर सकता है। मुंबई सहित विदर्भ तथा मध्यप्रदेश में भारी बारिश के आसार बने हुए हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश जारी रहेगी। दिल्ली में 12 जून से तेज बारिश की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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इंदौर के मंडी में आज क्या रहे प्याज के भाव?

What were the prices of onions in Indore's mandi today

वीडियो के माध्यम से देखें, इंदौर मंडी में आज क्या रहे प्याज के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

 

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सोयाबीन में कवकनाशी, कीटनाशक एवं राइजोबियम से बीजोपचार के लाभ

Benefits of seed treatment with fungicides insecticides and Rhizobium in Soybean
  • अधिकतर किसान सोयाबीन की खेती वर्षों से एक ही खेत में करते चले आ रहे हैं, लगातार एक ही खेत में खेती करने के कारण सोयाबीन की उपज बहुत प्रभावित होती है।

  • लगातार एक ही खेत में सोयाबीन लगाने से सोयाबीन फसल के रोगों के जीवाणु, फफूंद भी भूमि व बीज में स्थापित हो गये हैं।

  • सोयाबीन में लगने वाले अधिकतर रोग भूमि व बीज जनित होते हैं। सोयाबीन की फसल को भूमि तथा बीज जनित रोगों से बचाने के लिए बीज उपचार बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।

  • सोयाबीन की फसल की प्रारम्भिक अवस्था में अच्छी वृद्धि के लिए बीज उपचार एक कम मेहनत और खर्च का साधन है। इसलिए बीज उपचार आवश्यक है।

  • कवकनाशी से बीज़ उपचार करने से सोयाबीन की फसल उकठा व जड़ सड़न रोग से सुरक्षित रहती है।

  • कीटनाशक से बीज़ उपचार करने से मिट्टी के कीटों जैसे सफ़ेद ग्रब, चींटी, दीमक आदि से सोयाबीन की फसल की रक्षा होती है। बीज का अंकुरण सही ढंग से होता है अंकुरण प्रतिशत बढ़ता है।

  • राइज़ोबियम से बीज़ उपचार सोयाबीन की फसल की जड़ों में गाठो (नॉड्यूलेशन) को बढ़ाता है एवं अधिक नाइट्रोज़न का स्थिरीकरण करता है।

स्मार्ट कृषि एवं उन्नत कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों व यंत्रों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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कॉटन टी 20 मेला के तीसरे हफ्ते में कपास बीज खरीद कर इन 100 किसानों ने जीते पुरस्कार, आपके पास भी है मौका

Cotton T20 Mela Winners

किसान भाइयों के लिए इस कपास सीजन ग्रामोफ़ोन के कॉटन टी 20 मेला ऑफर के अंतर्गत कपास के बीजों की खरीदी कर पिछले तीन हफ्ते में सैकड़ों किसानों ने आकर्षक पुरस्कार जीते हैं। पहले दो हफ़्तों में 200 किसानों को इस ऑफर के अंतर्गत पुरस्कार मिले थे।

अब इसी कड़ी में तीसरे हफ्ते में भी 100 किसानों को पुरस्कार भेजे गए हैं। इस हफ्ते ऑफर में सबसे आगे रहकर धार जिले के अंतर्गत आने वाले कापासी गांव के किसान प्रेम सिंह सोलंकी ने सोनाटा की आकर्षक कलाई घड़ी जीती है तो वहीं बाकी के सभी किसानों को ग्रामोफ़ोन का आकर्षक बैग उपहार के रूप में दिया गया है।

सभी विजेता किसानों की सूची

क्रं सँख्या

विजेता का नाम

गांव

तहसील

जिला

1

प्रेमसिंह सोलंकी

कपसी

कुक्षी

धार

2

बादल परिहार

बरदा

दही

धार

3

जीत बर्फा

कपसी

कुक्षी

धार

4

मोहन भाई

बांगरदा

पुनासा

खंडवा

5

भरत पाटीदार

लोहारा

कुक्षी

धार

6

नितेश पाटीदार

मांडवी

मनावर

धार

7

रोहित सोलंकी

मोहना

पुनासा

खंडवा

8

शक्ति सिंह राजपूत

अंजनगांव

भीकनगांव

खरगोन

9

बंटी गुप्ता

दही

कुक्षी

धार

10

जगदीश यादव

डोंडावाड़ा

भीकनगांव

खरगोन

11

देवराम पटेल

कोलगांव

खंडवा

खंडवा

12

संतोष यादव

खरदा

गोगांव

खरगोन

13

आत्माराम राठौर

रोशनी

हरसूद

खंडवा

14

अनिल बडोले

भमोरी

अंजड

बड़वानी

15

दीपक बर्मन

मोदकानापुर

मनावर

धार

16

महेश रावत

डेडगांव

मनावर

धार

17

सीटीएल नामदेव

बकनेर

मनावर

धार

18

सरवन गोस्वामी

बावद्या

अंजड

बड़वानी

19

घिसलाल परिहार

बरदा

दही

धार

20

मोहन परिहार

बरदा

दही

धार

21

माधव भायाल

डोंगांव

कुक्षी

धार

22

मुकेश

पंधाना

पंधाना

खंडवा

23

कालू वधे

मोहना

पुनासा

खंडवा

24

हर्षल चौधरी

बोरसर

बुरहानपुर

बुरहानपुर

25

लखन यादव

दयालपुरा

गोगांव

खरगोन

26

अखिलेश

बोरगांव बुजुर्ग

पंधाना

खंडवा

27

ज्ञान सिंह राठौर

अटूट खास

पुनासा

खंडवा

28

राहुल सिंह

हरसूद

हरसूद

खंडवा

29

रवींद्र मालाकार

मुल्थान

कसरावद

खरगोन

30

रवींद्र मालाकार

मुल्थान

कसरावद

खरगोन

31

रवि पटेल

बालसमुंडी

कसरावद

खरगोन

32

रवि पटेल

बालसमुंड

कसरावद

खरगोन

33

संदेश यादव

ठिकरी

ठिकरी

बड़वानी

34

चैन सिंह सावनेर

बड़नगर

पुनासा

खंडवा

35

मनोज अरसे

जलगांव

सेगांव

खरगोन

36

जितेंद्र पंवार

कोताल्या खेड़ी

बरवाह

खरगोन

37

फारुख

पीपलझोपा

कसरावद

खरगोन

38

किशोर परिहार

कासेल

राजपुर

बड़वानी

39

नितेश पटेल

बदेल

बरवाह

खरगोन

40

राहुल चौहान

मोहना

भगवानपुरा

खरगोन

41

ऋषिराज पंवार

कोताल्या खेड़ी

बरवाह

खरगोन

42

रितेश सोलंकी

सकाड

अंजड

बड़वानी

43

रूपसिंह तोमर

रनतलाव

मनावर

धार

44

हुकुमचंद्र हटगले

गवला

कसरावद

खरगोन

45

जयप्रकाश जाट

कोगवान

महेश्वर

खरगोन

46

शिवलाल वेशाकि

घोड़्ल्यापानी

निवाली

बड़वानी

47

विशाल पाटिल

बिलवा (धुलकोट)

भगवानपुरा

खरगोन

48

कुलदीप राठौर

बमनाला

भीकनगांव

खरगोन

49

अरविंद यादव

नागझरी

महेश्वर

खरगोन

50

युवराज पटेल

सामराज

महेश्वर

खरगोन

51

शुभम यादव

घुगड़िया खेड़ी

गोगांव

खरगोन

52

संतोष यादव

निमगुल

खरगोन

खरगोन

53

धर्मेंद्र यादव

भामपुरा

महेश्वर

खरगोन

54

गणेश जांगदे

उमरदा

ठिकरी

बड़वानी

55

अरविंद सिंह तोमर

छोडिया

झिरन्या

खरगोन

56

प्रशांत

जलखान

कसरावद

खरगोन

57

मनोहर सिंह

सत्कुर

कसरावद

खरगोन

58

शिवकरण राठौर

जॉबत कस्बा

जोबत

अलीराजपुरी

59

किशोर वास्कले

भमोरी

अंजड

बड़वानी

60

गोपाल

बकावन

बरवाह

खरगोन

61

कमलेश यादव

थिबगांव बुजुर्ग

गोगांव

खरगोन

62

कमलेश यादव

थिबगांव बुजुर्ग

गोगांव

खरगोन

63

मनोहर पाटीदार

करोदिया

महेश्वर

खरगोन

64

सुरेश मुकाती

घाट्ती

ठिकरी

बड़वानी

65

पठान ठाकरे

देओली

वारला

बड़वानी

66

बद्री यादव

सेमाल्डा

ठिकरी

बड़वानी

67

प्रशांत मिश्रा

दंतपहाड़ी

खकनार

बुरहानपुर

68

नंदकिशोर पटेल

सेखपुरा

पंधाना

खंडवा

69

महेंद्र बडोले

भोज पत्थर

झिरन्या

खरगोन

70

नरेंद्र पवार

बकावन

बरवाह

खरगोन

71

भोलू भूरेखा

बरदेओला

कसरावद

खरगोन

72

गेलसिंह पटेल

चिकलिया

बड़वानी

बड़वानी

73

कमल भायाल

सजवानी

बड़वानी

बड़वानी

74

निर्मल चौहान

सेंधवा

सेंधवा

बड़वानी

75

रंजीत यादव

लक्ष्मी नगर

भीकनगांव

भीकनगांव

76

संजय नाथू

सिंध खेड़ा

नेपानगर

बुरहानपुर

77

आनंद वास्केल

बोरली

मनावर

धार

78

वीरेंद्र मंडलोई

कांवड़ा

जॉब

अलीराजपुरी

79

दीवान सेनानी

जमाती

सेंधवा

बड़वानी

80

वीरेंद्र चौहान

भावनाया बुज़ुर्ग

धर्मपुरी

धार

81

सहदार दवारी

पलासनेर

साहिरपुर

धुले

82

रामदाश यादव

दयालपुरा

गोगांव

गोगांव

83

अखिलेश यादव

बेसारकुर्द

कसरावद

कसरावद

84

राहुल पटेल

अगरवाड़ा

बरवाह

खरगोन

85

धर्म सिंह दुडवे

देवली

सेंधवा

बड़वानी

86

रूपेश यादव

लक्ष्मी नगर

भीकनगांव

भीकनगांव

87

रमेश दवार

जोगवाड़ा

निवाली

बड़वानी

88

भियासिंह रावत

दोंडवाड़ा

निवाली

बड़वानी

89

रामेश्वर सोलंकी

चाटली

निवाली

बड़वानी

90

रमेश भायाल

सलखेड़ा

राजपुर

बड़वानी

91

दलब सिंह

शाहपुरा

सेंधवा

बड़वानी

92

विनोद दुडवे

हिंगवा

वारला

बड़वानी

93

शैलेंद्र सोनकट्टे

बुरहानपुर

बुरहानपुर

बुरहानपुर

94

भगवान मंडलोई

बिलदा

गंधवानी

धार

95

लाला पटेल

सिरसाला

मनावर

धार

96

जुआनसिंह वास्कले

पुत्तला

झिरन्या

खरगोन

97

राहुल पटेल

रसगाँव

सेगांव

खरगोन

98

सरदार सिंह वास्कले

भिखारखेड़ी

सेगांव

खरगोन

99

मोहित पाटीदार

डोंगरगांव

खरगोन

खरगोन

100

लोकेश धनगर

भोंडा

कसरावद

खरगोन

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जानें मिट्टी में फास्फोरस की कमी के कारण एवं इसके निदान के उपाय

Cause and diagnosis of phosphorus deficiency in soil

फॉस्फोरस मिट्टी में पाए जाने वाले प्रमुख पोषक तत्वों में से एक है। इसकी कमी यदि मिट्टी में रहती है तो इसका असर फसल पर बहुत आसानी से देखा जा सकता है। इसकी कमी के लक्षण सबसे पहले युवा पत्ते या पौधे पर दिखाई देते हैं।

फास्फोरस की कमी का कारण: जिस मिट्टी में कैल्शियम की अधिकता होती है वहाँ फास्फोरस की कमी हो जाती है। मिट्टी का pH कम या ज्यादा होने पर भी फास्फोरस की उपलब्धता कम हो जाती है क्योंकि क्षारीय भूमि में, उपलब्ध फॉस्फोरस का अवशोषण जड़ों द्वारा कम हो जाता है। इसकी कमी होने का सबसे प्रमुख कारण यह है की फास्फोरस के कण मिट्टी में स्थिर हो जाते हैं और पौधे उसका अवशोषण नहीं कर पाते हैं। इसी के साथ यदि मिट्टी में नमी की मात्रा कम हो तो भी इस तत्व की कमी हो जाती है।

इसकी कमी का नियंत्रण दो तरीकों से किया जा सकता है

जैविक उपाय: जैविक उपाय के अंतर्गत जैविक खाद जो की फास्फोरस का अच्छा स्रोत मानी जाती है, का उपयोग फसल की अलग अलग वृद्धि अवस्थाओं में करना बहुत आवश्यक होता है। जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, गोबर, पक्षियों की बीट एवं पुरानी फसलों के अवशेषो को सड़ा कर तैयार खाद को यदि मिट्टी में मिला दिया जाए तो इससे भी फॉस्फोरस की कमी को दूर किया जा सकता है। इसी के साथ फॉस्फोरस युक्त सूक्ष्म जीव जैसे फॉस्फेट सोल्यूब्लाइज़िंग बैक्टेरिया का भी उपयोग कर सकते हैं।

रासायनिक उपाय: फॉस्फोरस युक्त उर्वरक जैसे DAP, एसएसपी, 12:61:00, NPK आदि का उपयोग कर के भी इसकी कमी को दूर कर सकते हैं।

स्मार्ट कृषि एवं उन्नत कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों व यंत्रों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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मध्य प्रदेश के कई जिलें में आज भी बारिश का दौर रहेगा जारी, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य प्रदेश के कई जिले जैसे धार, खंडवा, खरगोन, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, देवास, मांडला में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। पश्चिमी तट पर मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है हालांकि पूर्वी भागों में मानसून अभी सुस्त है। मुंबई में 9 जून से बढ़ेगी बारिश। महाराष्ट्र और गुजरात के दक्षिण जिलों में 12 से 15 जून के बीच मूसलाधार बारिश के आसार हैं।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मिट्टी में नत्रजन की कमी के कारण एवं इसके निदान की विधि

Cause and diagnosis of Nitrogen deficiency in soil
  • वनस्पति विकास के दौरान फसलों को नत्रजन की अधिक आवश्यकता होती है। यदि इस अवस्था में इसकी उपलब्धता में कमी रहती है तो फसल उत्पादन बहुत अधिक प्रभावित होता है।

  • नत्रजन की कमी का कारण: रेतीली मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में नत्रजन की कमी पाई जाती है, बार-बार बारिश, या भारी सिंचाई भी मिट्टी में नत्रजन की कमी का कारण बनती है।

  • नत्रजन की कमी से होने वाले नुकसान: नत्रजन की कमी से पौधों का रंग हल्का हरा, बढ़वार सामान्य से कम और कल्लों की संख्या में कमी हो जाती है। अनाज वर्गीय फसलों जैसे मकई, धान, गेहूँ आदि में सबसे पहले पौधे की निचली पत्तियां सूखना प्रारंभ कर देती है और धीरे-धीरे ऊपर की पत्तियां भी सूख जाती है, पत्तियों का रंग सफेद एवं पत्तियाँ कभी-कभी जल भी जाती है। इसकी अधिकता के कारण पत्तियों का पीलापन अधिक मात्रा में दिखाई देता है एवं इसके कारण अन्य पोषक तत्वों की मात्रा भी प्रभावित होती है।

नाइट्रोज़न की कमी की पूर्ति के लिए दो तरह से उपाय किये जा सकते हैं।

जैविक उपाय: जैविक उपाय के अंतर्गत जैविक खाद जो की नत्रजन का अच्छा स्रोत मानी जाती है का उपयोग फसल की अलग अलग वृद्धि अवस्थाओं में करना बहुत आवश्यक होता है। जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, गोबर की खाद, एजोटोबैक्टर, एजोस्पिरिलम, राइजोबियम आदि नत्रजन की कमी को कम कर सकते हैं।

रासायनिक उपाय: नत्रजन की कमी को दूर करने एवं अच्छे फसल उत्पादन के लिए नत्रजन युक्त उर्वरकों जैसे यूरिया, NPK, अमोनियम नाइट्रेट, अमोनियम सल्फेट, 12:61:00, 13:00:45 का उपयोग किया जा सकता है।

स्मार्ट कृषि एवं उन्नत कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों व यंत्रों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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इस साल कैसी होगी मानसून की बारिश, जानें अगले चार महीने का मौसम पूर्वानुमान

How will the monsoon rains this year

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से इस साल अच्छी मानसूनी बारिश की उम्मीद जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक देश के उत्तरी व दक्षिणी भाग में सामान्य वहीं मध्य क्षेत्र के राज्यों में जमकर बरसात होने की संभावना है। वहीं पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में सामान्य से भी कम बारिश की संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून इस साल जून से सितंबर महीने में 96 से 104% बारिश करवा सकती है। देश के ज्यादातर वैसे राज्य जहाँ कृषि पर आत्मनिर्भरता अधिक है वहां मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। इन राज्यों में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि शामिल हैं। इन राज्यों में मानसून के दौरान सामान्य तथा कहीं कहीं सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है।

स्रोत: किसान समाधान

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