मध्य प्रदेश के कई इलाकों में होगी भारी बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

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मध्य भारत के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। ये बारिश प्री-मानसून गतिविधियों के कारण देखने को मिलेगी। ये गतिविधियां मध्य प्रदेश के ज्यादातर इलाकों के साथ साथ राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में देखने को मिल सकती है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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कद्दूवर्गीय फसल का उत्पादन बढ़ाने में मददगार होती है मधुमक्खी

Know how a bee works as a good pollinator in pumpkin crops
  • ग्रीष्मकालीन फसलों के रूप में कद्दू वर्गीय फसलें बहुत अधिक मात्रा में लगाई जाती हैं।
  • बदलते मौसम एवं तापमान में परिवर्तन के कारण कद्दू वर्गीय फसलों में फूल आने के बाद फल के विकास के समय बहुत समस्या आती है।
  • मधुमक्खियां कद्दू वर्गीय फसलों में प्राकृतिक रूप से परागण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • कद्दूवर्गीय फसल में मधुमक्खी के द्वारा परागण की क्रिया को 80% तक पूरा किया जाता है।
  • मधुमक्खियों के शरीर में बाल अधिक संख्या में पाए जाते है, जो पराग कणों को उठा लेते हैं। इसके बाद वे पराग कण को एकत्रित कर मादा फूलों तक पहुँचाते हैं।
  • मधुमक्खी इन फसलों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुँचाती है।
  • उपर्युक्त क्रिया के बाद निषेचन की क्रिया पूरी हो जाती है। इसके बाद पौधे में फूल से फल बनने की क्रिया शुरू हो जाती है।
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मध्य प्रदेश के मंडियों में 17 मार्च को क्या रहे फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

 

मंडी फसल न्यूनतम अधिकतम
पिपरिया गेहूँ 1400 1700
पिपरिया चना 3650 4860
पिपरिया मक्का 900 1200
पिपरिया मूंग 4350 6300
पिपरिया सोयाबीन 4400 4780
पिपरिया तुअर 4700 7350
पिपरिया धन 2100 2820
पिपरिया मसूर 4900 5200
रतलाम लोकवन गेहूँ 1650 1916
रतलाम इटालियन चना 4900 5200
रतलाम मेथी 5801 5801
रतलाम पिला सोयाबीन 5000 5500
हरदा गहू 1635 1800
हरदा चना 1800 4855
हरदा तुअर 4500 5899
हरदा कट्टू चना 6590 6900
हरदा सोयाबीन 3000 5535
हरदा मूंग 3000 8522
हरदा उड़द 4301 4301
हरदा सरसों 800 4793
हरदा मक्का 1212 1317
हरदा डॉलर चन्ना 7001 7001
खरगोन कपास 5000 7000
खरगोन गेहूँ 1652 1971
खरगोन चना 4500 5262
खरगोन मक्का 1261 1371
खरगोन तुअर 5800 6560
खरगोन सोयाबीन 5056 5471
खरगोन डॉलर चन्ना 7000 7675
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तरबूज की फसल में इन उपायों से बढ़ाएं फूलों की संख्या

How to increase the number of flowers in watermelon crop
  • तरबूज की फसल की बुआई को लगभग एक माह पूरा हो चुका है।
  • एक माह की अवस्था को पूर्ण करने के बाद तरबूज की फसल में फूल अवस्था शुरू हो जाती है।
  • फूल लगने की अवस्था में अच्छे फूल उत्पादन एवं असमय फूलों को गिरने से बचाने के लिए कुछ उपाय करना बहुत आवश्यक होता है।
  • फूलों के अच्छे उत्पादन एवं फूलों को गिरने से बचाने के लिए होमोब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • इसी के साथ तरबूज़ के पौधे के अच्छे विकास एवं वृद्धि हेतु जिब्रेलिक एसिड @ 300 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मेरा राशन एप से देश के किसी भी हिस्से में प्राप्त कर सकते हैं राशन

Mera Ration App

भारत सरकार द्वारा एक महत्वाकांक्षी योजना संचालित की जा रही है, जिसे वन नेशन वन राशन कार्ड के नाम से जाना जाता है। इस योजना के अंतर्गत मुफ्त एवं सस्ते राशन उपलब्ध कराये जाते हैं। अब राशन व्यवस्था को और ज्यादा व्यवस्थित करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की तरफ से एक मोबाइल एप शुरू किया गया है।

इस एप से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। ये लाभार्थी इस एप से स्वयं यह जान पाएंगे कि उनको कितना अनाज मिलेगा। इस नए एप का नाम “मेरा राशन एप” है। इस एप का मुख्य लक्ष्य राशन वितरण प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता लाना होगा।

इस एप का सबसे ज्यादा लाभ प्रवासी लोगों को मिलेगा, क्योंकि इस वन नेशन वन राशन कार्ड के अंतर्गत कार्ड धारक देश के किसी भी क्षेत्र में किसी भी राशन दुकान से अनाज प्राप्त कर सकता है। इस योजना का लाभार्थी अपने आसपास में मौजूद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चलने वाले राशन की दुकानों की भी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है।

स्रोत: कृषि जागरण

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कल से मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में शुरू हो जाएगा बारिश का दौर, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य भारत के कई क्षेत्रों में 18 मार्च से बारिश का दौर शुरू हो सकता है। बारिश के साथ साथ बिजली चमकने की भी संभावना जताई जा रही है। 19, 20 और 21 मार्च तक बारिश का यह दौर इन क्षेत्रों में जारी रहने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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मिट्टी परीक्षण की आवश्यकता क्यों होती है और इससे क्या फायदे मिलते हैं?

Why soil testing is required
  • मिट्टी में पोषक तत्वों के स्तर की जांच करके फसल एवं किस्म के अनुसार तत्वों की संतुलित मात्रा का निर्धारण कर खेत में खाद एवं उर्वरक मात्रा की सिफारिश हेतु मिट्टी परीक्षण करवाना बहुत जरूरी होता है।
  • मिट्टी की अम्लीयता, लवणता एवं क्षारीयता की पहचान एवं सुधार हेतु सुधारकों की मात्रा व प्रकार की सिफारिश कर इस प्रकार की भूमि को कृषि योग्य बनाने हेतु महत्वपूर्ण सलाह एवं सुझाव देने के लिए मिट्टी परीक्षण आवश्यक होती है।
  • फल के बाग लगाने के लिये भूमि की उपयुक्तता का पता लगाने हेतु भी यह जरूरी होता है।
  • मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार करने के लिये भी मिट्टी परीक्षण करना जरूरी होता है। यह मानचित्र विभिन्न फसल उत्पादन योजना निर्धारण के लिये महत्वपूर्ण होता है तथा क्षेत्र विशेष में उर्वरक उपयोग संबंधी जानकारी देता है।
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मध्य प्रदेश के मंडियों में 16 मार्च को क्या रहे फसलों के भाव

Mandi Bhaw Madhya Pradesh

 

मंडी फसल न्यूनतम अधिकतम
अलोट सोयाबीन 5300 5641
अलोट गेहूँ 1620 1731
अलोट चन्ना 4381 4911
अलोट मेथी 5555 5701
अलोट धनिया 4700 5400
पिपरिया गेहूँ 1400 1730
पिपरिया चन्ना 3600 4980
पिपरिया मक्का 1000 1250
पिपरिया मुंग 4400 6700
पिपरिया सोयाबीन 4560 4800
पिपरिया तुवर 4800 7200
पिपरिया धन 2100 2800
पिपरिया मसूर 5000 5270
खरगौन कपास 5000 6901
खरगौन गेहूँ 1641 2007
खरगौन चन्ना 4552 5152
खरगौन मक्का 1357 1381
खरगौन तुवर 5891 6731
खरगौन सोयाबीन 5344 5565
खरगौन डॉलर चन्ना 7297 7601
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तरबूज की फसल में थ्रिप्स कीट के प्रकोप का ऐसे करें नियंत्रण

Control measures of thrips in watermelon
  • थ्रिप्स कीट के शिशु एवं वयस्क रूप तरबूज के पौधों की पत्तियों को खुरचकर रस चूसते हैं। पौधे के कोमल डंठल, कलियों व फूलों पर इसका प्रकोप होने पर ये टेढी मेढी हो जाती हैं। इसके प्रभाव के कारण पौधे छोटे रह जाते हैं।
  • इसके नियंत्रण हेतु लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 200 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 50% ईसी @ 400 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 5% एस सी @ 400 मिली/एकड़ की दर से 15 दिन के अन्तराल से छिड़काव करें।
  • कीटनाशक को 15 दिनों के अंतराल में बदलकर उपयोग करें।
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18 मार्च से मध्य प्रदेश के कई जिले में हो सकती है बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य भारत के कई क्षेत्रों में काफी गर्मी बढ़ रही है। तापमान 37-38 डिग्री के आसपास चल रहा है। हालांकि इन क्षेत्रों का तापमान 40 डिग्री पार कर चुका था पर अब थोड़ी सी राहत मिली है।

उम्मीद है कि 18 मार्च से राजस्थान के पूर्वी जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों और विदर्भ जैसे इलाकों में बारिश की गतविधियां बढ़ने कि संभावना है। इसके साथ ही तेज हवाएं चलेगी और बिजली की चमक भी दिखाई देगी।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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