50% सरकारी सब्सिडी पर करें मछली आहार का बिजनेस, होगा बंपर मुनाफा

Now Do fish food business at 50% Government subsidy in MP

मध्य प्रदेश सरकार मछली आहार का बिजनेस करने के इच्छुक लोगों को 50% की सब्सिडी दे रही है। इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश के सभी जिले के हर वर्ग के किसान उठा सकते हैं। 

इस योजना का लाभ उठाने के लिए भूमि संबंधित आवश्यक दस्तावेजों जैसे खसरा तथा नक्शा देना होता है। गौरतलब है कि मछली आहार उत्पादन यूनिट लगाने में तक़रीबन 10 लाख रूपये का खर्च होता और इस योजना के तहत इस खर्च का 50% हिस्सा सब्सिडी के रूप में राज्य सरकार देती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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अगले कुछ दिनों तक मध्य भारत के राज्यों में मौसम सामान्य बना रहेगा

Weather Forecast

मध्य भारत के राज्यों में अगले कुछ दिन मौसम सामान्य बना रहेगा। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में विशेषकर असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं। तमिलनाडु में भी कुछ स्थानों पर होगी बारिश। जबकि उत्तर भारत के मैदानी राज्यों और गंगा के मैदानी क्षेत्रों में बढ़ेगी और सर्दी।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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20 जनवरी तक मध्यप्रदेश में फिर से गिरेगा पारा और बढ़ेगी ठंड

Weather Forecast

कल यानी 19 जनवरी से पुनः एक बार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना। 2 दिनों बाद यानी 20 जनवरी से पूर्वी मध्य प्रदेश तथा आसपास के क्षेत्रों में तापमान में गिरावट होगी।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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गेहूँ की फसल में नुकसान पहुंचाने वाले कीट जड़ माहू का नियंत्रण

How to control the root aphid in wheat crop
  • वर्तमान समय में मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण गेहूँ की फसल में जड़ माहू कीट का काफी प्रकोप हो रहा है।
  • जड़ माहू कीट कीट हल्के पीले रंग से गहरे पीले रंग का होता है। गेहूँ के पौधों को जड़ से उखाड़ कर देखने पर यह कीट जड़ों के ऊपर तने वाले भाग में आसानी से दिखाई देता है।
  • यह कीट गेहूँ के पौधों की जड़ों के ऊपर तने वाले भाग से रस चूसता है, जिसके कारण पौधा पीला पड़ने लगता है और धीरे-धीरे सूखने लगता है। शुरुआत में इसके प्रकोप के कारण खेतों में जगह-जगह पीले पड़े हुए पौधें दिखाई देते हैं।
  • अभी कुछ जगहों पर गेहूँ की बुआई चल रही है या होने वाली है इस समय गेहूँ की बुआई के पहले खेत के मिट्टी का उपचार करना बहुत आवश्यक है। अतः थियामेंथोक्साम 25% WG@ 200-250 ग्राम/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें। साथ ही जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • गेहूँ के बीजों का बीज़ उपचार करके ही बुआई करें। इसके लिए इमिडाक्लोप्रिड 48% FS @ 1.0 मिली/किलो बीज़ या थियामेंथोक्साम 30% FS @ 4 मिली/किलो बीज़ को बीज़ उपचार रूप उपयोग करें।
  • जिन जगहों पर गेहूँ की बुआई हो चुकी है एवं जड़ माहू का बहुत अधिक प्रकोप दिखाई दे रहा है वैसे जगहों पर इसके नियंत्रण के लिए थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें। साथ ही जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • इस प्रकार समय समय पर नियंत्रण के उपाय करके जड़ माहू का नियंत्रण किया जा सकता है।
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मध्य प्रदेश में किसानों को खेत की मेढ़ों पर पेड़ लगाने के लिए मिलेगी सरकारी सब्सिडी

Farmers in MP will get Government subsidy for planting trees on the rams

मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से राष्ट्रीय विकास योजना के तहत एग्रोफारेस्ट्री प्लांटेशन हेतु किसानों को सब्सिडी दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत किसानों को खेतों या खेतों को मेढ़ों पर पेड़ लगाने के लिए 50% सब्सिडी दी जाती है।

इस योजना का उद्देश्य इमारती लकड़ियों की भारी मांग की पूर्ती के साथ साथ फल, पशुचारे, खाद्यान्न तथा ईंधन आदि की पूर्ति करना भी है। इस योजना के अंतर्गत पौधा लगाने में आये खर्च का 50% हिस्सा किसान को उठाना होता है और बाकी 50% हिस्सा राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में देती है। बता दें की इसके अंतर्गत एक किसान को ज्यादा से ज्यादा 50 हजार रूपए की सब्सिडी मिल सकती है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए मध्य प्रदेश के किसान अपने जिले के वानिकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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लाइट ट्रैप में फंस कर मर जाएंगे कीट और फसल रहेगी सुरक्षित

Pests will die by getting trapped in light trap and crop will be safe
  • लाइट ट्रैप प्रकाश से चलने वाला एक यंत्र होता है।
  • इसमें एक बल्ब लगा होता है और बल्ब को जलने के लिए बिजली या बैटरी की जरूरत पड़ती है।
  • बाज़ार में सौर्य ऊर्जा से चार्ज होने वाला लाइट ट्रैप भी उपलब्ध है।
  • जब इस लाइट ट्रैप को जलाया जाता है तो कीट प्रकाश से आकर्षित होकर ट्रैप के पास आ जाते हैं।
  • ट्रैप के पास आकर बल्ब से टकराकर बल्ब के नीचे लगी कीप में कीट गिर जाते हैं।
  • इन कीटों को आसानी से नष्ट किया जा सकता है या कुछ दिनों बार ये खुद मर जाते हैं।
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इन उपायों से आलू की फसल में बढ़ाएं कंद का आकार

What prevention do for tuber formation in potato
  • आलू की फसल में बुआई के 40 दिनों बाद कंद का आकार बढ़ाने के लिए उपाय किये जाने चाहिए।
  • कंद बढ़ाने के लिए सबसे पहला छिड़काव 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से किया जाना चाहिए।
  • इसके बाद दूसरा छिड़काव आलू निकालने के 10-15 दिन पहले 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ एवं इसके साथ पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ की दर से करना चाहिए।
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चने की फसल में 55-60 दिनों में करें ये छिड़काव, मिलेंगे कई फायदे

Benefits of spraying gram crop in 55 - 60 days
  • चने की फसल में 55 -60 दिनों की अवस्था में फल लगने लगते हैं और इस अवस्था में कीट एवं कवक रोगों का प्रकोप अधिक होता है।
  • चने की फसलों में भारी फल उत्पादन बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए समय पर पोषण प्रबंधन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
  • कवक जनित रोगों के लिए: थायोफिनेट मिथाइल 70 WP@ 300 ग्राम/एकड़ या प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC @ 200 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • कीट प्रबंधन के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@60 मिली/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • पोषण प्रबंधन के लिए: 00:00: 50@ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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गेहूँ में बालियों की अच्छी वृद्धि हेतु जरूर अपनाएं ये उपाय

What measure should be done at the stage of spikes development of wheat
  • गेहूँ की फसल में 60 से 90 दिनों की अवस्था बाली निकलने एवं बालियों में दाना भरने की अवस्था होती है।
  • इस अवस्था में गेहूँ की फसल में फसल प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है, इसके लिए निम्र उपाय करना बहुत आवश्यक होता है।
  • होमब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ + 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • किसान भाई 00:52:34 के बदले मजेरसोल @ 5 किलो/एकड़ मिट्टी उपचार के रूप में एवं 800 ग्राम/एकड़ छिड़काव के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
  • बालियाँ निकले की अवस्था में गेहूँ की फसल में कवक जनित रोगों का प्रकोप अधिक होने की सम्भावना होती है। इसके लिए निम्र उत्पादों का उपयोग जरूरी होता है।
  • कवक जनित रोगों से रक्षा के लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% SC 400 मिली/एकड़ दर से छिड़काव करें।
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18 जनवरी तक मध्य प्रदेश समेत इन क्षेत्रों में तापमान में गिरावट जारी रहेगी

Weather Forecast

मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के सभी राज्यों में दक्षिण से आने वाली आद्र हवाओं तथा उत्तरी एवं उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण आगामी 18 जनवरी तक तापमान में गिरावट जारी रहेगी।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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