मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में और बढ़ने वाली है सर्दी

Weather Forecast

मध्य भारत समेत आस पास के अन्य क्षेत्रों में हवाओं का रुख बदलने वाला है जिस वजह से मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों में ठंड का प्रकोप बढ़ने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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गोभी की फसल में डाउनी मिल्ड्यू को कैसे करें नियंत्रित?

Symptoms and How to control Downy Mildew in Cauliflower
  • गोभी के तने पर भूरे धब्बे दिखाई देते हैं जिन पर सफेद फफूंदी मृदुरोमिल होती है।
  • पत्तियों की निचली सतह पर बैगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। 
  • इस रोग के प्रभाव से फूलगोभी का शीर्ष संक्रमित होकर सड़ जाता है।
  • उचित जल प्रबंधन करें ताकि मिट्टी की सतह पर अतिरिक्त नमी न रहे।
  • कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या मेटालैक्सिल 8% + मैनकोज़ेब 64% WP @ 600 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें
  • एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23% SC @ 200 मिली/एकड़ या एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% SC@ 300 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें  
  • फसल चक्र अपनाएं एवं खेत में साफ़ सफाई बनाये रखें।
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गेहूँ की बुआई के 40-45 दिनों में छिड़काव करने से मिलेंगे कई लाभ

Benefits of spray in wheat crop in 40-45 days of sowing
  • गेहूँ की 40-45 दिनों की अवस्था दरअसल फसल वृद्धि की बहुत महत्वपूर्ण अवस्था होती है।
  • इस समय कवक जनित एवं कीट जनित रोगों से भी फसल की सुरक्षा की जाने की जरुरत होती है।
  • कीट नियंत्रण के लिए: इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 60 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • कवक रोगों के लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ की दर करें।
  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • वृद्धि विकास के लिए: होमोब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ या जिब्रेलिक एसिड @ 300 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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किसान पशुधन बीमा से अब पशुधन हानि पर पाएं मुआवजा

Now get compensation on livestock loss with Farmers Livestock Insurance

पशुपालन करने वाले किसान अक्सर पशुधन की हानि को लेकर चिंतित रहते हैं। पर अब पशुधन बीमा योजना के माध्यम से पशुधन हानि की भरपाई संभव हो गई है। इस योजना को मध्य प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दिया गया है।

इस योजना के अंतर्गत एक हितग्राही अधिक से अधिक 5 पशुओं का बीमा करवा सकता है। इस योजना में भेड़, बकरी, सूअर आदि में 10 पशुओं की संख्या को एक पशु इकाई माना जाता है। इसका मतलब ये हुआ कि भेड़, बकरी एवं सूअर पालक एक बार में 50 पशुओं का बीमा करवा सकते हैं।

स्रोत: कृषक जगत

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इंदौर मंडी में क्या चल रहा है प्याज लहसुन और आलू का भाव?

Mandi Bhaw

 

प्याज का भाव
किस्म का नाम भाव
सुपर 1800-2100 रूपये प्रति क्विंटल
एवरेज 1400-1700 रूपये प्रति क्विंटल
गोलटा 900-1200 रूपये प्रति क्विंटल
गोलटी 500-700 रूपये प्रति क्विंटल
छाटन 300-800 रूपये प्रति क्विंटल
लहसुन का भाव
किस्म का नाम भाव
सुपर 5500-6500 रूपये प्रति क्विंटल
एवरेज 4500-5500 रूपये प्रति क्विंटल
मीडियम 3100-4500 रूपये प्रति क्विंटल
हल्की 2000-2500 रूपये प्रति क्विंटल
आलू का भाव
आवक: 15000 कट्टे
किस्म का नाम भाव
सुपर पक्का 1400-1800 रूपये प्रति क्विंटल
ऐवरेज 1100-1300 रूपये प्रति क्विंटल
गुल्ला 600-900 रूपये प्रति क्विंटल
छररी 300-500 रूपये प्रति क्विंटल
छाटन 400-700 रूपये प्रति क्विंटल
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तरबूज़ की फसल में बुआई के समय उर्वरक प्रबंधन

How and why to manage fertilizer at the time of sowing in watermelon crops
  • तरबूज़ की फसल में बुआई के समय उर्वरक प्रबंधन करने से फसल में पोषण से संबंधित समस्याओं से सुरक्षा होती है।
  • उर्वरक प्रबंधन करने से पोषक तत्वों की पूर्ति होती है एवं फसल में पोषक तत्वों की कमी से सुरक्षा होती है।
  • बुआई के समय उर्वरक प्रबंधन करने के लिए DAP @ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 75 किलो/एकड़ + पोटाश @ 75 किलो/एकड़ + जिंक सल्फ़ेट @ 10किलो/एकड़ + मैगनेशियम सल्फ़ेट @ 10 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
  • इस प्रकार उर्वरक प्रबंधन करने से फसल एवं मिट्टी में फॉस्फोरस, पोटाश, नाइट्रोजन जैसे उर्वरकों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
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चने की फसल में बुआई के 40-45 दिनों में करें ये छिड़काव

Benefits of spray in gram crop in 40-45 days of sowing
  • चने की फसल में 40-45 दिनों में छिड़काव प्रबंधन करने से फसल के वृद्धि एवं विकास में काफी लाभ मिलता है।
  • इस समय चने की फसल में फूल एवं फल आने शुरू हो जाते हैं जिसकी वजह से चने की फसल में बहुत अधिक मात्रा में कीट प्रकोप होता है। कीटों के प्रकोप के कारण चने की फसल का उत्पादन बहुत ज्यादा प्रभावित होता है।
  • कीट नियंत्रण के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • कवक रोगो के लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 400 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी@ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • वृद्धि विकास के लिए: होमोब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ या पेक्लोबूट्राज़ोल 40% SC@ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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18 दिसंबर को किसानों के खातों में भेजे जाएंगे 1600 करोड़ रुपये

1600 crore to be sent to farmers' accounts on December 18

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है की प्रदेश के किसानों को आगामी 18 दिसंबर को 1600 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। उन्होंने बताया की 1600 करोड़ रूपये की यह राशि इसी साल हुई सोयाबीन आदि फ़सलों के नुकसान का पैसा है। 

बता दें की 1600 करोड़ रूपये दरअसल कुल राहत राशि का एक हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा है कि एक किस्त अभी देंगे और बाद में दूसरी किस्त भी देंगे। तब तक फसल बीमा योजना की राशि भी आ जाएगी।

स्रोत: नवभारत टाइम्स

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इंदौर के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है भाव?

Mandi Bhaw

 

डिवीजन मंडी फसल न्यूनतम दर
(₹/क्विंटल)
अधिकतम दर
(₹/क्विंटल)
मॉडल दर
(₹/क्विंटल)
इन्दौर खरगोन कपास 3800 5725 4700
इन्दौर खरगोन गेहूँ 1550 1756 1630
इन्दौर खरगोन ज्वार 1170 1175 1175
इन्दौर खरगोन तुअर/अरहर 5456 5571 5571
इन्दौर खरगोन मक्का 1250 1336 1280
इन्दौर खरगोन सोयाबीन 3855 4380 4160
इन्दौर सेंधवा टमाटर 700 1300 1000
इन्दौर सेंधवा पत्ता गोभी 800 1200 1000
इन्दौर सेंधवा फूलगोभी 900 1500 1200
इन्दौर सेंधवा बैंगन 700 1100 900
इन्दौर सेंधवा भिण्डी 900 1300 1100
इन्दौर सेंधवा लौकी 900 1200 1050
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अब किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए नहीं लगाने होंगे बैंकों के चक्कर

kcc

किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा सभी किसानों तक पहुँचाने के लिए सरकार ने अब इसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ दिया है। हालाँकि इस कदम के बाद भी किसान क्रेडिट कार्ड लेने की प्रक्रिया कठिन थी जिसकी वजह से किसान योजना में आवेदन नहीं कर पा रहे थे। अब इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने यूपीपीएम किसान केसीसी मोबाइल एप लांच किया है।

इस एप की मदद से किसान अब घर बैठकर किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे उन्हें काफी सहूलियत होगी और कहीं जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

स्रोत: जागरण

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