Hormone application in brinjal

  • बैंगन की पैदावार बढ़ाने के लिए पादप वृद्धि नियामकों का उपयोग किया जाता हैंं।
  • बुवाई के 45-50 दिनों के बाद, बैंगन की फसल में फूल आना शुरू हो जाते है।
  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% डब्लू/डब्लू 100-120 मिली./एकड़ का स्प्रे करें|

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Spacing in cowpea

  • झाडी़नुमा किस्मों के बीजों को 30 से.मी.X 15 से.मी. की दूरी पर गडढे में 1-2 बीज बोयें।
  • अर्ध चढ़ने वाली किस्मों में 45 सेमी. X 30 सेमी. की दूरी पर रखें।
  • चढ़ने वाली किस्मों में 45-60 सेमी. व्यास, 30-45 सेमी. गहरे आकार के गडढे  2 X 2 मी. की दूरी पर प्रति गडढे में 3 पौधे होना चाहिये।
  • वर्षा ऋतु में बीजों कों 90 से.मी. की चौड़ी और भूमि से ऊँची बेड पर लगाना चाहिए।

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Control of downy mildew in bottle gourd

  • पत्तियों की निचली सतह पर जल रहित धब्बे का निर्माण हो जाता हैं।
  • जब पत्तियों के ऊपरी सतह पर कोणीय धब्बों का निर्माण होता है, प्रायः उसी के अनुरूप ही निचली सतह पर जल रहित धब्बे बनते हैं।
  • धब्बे सबसे पहले पुरानी पत्तियों पर बनते है जो धीरे-धीरे नई पत्तियों पर बनते हैं।
  • ग्रसित लताओं पर फल नही लगते हैं।
  • प्रभावित पत्तियों को तोड़कर नष्ट कर दें।
  • रोग प्रतिरोधी किस्मों को लगाये।
  • फसल चक्र को अपनाकर एवं खेत की सफाई कर रोग की आक्रामकता को कम कर सकते हैं।
  • मैंकोजेब 75% WP @ 400-600  ग्राम / एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 200-250 ग्राम / एकड़ के हिसाब से स्प्रे करें|

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Land preparation in cowpea

  • अच्छी पैदावार के लिये खेत की एक गहरी जुताई कर के 2-3 बार बखर चलाकर मिट्टी को अच्छी भुरभुरी बना ले।
  • खेत को सुविधाजनक आकार के भूखंडों में विभाजित किया गया है।

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Control of fruit fly in snake gourd

  • मेगट (लार्वा) फलों में छेंद करने के बाद उनका रस चूसते है।
  • इनसे ग्रसित फल खराब होकर गिर जाते है।
  • मक्खी अपने अंडे देने वाले भाग से फलों में छेंद करके उन्हे हानि पहुचाती है। इन छेदों से फलों का रस निकलता हुआ दिखाई देता है।  
  • ग्रसित फलों को इकठ्ठा करके नष्ट कर देना चाहिये।
  • परागण की क्रिया के तुरन्त बाद तैयार होने वाले फलों को पाँलीथीन या पेपर के द्वारा लपेट देना चाहिये।
  • इन मक्खीयों को नियंत्रण करने के लिये लौकी के खेत में कतारों के बीच में मक्के के पौधों को उगाया जाना चाहिये, इन पौधों की ऊँचाई ज्यादा होने के कारण मक्खी द्वारा पत्तों के नीचे अण्डे देती है।
  • जिन क्षेत्रों में फल मक्खी का प्रकोप ज्यादा देखा जाता है, वहां पर कार्बारिल 10% चूर्ण खेत में मिलाये|
  • डायक्लोरोवास कीटनाशक का 3 मिली. प्रति ली. पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें|
  • गर्मी के दिनों में गहरी जुताई करके भूमि के अंदर की मक्खी की सुप्त अवस्थाओ को नष्ट करना चाहिये।

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Nutrition management in cowpea

  • उर्वरक की उपलब्धता के आधार पर 2.5-3.5 टन/एकड़  गोबर की खाद की मात्रा खेत की तैयारी के समय भूमि में अच्छी तरह मिला दें।
  • खेत की तैयारी के समय 24 किलो ग्राम कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट, 48 किलो ग्राम सिंगल सुपर फाँस्फेट एवं 20 किलो ग्राम म्यूरेट आफ पोटाश प्रति एकड़ की दर से मिलाये।
  • नत्रजन की आधी मात्रा, फाँस्फोरस व पोटाश की सम्पूर्ण  मात्रा को खेत तैयारी के समय देना चाहिये।
  • अगर बीजों को राइजोबियम कल्चर से उपचारित किया गया हो तो कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट 16 किलो ग्राम डाले।
  • जिंक की कमी वाले खेत में 8 किलो ग्राम/एकड़ की दर से जिंक सल्फेट डाले।
  • नत्रजन की शेष मात्रा को बुवाई के 15-20 दिन बाद दें।

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Control of wilt in okra

  • प्रारंभिक अवस्था में पौधा अस्थाई रुप से मुरझा जाता है किंतु बीमारी का प्रभाव बढ़ जाने पर पौधा स्थाई रुप से मुरझाकर सूख जाता है ।
  • ग्रसित पौधों की पत्तियाँ पीली हो जाती है ।
  • ग्रसित पौधों के तने को काटने पर आधार गहरे भूरे रंग का दिखाई देता है ।
  • भिण्डी को लगातार एक ही खेत में नहीं उगाना चाहिए ।
  • फसल चक्र अपनाना चाहिए ।
  • थायोफनेट मिथाइल 70% WP @ 200-300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • हेक्साकोनाजोल 5% ईसी @ 250-400 मिली/एकड़ का उपयोग भी इस बीमारी की रोकथाम के लिए किया जा सकता हैं ।

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Irrigation management in muskmelon

  • गर्मियों के समय हर हफ्ते फसल में सिंचाई करें।
  • सिंचाई हल्की होनी चाहिए।
  • फलो के पकने के समय बहुत ज्यादा जरूरी हो तभी सिंचाई करें |
  • सिंचाई करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखे की फल अधिक समय तक नमी में न रहे अधिक नमी से फल सड़ जाते हैं|

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Control of fruit rot in brinjal

  • अत्यधिक नमी इस रोग के विकास में सहायक होती है।
  • फलों पर जलीय सूखे हुये धब्बे दिखाई देते है जो बाद में धीरे-धीरे पुरे फलों में फैल जाते है।
  • प्रभावित फलों की ऊपरी सतह भूरे रंग की हो जाती है, जिन पर सफेद रंग की कवक का निर्माण हो जाता है।
  • इस रोग से ग्रसित पौधे की पत्तियों एवं अन्य भागों को तोड़कर नष्ट कर दे।
  • मेंकोजेब 75% WP @ 400 ग्राम प्रति एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 25 % ईसी @ 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें|

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Sowing and seed rate in muskmelon

  • खरबूज की बुवाई के लिए डिबलिंग विधि और रोपाई विधि का उपयोग किया जाता है।
  • खरबूज के बीज की बुवाई 3-4 मीटर चौड़े तैयार बेड पर करें।
  • एक साथ दो बीज बोएं और बेड के बीच 60 सेमी की दूरी रखें।
  • बीज को लगभग 1.5 सेमी गहराई पर डालें ।
  • एक एकड़ भूमि में बुवाई के लिए 300 -400 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

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