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आलू की फसल एक कंदवर्गीय वाली फसल होती है इसी कारण इसमें बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्वों की जरुरत पड़ती है।
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अत: पौध बढ़वार एवं अधिक उत्पादन के लिए उपयुक्त समय एवं उचित मात्रा में पोषण प्रबंधन आवश्यक है।
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बुवाई समय पोषण प्रबंधन करने लिए: यूरिया (एसएसपी के साथ) @ 60 किलो/एकड़ + यूरिया (एसएसपी के बिना) @ 45 किलो/एकड़ की दर से बुवाई के समय खेत में भुरकाव करें।
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समुद्री शैवाल, अमीनो अम्ल, ह्यूमिक अम्ल और माइकोराइजा 2 किलो/एकड़ + एनपीके कंसर्टिया 100 ग्राम/एकड़ + जेडएनएसबी 100 ग्राम/एकड़ + ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम/एकड़ का उपयोग पौधे की अच्छी वृद्धि में सहायक होते हैं।
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इन सभी पोषक तत्वों के साथ ग्रामोफोन की पेशकश “आलू समृद्धि किट” का उपयोग भी आलू की फसल में पोषण प्रबंधन के लिए किया जा सकता है।
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इस किट का उपयोग मिट्टी उपचार द्वारा उर्वरा शक्ति बढ़ने के लिए एवं मिट्टी में पाए जाने वाले अधिकांश हानिकारक कवक को ख़त्म करने के लिए किया जाता है।
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