सोयाबीन खरीफ ऋतू में बोई जाने वाली प्रमुख फसल है। सोयाबीन की फसल की बढ़वार व अच्छे विकास में, पोषक तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। पोषक तत्व की कमी के कारण पौधो की पूरी तरह से विकास नहीं होता है फलस्वरूप बढ़वार रुक जाती है और फूल फलियां भी कम लगते हैं। जिससे उत्पादन में गिरावट आ सकती है। साथ ही इन पोषक तत्व की कमी के कारण पौधों में शारीरिक विकार हो सकते हैं, जैसे – आयरन की कमी के कारण पौधों में हरिमाहीनता हो जाती है।
इसके पूर्ति हेतु फसलों में संतुलित मात्रा में सूक्ष्म एवं मुख्य पोषक तत्वों की, समय-समय पर छिड़काव किया जाना चाहिए। इस अवस्था में वानस्पतिक विकास के लिए, पानी में घुलनशील उरवर्क दयाल (अनमोल) 19:19:19 @ 1 किग्रा + मिक्सॉल (लौह, मैंगनीज, जस्ता, तांबा, बोरॉन, मोलिब्डेनम) @ 250 ग्राम + विगरमैक्स जेल गोल्ड (वानस्पतिक अर्क, समुद्री शैवाल) @ 400 ग्राम, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
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