किसान भाइयों, सोयाबीन की फसल में मोज़ेक वायरस के कारण 8 से 35% तक नुकसान देखा गया है। इस वायरस को फैलाने वाला प्रमुख वाहक सफेद मक्खी होती है। मोज़ेक वायरस के लक्षण सोयाबीन की फसल की किस्मों के अनुसार भिन्न – भिन्न हो सकते हैं। इसके प्रकोप के कारण पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं एवं पत्तियों पर पीले-हरे रंग के धब्बे बन जाते हैं।
अपूर्ण विकास के कारण पत्तियाँ विकृत होकर ऊपर की ओर मुड़ी हुई दिखाई देती हैं। साथ ही पौधे का विकास सही से नहीं हो पाता एवं फली अच्छे से नहीं बन पाती है, जिससे इसका प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है। इसके नियंत्रण के लिए सबसे पहले रस चूसक कीट यानि सफेद मक्खी को नियंत्रित करना आवश्यक होता है।
सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण के लिए निम्न उपाय अपनाएं:-
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पीले स्टिकी ट्रैप @ 8 -10 नग प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में स्थापित करें।
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खरपतवारों का समय पर नियंत्रण करें।
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जैविक नियंत्रण के लिए, बिग्रेड बी (बवेरिया बेसियाना 1.15% डब्ल्यूपी) @ 1 किग्रा + सिलिको मैक्स @ 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
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