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बुआई के 60-70 दिन बाद सोयाबीन की फसल में फली बनने वाली अवस्था होती है, इस समय पॉड ब्लाइट और पॉड बोरर का प्रकोप मुख्यतः देखा जाता है। इसके नियंत्रण के लिए निम्न छिड़काव कर सकते हैं।
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क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC 60 मिली/एकड़ या फ्लूबेंडामाइड 20% डब्ल्यूजी @ 100 ग्राम/एकड़ + स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट आईपी 90% डब्ल्यू/डब्ल्यू + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड आईपी 3% डब्ल्यू/डब्ल्यू @ 20 ग्राम/एकड़ या कासुगामाइसिन 3% एसएल @ 400 मिली/एकड़ + टेबुकोनाजोल 10% + सल्फर 65% डब्ल्यूजी @ 400 ग्राम/एकड़ छिड़काव कर सकते हैं।
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जैविक नियंत्रण में मेटाराइजियम @ 1 किग्रा या बेवेरिया बेसियाना + मेटाराइजियम @ 1 किग्रा/एकड़ की दर से 15 दिनों के अंतराल पर स्प्रे करें। इससे रस चूसक कीट, गर्डल बीटल और पत्ती खाने वाले कैटरपिलर के प्रकोप से बचा जा सकता है।
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इस समय फली में दाना अच्छा बनने के लिए जल घुलनशील उर्वरक 0:0:50 @ 800 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव कर सकते हैं।
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