यह कीट मुख्य रूप से कद्दू वर्गीय फसल पर आक्रमण करता है। लाल पंपकिन बीटल पौधे की पत्तियों को शुरुआती अवस्था में पत्तियों को खाकर छेद कर देता है। यह कीट लौकी की पत्तियों की ऊपरी सतह को खाते हैं। इससे पत्तियां जालीदार हो जाती हैं। प्रकोप बढ़ने पर लौकी की पत्तियों में केवल नसें दिखती हैं जिससे फसल की बढ़वार रुक जाती है।
नियंत्रण: संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट कर देना चाहिए। खेत को खरपतवारों से मुक्त रखना चाहिए। इसके नियंत्रण के लिए टाफगोर (डाइमेथोएट 30% EC) 250 मिली/एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।
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