दीमक एक पोलीफेगस कीट है यह सभी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। दीमक भूमि के अंदर फैले पौधों की जड़ों को बहुत नुकसान पहुँचाता है। प्रकोप अधिक होने पर ये तने को भी खाते हैं।
दीमक आलू, टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी, सरसों, राई, मूली, गेहूँ आदि फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
इस कीट के नियंत्रण के लिए निम्न प्रबंधन करना जरूरी है।
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बीजों को कीटनाशकों के द्वारा बीज़ उपचार करके ही बोना चाहिए।
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कीटनाशक मेटारीजियम से मिट्टी उपचार अवश्य करना चाहिए।
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कच्चे गोबर की खाद का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि कच्चा गोबर इस कीट का मुख्य भोजन है।
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दीमक को नियंत्रित करने के लिए क्लोरपायरीफोस 20% EC @ 1 लीटर को 40 किलो रेत में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में बुवाई के समय डालना चाहिए।
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