मौसम में हुए परिवर्तनों से मूंग की फसल पर हो सकता है बुरा प्रभाव

  • देश के कई क्षेत्रों में पिछले दिनों बारिश हुई है जिसके कारण मिट्टी में नमी की मात्रा बहुत अधिक हो गई है। इसके कारण कवक जनित रोगों का प्रकोप बहुत अधिक हो सकता है।
  • मूंग की फसल में अंकुरण अवस्था में पौध गलन (डंपिंग ऑफ), सर्कोस्पोरा पत्ती धब्बा रोग होने की संभावना अधिक है।
  • इसके नियंत्रण के लिए जरूरी उत्पादों का उपयोग समय से करना बहुत आवश्यक है।
  • सर्कोस्पोरा पत्ती धब्बा रोग: थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 400 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • पौध गलन (डंपिंग ऑफ): कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% @ 30 ग्राम/पंप या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 50 ग्राम/पंप या मैनकोज़ेब 64% + मेटालेक्सिल 8% WP @ 60 ग्राम/पंप की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें । इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

Share

See all tips >>