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इस रोग में पत्तियों पर अनियमित आकार के धब्बे बन जाते हैं। ये धब्बे पीले या भूरे रंग के होते हैं।
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ये धब्बे पत्तियों के शीघ्र पतन का कारण बनते हैं और इन धब्बों के कारण पत्तियो पर भूरे रंग की परत बन जाती है जो कि पौधे के भोजन निर्माण की प्रक्रिया को बाधित करती है।
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इसके नियंत्रण हेतु थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W@ 300 ग्राम/एकड़ या कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 300 ग्राम/एकड़ या हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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या फिर कीटाजिन 48% EC@ 200 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 400 ग्राम/एकड़ या टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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जैविक उपचार के रूप में ट्राइकोडर्मा विरिडी@ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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