Thrips management in Onion

थ्रिप्स (तैला) प्याज का सबसे ज्यादा नुकसान करने वाला कीट है | यह देश सभी क्षेत्रो जहा प्याज उगाया जाता है पाया जाता है | थ्रिप्स (तैला) से ग्रसित प्याज की पत्तियों पर धब्बे रस चूसने के कारण विकसित होते हे जो पीले सफेद के क्षेत्रो में बदलते है | थ्रिप्स के कारण कभी कभी 50-60% उपज में कमी देखी गई है| थ्रिप्स के हमले के कारण बीज की जीवन क्षमता सहित बीज उत्पादन में बाधा आती है।यह कीट बहुत छोटा पीले से गहरे भूरे रंग का होता है| इसका जीवन काल 8-10 दिन होता है| यह हरी पत्तियों के जोड़ पाए जाते जहा यह नई निकलती पत्तियों का रस चूसते है| व्यस्क प्याज के खेत में जमीन में, घास पर और अन्य पौघो पर सुसुप्ता अवस्था में रहते है | सर्दियों में थ्रिप्स (तैला) कंद में चले जाते है और अगले वर्ष संक्रमण के स्त्रोत का कार्य करते है | वे मार्च-अप्रैल के दौरान भारत के उत्तरी हिस्सों में बीज उत्पादन और प्याज कंद पर बड़ी संख्या में प्रजननते हैं| ग्रसित पौधों की वृद्धि रुक जाती है जिनकी पत्तियाँ घूमी हुई होती है | यदि प्रकोप वृद्धि की छोटी अवस्था में लगता है तो कंद निर्माण पुरी तरह बंद हो जाता है और पौधा धीरे धीरे मर जाता है| भंडारण के दोरान भी इसका प्रकोप कंदों पर रहता है| प्रोफेनोफोस @ 45 मिली. / पम्प या एमामेक्टीन बेंजोएट 15 ग्राम/पम्प या स्पिनोसेड @ 10 मिली. का स्प्रे करे| छिडकाव सिलिकोन आधारित साल्वेंट मिला कर करे और जमीन से फिप्रोनिल 0.03% GR @ 5 किलो प्रति एकड़ या फोरेट 10 G @ 4 किलो प्रति एकड़ या कार्बोफ्युरोन 3% G @ 4 किलो प्रति एकड़ देने की अनुशंसा है|

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