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छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी रबी धान की पौधशाला/नर्सरी इस समय चल रही है l
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तापमान में गिरावट एवं पाले जैसी सम्भावना में धान के किसानों को पौधशाला का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
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साथ ही इस अवस्था में फसल में तना छेदक, रस चूसक कीट व जड़ गलन रोग के प्रकोप की सम्भावना अधिक होती है।
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इसके प्रबंधन के लिए करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोज़ेब 63% डब्ल्यूपी) @ 30 ग्राम + फिपनोवा (फिप्रोनिल 5% एससी) @ 30 ग्राम प्रति पंप की दर से छिड़काव करें।
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खरीफ धान की पौधशाला की तुलना में रबी धान की पौधशाला में 10 से 15 दिन अधिक लगता है एवं धान की जड़ों का विकास भी कम दिखता है। इसके लिए ह्यूमिक एसिड @ 10 ग्राम प्रति पंप की दर से छिड़काव करें।
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