धान की फसल में बालियां निकलने के पहले पोषक तत्व प्रबंधन

किसान भाइयों, धान की अधिक पैदावार लेने के लिये बूटिंग अवस्था (बालियां निकलने के पहले) में पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण उपाय है। धान की फसल में बूटिंग अवस्था रोपाई के 60-65 दिनों में शुरू हो जाती है। इस अवस्था में पोषण प्रबंधन उचित तरीके से इस प्रकार करें:-  

पोषण प्रबंधन:- धान की अधिक पैदावार लेने के लिये, यूरिया 40 किलो + एमओपी 10 किग्रा + कैलबोर 5 किग्रा, प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करना बहुत आवश्यक है। 

यूरिया:- धान की फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसके उपयोग से, पत्तियो में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है।

MOP (म्यूरेट ऑफ़ पोटाश):- पोटैशियम धान के पौधे में संश्लेषित शर्करा को पौधे के सभी भागो  तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पोटैशियम प्राकृतिक नाइट्रोजन की कार्य क्षमता को बढ़ावा देता है, साथ ही पौधों में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है। 

कैलबोर:- इस उत्पाद में कैल्शियम 11% + मैग्नीशियम 1.0 % + सल्फर 12 % + पोटेशियम  1.7 +  बोरॉन  4% का मिश्रण शामिल है जो पोषण, विकास, प्रकाश संश्लेषण, शर्करा के परिवहन और कोशिका भित्ति निर्माण के लिए आवश्यक हैं। कैलबोर  आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले अधिकांश उर्वरकों और कृषि रसायनों के साथ संगत किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

See all tips >>