धान की फसल के लिए नर्सरी क्षेत्र का चुनाव और नर्सरी की तैयारी

  • स्वस्थ एवं रोगमुक्त पौध तैयार करने के लिए उचित जल-निकास एवं उच्च पोषक तत्व युक्त दोमट मिट्टी उपयुक्त है तथा सिंचाई के स्रोत के पास पौधशाला का चयन करें। 
  • नर्सरी क्षेत्र को गर्मियों में अच्छी तरह 3-4 बार हल से जुताई करके खेत को खाली छोड़ने से मृदा संबंधित रोगों में काफी कमी आती है। 
  • बुआई के एक महीने पहले नर्सरी की तैयारी की जाती है। नर्सरी क्षेत्र में 15 दिनों के अंतराल पर पानी देकर खरपतवारों को उगने दिया जाए तथा हल चलाकर या 
  • नॉन सलेक्टिव खरपतवारनाशी जैसे कि पैराक्वाट डाइक्लोराइड 24% SL या ग्लाईफोसेट 41% SL @ 1000 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करके खरपतवारों को नष्ट कर दें। ऐसा करने से धान की मुख्य फसल में भी खरपतवारों की कमी आयेगी। 
  • 50 किलो सड़ी गोबर की खाद में 1 किलो कम्पोस्टिंग जीवाणुओं को मिलाएं। तब खेत की सिंचाई करें और दो दिनों तक खेत में पानी रखें।
  • क्यारियों की उचित देखभाल के लिए 1.5-2.0 मीटर चौड़ाई तथा 8-10 मीटर लंबाई रखनी चाहिए। नर्सरी के लिए 400 वर्ग मीटर क्षेत्र की आवश्यकता होती है।
  • नर्सरी में फसल को उचित वानस्पतिक वृद्धि के साथ-साथ जड़ के विकास की भी आवश्यकता होती है। यूरिया 20 किग्रा + ह्यूमिक एसिड 3 किग्रा प्रति एकड़ नर्सरी में बिखेर दें।  
  • वर्षा आरम्भ होते ही धान की बुआई का कार्य आरम्भ कर देना चाहिये। जून मध्य से जुलाई प्रथम सप्ताह तक बोनी का समय सबसे उपयुक्त होता है।
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