जैव उर्वरक क्या है?

  • मिट्टी की उर्वरता को बनाये रखने के लिए एवं फसल के अच्छे उत्पादन के लिए प्राकृतिक रूप से कुछ ऐसे जीवाणु या सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं जिन्हे हम जैव उर्वरक कहते हैं।
  • जैव उर्वरक वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोज़न को अमोनिया के रूप में परिवर्तित कर के पौधों को प्रदान करते हैं।
  • यह भूमि में मौजूद अघुलनशील फास्फोरस को घुलनशील अवस्था में परिवर्तित कर के सरलता से पौधों को उपलब्ध करवाते हैं।
  • जैव उर्वरक पूर्णतः प्राकृतिक होते हैं इसलिए इनका पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • यह मिट्टी के भौतिक जैविक गुणों को बढ़ाने में सहयता करते हैं एवं मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं।
  • जीवाणु खाद का प्रभाव फसल एवं मिट्टी में बहुत धीरे-धीरे दिखाई देता है। खेत की एक ग्राम मिट्टी में लगभग दो-तीन अरब सूक्ष्म जीवाणु पाये जाते हैं जिसमें बैक्टिरीया, कवक आदि उपस्थित होते हैं जो मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने व फसलोत्पादन की वृद्धि की दिशा में कार्य करते हैं।
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