जिंक घुलनशील बैक्टीरिया खेती के लिए है वरदान, फसलों को मिलते हैं कई लाभ

  • जिंक एक अनिवार्य सुक्ष्म पोषक तत्व है जो पौधों के विकास के लिए बेहद आवश्यक हैं। परन्तु यह मिट्टी में अनुपलब्ध रूप में रहता हैं जिसे पौधे आसानी से उपयोग नहीं कर पाते। धान में ‘खैरा रोग’ के नियंत्रण के लिए यह सूक्ष्म तत्व बेहद सहायक होता है।

  • जिंक घुलनशील बैक्टीरिया को मिट्टी में मिलाने से अनेक फायदे मिलते हैं। इससे उर्वरक उपयोग दक्षता में सुधार होता है साथ हीं फसल की उपज अच्छी होती है, फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। यह मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और हार्मोन की सक्रियता को बढ़ाने का भी कार्य करता है।

  • जिंक घुलनशील बैक्टीरिया मिट्टी में कार्बनिक अम्ल उत्पन्न करते हैं, जिससे अनुपलब्ध अवस्था में पड़े जिंक के तत्व को पौधों के लिए उपलब्ध रूप में बदल जाते हैं, इसके अलावा ये मिट्टी के pH का संतुलन बनाए रखते हैं।

  • अंतिम जुताई या बुवाई के समय, “जिंक घुलनशील बैक्टीरिया” को 2-4 किलो अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से भुरकाव करें।

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