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कद्दू वर्गीय फसलों में मधुमक्खी परागण प्रक्रिया को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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मधुमक्खी के द्वारा परागण की क्रिया को कद्दू वर्गीय फसल में 80% तक पूरा किया जाता है।
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मधुमक्खियों के शरीर में बाल अधिक संख्या में पाये जाते हैं, जो परागकणों को उठा लेते हैं। इसके बाद परागकण को मादा फूलों तक पहुँचाते हैं।
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बता दें की मधुमक्खी फसलों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुँचाती है।
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उपर्युक्त क्रिया के बाद, निषेचन की क्रिया पूर्ण हो जाती है और पौधे में फूल से फल बनने की क्रिया शुरू हो जाती है।
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ठंढ के मौसम में मधुमक्खी सुषुप्त अवस्था में रहती है इसलिए ऐसी स्थिति में स्वयं परागण करवाना चाहिए।
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