इस साल अप्रैल और मई के महीने में भीषण गर्मी से निजात मिली रही। हीटवेव कभी चरम पर पहुंची भी तो तेज हवाओं और बारिश के दौर ने संतुलन बनाए रखा और लोगों को गर्मी से राहत मिलती रही। दिल्ली की सफदरजंग के मौसम से जुड़े रिसर्च सेंटर का मानना है कि साल 2014 के बाद ऐसा हुआ है कि मानसून से पहले कोई हीटवेव रिकॉर्ड नहीं हुई है। हालांकि दिल्ली एनसीआर के कुछ इलाकों में बीच बीच में जनता को लू का सामना करना पड़ा था। मई के महीने में ज़्यादातर दिनों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम ही दर्ज किया गया।
स्रोत: दैनिक जागरण
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