उर्वरकों से जुड़ी यह योजना बदल देगी किसानों की किस्मत

कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंग है। हालांकि आर्थिक तौर पर यह क्षेत्र उतना संवेदनशील भी है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोग यानी किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके। इसी कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा ‘पीएम प्रणाम योजना’ शुरूआत है।

इस योजना पूरा नाम ‘कृषि प्रबंधन हेतु वैकल्पिक पोषक तत्वों का संवर्धन’ है, जिसका मतलब यूरिया जैसे खाद के स्थान पर विकल्प के तौर पर दूसरे पोषक तत्वों के उपयोग को बढ़ावा देना है। वहीं इस योजना का उद्देश्य उर्वरकों के संतुलन के उपयोग को प्रोत्साहित करना है और साथ ही जैविक उर्वरकों के संयोजन को बढ़ावा देना है। इसके  साथ ही योजना के माध्यम से रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को भी कम करने का प्रयास किया जाएगा।

इस योजना की विशेषताएं:

  • इस योजना में अलग से कोई भी बजट निर्धारित नहीं किया जाएगा।

  • योजना में किया जाने वाला खर्च उर्वरक विभाग द्वारा केंद्र और राज्य में चलाई जा रही संचालित और मौजूदा योजनाओं के माध्यम से बचाया जाएगा, इस बची हुई राशि को वित्त पोषित कर पीएम प्रणाम योजना में लगाया जाएगा।

  • राज्यों द्वारा जो पैसा बचाया जाएगा उसका 50% हिस्सा अनुदान के तौर पर राज्य को ही वापस कर दिया जाएगा। जहां इस अनुदान का 70% वैकल्पिक उर्वरकों के तकनीकी खर्च एवं वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण में किया जाएगा, बाकी बचा 30% अनुदान राशि का उपयोग किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा।

  • इतना ही नहीं केंद्र द्वारा एक साल में उपयोग हुए यूरिया की तुलना पिछले तीन वर्षों के दौरान यूरिया की औसत खपत से की जाएगी, ताकि इस योजना से होने वाले लाभ की गणना की जा सके।

स्रोत: आज तक

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