कपास की फसल में हरा तेला की समस्या एवं नियंत्रण के उपाय

क्षति के लक्षण

इस कीट की शिशु और प्रौढ़ दोनों ही फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। यह कीट पौधों के तनों, पत्तियों और फूलों से रस चूसकर पौधों की वृद्धि को रोकते हैं। जिससे पौधे कमजोर, छोटे और बौने रह जाते हैं। इस कारण उपज कम हो जाती है और इस कीट द्वारा रस चूसने से पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। इनके अधिक प्रकोप होने पर पौधा मर जाता है।

नियंत्रण के उपाय:-

  • किसान भाई कीट प्रकोप की जानकारी के लिए, पीले चिपचिपे ट्रैप (येलो स्टिकी ट्रैप) @ 8-10 प्रति एकड़, के हिसाब से खेत में स्थापित करें।

  • जैविक नियंत्रण के लिए, ब्रिगेड बी (बवेरिया बेसियाना 1.15% डब्ल्यूबी) @ 1 किग्रा/एकड़ 150 -200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए, मीडिया (इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एसएल) @ 50 मिली या थियामिथोक्साम 25% डब्ल्यू जी @ 40 ग्राम, या लांसर गोल्ड (ऐसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% एसपी) @ 400 ग्राम + (सिलिकोमैक्स) @ 50 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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