कपास की फसल में सूत्रकृमि पहुंचाएगा नुकसान, जानें प्रबंधन के सही उपाय

पौधों के जड़ों पर गांठें बनना सूत्रकृमि के प्रकोप के मुख्य लक्षण हैं। इसके कारण रोग ग्रस्त पौधे की जड़ों पर छोटी-छोटी गांठें बन जाती हैं, जिसकी वजह से पौधे में पोषक तत्व व जल सुचारु रूप से नहीं पहुंच पाते। इससे पौधे का विकास रुक जाता है और पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। फलस्वरूप पौधा सूख जाता है और पैदावार कम हो जाती है।

नियंत्रण के उपाय:

  • गर्मियों में खेत की हल्की सिंचाई के बाद 2-3 गहरी जुताई 10-12 दिन के अंतर पर करें। इससे सूत्रकृमि ऊपरी सतह पर आकर अधिक तापमान से नष्ट हो जाते हैं। 

  • इसके नियंत्रण के लिए, निमेटो फ्री प्लस (वर्टिसिलियम क्लैमाइडोस्पोरियम) 2-4 किलो/एकड़ में खेत की तैयारी व बुवाई के समय उपयोग करें।

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