कपास की फसल में गुलाबी इल्ली के नियंत्रण के उपाय

किसान भाइयों, गुलाबी सुंडी या इल्ली आपकी कपास के डेंडु को बहुत अधिक नुकसान पहुँचाती है। शुरुआती दौर में ये कपास के फूल पर पायी जाती है। ये फूल से कपास के परागकण को खाने के साथ ही कपास के बन रहे नए डेंडु में छेद करके अंदर चली जाती है और कपास के बीज को खाना शुरू कर देती है। इस कारण कपास का डेंडु अच्छी तरह से तैयार नहीं हो पाते है और कपास में दाग लग जाता है। 

इस कीट की पहचान करने के लिए फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करें, यह इंगित करता है कि फसलों में कौनसे कीट का प्रकोप है और कितनी मात्रा में है। 

गुलाबी सुंडी या इल्ली के रोकथाम के लिए आपको रासायनिक उत्पाद के कम से कम 3 छिड़काव करने होंगे, आइये जानते हैं कि ये छिड़काव आपको कब और कितनी मात्रा में करने हैं। कपास की बुआई के 40 से 45 दिन में कपास की फसल में फूली पूड़ी की अवस्था आती है। जैसे ही आपके कपास में 20% से 30% फूल आना शुरू हो जाते हैं उसी दौरान आपको – 

नियंत्रण के उपाय 

@ 250 ग्राम  + न्यूट्रीफुल मैक्स (फुल्विक + अमीनो + ट्रेस एलिमेंट्स) @ 250 मिली + सिलिको मैक्स @ 50 मिली/एकड़ की दर से पहला छिड़काव करें। 

  • इसके बाद दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 13 से 15 दिन के बाद करना है। इस छिड़काव के लिए प्रोफेनोवा सुपर (प्रोफेनोफॉस 40% ईसी + साइपरमैथिन 4% ईसी) @ 400 – 600 मिली + बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना 5% डब्ल्यूपी) @ 250 ग्राम + सिलिको मैक्स @ 50 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • तीसरा छिड़काव आपको दूसरे छिड़काव के 15 दिन बाद करना है। बाराज़ाइड (नोवालुरॉन 5.25% + इमामेक्टिन 0.9% एससी) @ 600 मिली + बवे कर्ब (बवेरिया बेसियाना 5% डब्ल्यूपी) @ 250 ग्राम  + सिलिको मैक्स @ 50 मिली / एकड़ के  हिसाब  से छिड़काव करके किसान भाई गुलाबी इल्ली प्रकोप से अपनी कपास की फसल को बचा सकते है। 

कपास की गुलाबी इल्ली के लिए सावधानियाँ:- 

  • कपास की फसल को गुलाबी इल्ली से बचाने के लिए गर्मी के दिनों में गहरी जुताई करना चाहिए | 

  • पुरानी फसल के अवशेष एवं खरपतवारों को नष्ट करना चाहिए |

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